कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के आरोप में रुद्रप्रयाग के जज हुए निलंबित | Rudraprayag Session Judge get suspend

रुद्रप्रयाग के जिला एवं सत्र न्यायाधीश और हाईकोर्ट के पूर्व (Rudraprayag Session Judge get suspend) रजिस्ट्रार विजिलेंस अनुज कुमार संगल को निलंबित कर दिया गया है। संगल पर हाई कोर्ट का रजिस्टर विजिलेंस रहते अपने अधीन कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का उत्पीड़न करने के आरोप पर सुनवाई हुई हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के निर्देशों पर रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी की ओर से जिला जल रुद्रप्रयाग अनुज संगल का निलंबन आदेश जारी किया गया।

कार्यवाहक मुख्या न्यायाधीश के निर्देश पर जनरल रजिस्ट्रार जनरल आशीष मैथानी के द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि अनुज कुमार संगल जिला एवं सत्र न्यायाधीश रुद्रप्रयाग के खिलाफ कुछ आरोपी आरोपी पर अनुशासन आत्मक जांच पर विचार किया जा रहा है उनके खिलाफ उत्तराखंड सरकारी सेवक नियम 2003 के नियम 7 के तहत नियमित जांच शुरू की जाएगी जिसके चलते अनुज कुमार संगल को तत्काल रूप से निलंबित किया जाता है। निलंबन (Rudraprayag Session Judge get suspend) की समय में वे जिला और सत्र न्यायालय चमोली में संबद्ध रहेंगे।

क्या है अनुज संगल पर आरोप | Rudraprayag Session Judge get suspend


अनुज संगल के खिलाफ दायर की गई आज का में उन पर आरोप है कि रजिस्टर के रूप में अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने अपने घर पर तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से अपशब्द कहकर सेवा से नौकरी से हटाने की धमकी देकर प्रताड़ित किया किसी अधीनस्थ को परेशान करना और सेवा से हटाने की धमकी देना एक न्यायिक अधिकारी के लिए अमान्य और अशोभनीय बात है। यह उत्तराखंड सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 2002 के नियम 3(1) और 3(2) के विरुद्ध है।

प्रताड़ना से परेशान कर्मचारी ने उठाया आत्मघाती कदम | Rudraprayag Session Judge get suspend


अनुज कुमार संगल के द्वारा उनके आवास पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित रूप से डांट फटकार कर सुबह 8:00 बजे से रात को 10:00 बजे तक तो कभी ज्यादा समय तक ड्यूटी पर परेशान किया गया साथ ही उक्त कर्मचारी के कार्य समय और कार्य की प्रकृति के संबंध में अपने जवाब 18 नवंबर 2023 में गलत बताकर तथ्य बढ़कर अनुशासन आत्मक प्राधिकारी को गुमराह करने का प्रयास भी किया।


अनुज संगल ने शिकायतकर्ता की अर्जित छुट्टियों की मंजूरी की प्रक्रिया में देरी करके अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। जिसके फल स्वरुप उसका वेतन समय पर नहीं निकाला जा सका। संगल के द्वारा की गए इतनी प्रताड़ना के कारण उक्त चतुर श्रेणी कर्मचारियों ने 3 जनवरी 2023 को संगल के आवास के सामने आत्महत्या आत्मघाती कदम उठाया।

आपको बता दें कि किसी कर्मचारी की छुट्टी स्वीकृत करने की प्रक्रिया में जान पूछ कर देरी करना और उसके वेतन रोकना या गलत व्यवहार करके अधीनस्थ को अपने कदम उठाने के लिए मजबूर करना एक अमानवीय व्यवहार है। (Rudraprayag Session Judge get suspend) उन्होंने अपने अनुचित प्रभाव का उपयोग करके चतुर्थ श्रेणी कर्मी के द्वारा अपने कदम उठाने के पूरे मामले को मुख्य न्यायाधीश से छुपाने का भी प्रयास किया है, जो कि उत्तराखंड सरकारी सेवक आचरण के नियम 3(1) और 3 (2) के तहत कदाचार है।

यह भी पढ़े |

सैमसंग ने गैलेक्सी एस24 उपयोगकर्ताओं को मुफ्त ऑफर और एआई-संचालित स्मार्टफोन के साथ आश्चर्यचकित किया