आज राम नवमी के पर्व पर (Ram Navami 2024) सूर्य किरणों ने रामलला का तिलक किया। दो साल की तैयारी के बाद आज दोपहर 12:00 बजे करीब 4 मिनट तक सूर्य की किरणों ने रामलला का सूर्य तिलक किया।
जानिए किसके द्वारा तैयार किया गया डिजाइन (Ram Navami 2024)
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा सूर्य तिलक मेकैनिज्म को तैयार किया गया। इस डिजाइन को तैयार करने में पूरे 2 वर्ष लग गए थे। आपको बता दें कि राम मंदिर के डिजाइन का काम 2021 में शुरू किया गया था।
वैज्ञानिकों की टीम ने सूर्य तिलक मेकैनिज्म को इस तरह से डिजाइन किया है कि हर साल रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 बजे करीब 4 मिनट तक सूर्य की किरणें भगवान राम की प्रतिमा के माथे पर पड़ेंगी। इस कार्य में सीबीआरआई के साथ सूर्य के पथ को लेकर तकनीकी मदद बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) द्वारा भी की गई है। इसमें बेंगलुरु की एक कंपनी ऑप्टिका ने लेंस और ब्रास ट्यूब का निर्माण किया है। Ram Navami 2024
जानिए कैसे किया गया सूर्य तिलक (Ram Navami 2024)
जानकारी के अनुसार प्रोजेक्ट सूर्य तिलक में एक गियर बॉक्स, रिफ्लेक्टिव मिरर और लेंस की व्यवस्था इस तरह से की गई है कि मंदिर के शिखर के पास तीसरी मंजिल से सूर्य की किरणों को गर्भ ग्रह तक लाया गया। इस प्रोजेक्ट में सूर्य के पथ बदलने के सिद्धांतों का उपयोग किया गया। वैज्ञानिकों के अनुसार रामलला की मूर्ति पर सूर्य तिलक शत प्रतिशत माथे पर अभिषेक हुआ।
आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट में गियर बॉक्स सूर्य तिलक मेकैनिज्म में बिजली, बैटरी या लोहे का उपयोग नहीं किया गया है। राम मंदिर में लगा मेकैनिज्म पहली बार इस तरह का प्रयोग है। Ram Navami 2024
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