CDSCO के द्वारा 53 दवाएं टेस्ट में हुई फेल, पैरासिटामोल समेत डायबिटीज दावा भी शामिल, देखें लिस्ट

53 Medicines Fail In Quality Test

53 Medicines Fail In Quality Test: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने बीते दिन पेरासिटामोल समेत 53 दवाई दवाओं को क्वालिटी टेस्ट में फेल कर दिया है। इससे पूर्व में भी सीडीएससीओ के द्वारा 156 Fixed Dose दवाओं को बैन किया गया था। आपको बता दें कि सीडीएससीओ का मानना है कि यह दवाएं सेहत के लिए हानिकारक है। सीडीएससीओ के द्वारा Quality Test में फेल की गई दावों में दर्द की दवा डाइक्लोफिनेक बुखार की दवा पेरासिटामोल एंटी फंगल मेडिसिन फ्लूकोनाजोले के साथ विटामिन की भी कुछ दवाई शामिल है। पैरासिटामोल समेत डायबिटीज दावा भी शामिल आपको बता दें की क्वालिटी टेस्ट में फेल की गई दवाई देश की बड़ी-बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनी के द्वारा बनाई जा रही है क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद इस दावों को सेहत के लिए खतरनाक बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार 53 दवाई टेस्ट में फेल हुई है लेकिन CDSCO के द्वारा अभी केवल 48 दावों की लिस्ट जारी की गई है क्योंकि जिन बची हुई पांच दावों को फेल किया गया है उन्हें बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि यह उनकी दवा नहीं है। देखें लिस्ट 1) Pulmosil (Sildenafil injection) Sun Pharma 2) Pantocid (Pantoprazole tablet) Sun Pharma 3) Clavam 625 (Antibiotic) Alkem Pharma 4) Shelcal 500 (Calcium and Vit D3) Pure & Cure Pharma 5) Glycimet SR -500 (oral tablet for diabetes) Scott-Edil Pharma 6) Bio Typh ( Vi Polysaccharide Typhoid Vaccine) Spurious (Manufacturer name not mentioned on CDSCO website) 7) Tetanus Vaccine (AbhayTox) Human biological Institute 8) Paziva 40 (Antacid) Gnosis Pharma 9) Pantomed 40 (Antacid) Digital Vision 10) Cefixime Suspension. (Antibiotic) Nestor Pharma 11) Moxymed CV (Antibiotic) Alexa Pharma 12) Ivermectin Tablet 6 mg (Anthelmintic/ anti malaria) J Duncan Health care 13) Fungobee Capsule (Itraconazole: Anti fungal) Bonsai Pharma 14) HiRing RL ( Ringer Lactate Injection) Higgs Healthcare 15) Medipanto (Pantoprazole 40 mg) Bonsai Pharma 16) Cephalexin Oral Suspenion 125/500 ( Antibiotic) Nestor Pharma 17) Salbutamol Nebuliser (5 mg/ml) (commonly used in asthma) Cotec Healthcare 18) Sodium Valporate gastro resistant 200 mg (commonly used for seizures in epilepsy) Unicure India 19) Cilader 10 (medicine for BP) Alventa Pharma 20) Bioglip 1 tablet (medicine for diabetes) IBN Herbals 21) Ciprofloxacin (Antibiotic) Wings Biotech 22) Propylene Glycol IP Manali Prtrochemicals 23) Propylene glycol USP/IP Balaji Amines Ltd 24) Ringer Lactate solution 50 ml. Vision Parenteral Pvt Ltd 25) Esomedge 40 (esomoprazole for acidity) GlenSmith Labs 26) Liquid Paraffin Kerala State Drugs & Pharmaceutical 27) Losartan potassium 50 mg. (For BP) Hindustan Antibiotics 28) Amloheart AT ( for BP) Lividus Pharma 29) Bacotil 200 ( Antibiotic) Zenith Health Care 30) Oseltamivir 75 mg (Antiviral tablet) Kerala Medical Service 31) Cyra tablet (for acidity). Mepro Pharma 32) Rabedin (for acidity) LV Life science 33) Moxtas Distab 250 (Antibiotic) Wings Novitas Healthcare 34) Tolcenta P (analgesic) Zenomed Health Care 35) Tebutaline, Bromhexin with Guaiphenesin Syrup (Cough Syrup) Priya Life Sciences 36) Metoprolol Tablet (for BP) Scott Edil Pharma 37) Cuftin Cough Syrup. Elfos Laboratories 38) CefuroximeAxetil Tablet (Antibiotics) Daxin Pharma 39) Levosalbutamol, Ambroxol, Guaiphenesin Syrup (cough syrup). Esquire Drug House 40) Mexclav 625 (Antibiotic) Meg Life sciences कंपनियों का आरोप है कि उनके नाम से नकली दवा बाजार में बेची जा रही है दावों में फेल होने वाली सन फार्मा की पैंटोसिड टेबलेट भी है जो की एसिड रिफ्लक्स के लिए इस्तेमाल की जाती है, जो कि बीते सालों में काफी डिमांड में है हालांकि यह दावा भी टेस्ट में पास नहीं हो पाई है। पैंटोसिड टेबलेट के साथ ही हाई बीपी की शेल्कल और पल्मोसिल इंजेक्शन भी टेस्ट में फेल हो गए हैं साथ ही एल्केम हेल्थ साइंस की एंटीबायोटिक क्लैवम 625 मेडिसिन भी टेस्ट को पास नहीं कर पाई है, लेकिन कंपनियों का दावा है कि कुछ दवा जो फेल हुई है वह उनके द्वारा बनाई नहीं गई है। ये दवाएं सेहत के लिए खतरनाक ग्लूकोएमाइलेज, एमाइलेज, पेक्टिनेज, प्रोटीएज, अल्फा गैलेक्टोसिडेज, लाइपेज,सेल्युलेस, ब्रोमेलैन, हेमिकेल्यूलेस, बीटा-ग्लूकोनेज, जाइलेनस, लैक्टेज, इनवर्टेज, माल्ट डायस्टेज और पापेन आदि को केंद्र सरकार ने इस्तेमाल के लिए खरतनाक बताया है। क्वालिटी टेस्ट में फेल होने वाली दवाओं में हेयर ट्रीटमेंट में यूज होने वाली एंटीपैरासिटिक दवाएं भी है। सरकार ने जारी आदेश में लोगों से इन दवाओं की जगह कोई दूसरी दवाओं को यूज करने की सलाह दी है। 156 फिक्स डोज दवाओं को किया गया था बैन सरकार की ओर से कुछ समय पहले ही 156 FDC यानी फिक्स डोज दवाओं को बैन किया गया था। ये दवाएं भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक बताई गई थी। एफडीसी वो दवाएं होती है जिसमें एक गोली में एक से अधिक दवाई मिलाई जाती है। इन दवाओं को काने से एकदम से आराम मिलता है। यह भी पढ़े | World Pharmacists Day 2024: Theme, History, Importance, Celebration, and Inspiring Quotes Expired Medicine Side Effects : एक्सपायर्ड दवाइयों का सेवन: बचाव और सुरक्षा उपाय

जानें कैसे करें घर बैठे मिलावटी घी की जांच, आसान तरीके से जानें गुणवत्ता

How To Check Ghee Quality At Home

How To Check Ghee Quality At Home: घी एक महत्वपूर्ण और प्रिय खाद्य पदार्थ है, लेकिन बाजार में मिल रहे घी की गुणवत्ता हमेशा सुनिश्चित नहीं होती। श्री वेंकटेश्वर तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवर के अंश पाए जाने की खबरों से पूरा देश आक्रोश में है। घर पर घी की गुणवत्ता जांचना न केवल स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आपको अपने परिवार को बेहतर पोषण प्रदान करने में भी मदद करता है। जानकारी के अनुसार श्री वेंकटेश्वर मंदिर (तिरुपति) के प्रसाद में मछली के तेल और बीफ के अंश पाए गए। यह एक हिंदू धर्म के किसी भी व्यक्ति के लिए एक असहनीय घटना है। इस खबर से पूरे भारत देश के हिंदू धर्म के लोगों में आक्रोश भरा हुआ है, सभी इससे जुड़े अपराधियों पर सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। यहां हम कुछ सरल तरीके बताएंगे, जिनसे आप घर पर ही घी की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं। 1.घी का रंग जांचें घी की गुणवत्ता की पहली पहचान उसके रंग से की जा सकती है। उच्च गुणवत्ता वाला घी आमतौर पर गहरा पीला या सुनहरा होता है। यदि घी का रंग फीका या सफेद है, तो यह संकेत हो सकता है कि यह मिलावटी है या अच्छी गुणवत्ता का नहीं है। 2. गंध का परीक्षण अच्छे घी की खुशबू ताजा और सुगंधित होती है। जब आप घी की गंध लें, तो ध्यान दें कि उसमें कोई अजीब या रासायनिक गंध न हो। यदि घी में किसी प्रकार की बदबू है, तो इसे उपयोग नहीं करना चाहिए। 3. स्वाद की जांच करें घी का स्वाद चखकर भी उसकी गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है। उच्च गुणवत्ता वाला घी मीठा और कुरकुरा होता है। यदि घी का स्वाद कड़वा या रसायन जैसा है, तो यह उसकी खराब गुणवत्ता का संकेत है। 4. पानी में परीक्षण एक गिलास पानी में एक चम्मच घी डालें। उच्च गुणवत्ता वाला घी पानी में पूरी तरह से तैरता है, जबकि मिलावटी या खराब घी नीचे चला जाता है या पानी को रंगित कर देता है। 5. फ्रीज टेस्ट घी को कुछ घंटों के लिए फ्रीजर में रखें। यदि घी अच्छे से जम जाए और उसका बनावट कड़ी हो जाए, तो यह उच्च गुणवत्ता का संकेत है। अगर यह चिपचिपा या सॉफ्ट रहता है, तो इसमें मिलावट हो सकती है। 6. टिप्स घर पर घी की गुणवत्ता जांचना आसान है और इससे आप अपने परिवार के स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं। उपरोक्त विधियों का उपयोग करके, आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप जो घी उपयोग कर रहे हैं, वह स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता का है। स्वस्थ जीवन के लिए सही आहार का चुनाव करना आवश्यक है, और गुणवत्तापूर्ण घी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भी पढ़े | तिरुपति लडडू विवाद पर पवन कल्याण का बड़ा बयान, सनातन धर्म रक्षण बोर्ड के गठन…… Chandrababu Naidu accuses Jagan Mohan Reddy govt of using Animal Fat in Tirupati Laddu Prasad

राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखकर जारी किया गया अलर्ट, ऋषिकेश में 1 डेंगू मरीज की मौत

Dengue Alert in Uttarakhand

Dengue Alert in Uttarakhand: उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले। पौड़ी जिले में फैल रहा सबसे ज्यादा डेंगू। अब तक 75 से भी ज्यादा मरीज पाए गए। 5 जिलों में बढ़े मामले आपको बता दे उत्तराखंड राज्य में लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में पांच जिलों में 75 मामले सामने आए हैं। इन पांच जिलों में से सबसे ज्यादा डेंगू पौड़ी गढ़वाल में सामने आ रहा है। पौड़ी में अब तक 59 से भी ज्यादा मरीज पाए गए हैं।जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू से बचाव के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। डेंगू मामलों की विभाग द्वारा निगरानी की जा रही है। विभाग द्वारा अलर्ट के निर्देश वहीं दूसरी ओर डेंगू के चलते ऋषिकेश में 1 मरीज की मौत हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि मरीज को पहले से भी कई तरह की बीमारी थी, जिसके चलते विभाग मौत के सभी कर्ण की वास्तविकता के लिए डेथ ऑडिट कर रहा है।आपको बता दें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू से बचाव के लिए अलर्ट जारी कर दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार देहरादून में भी अब तक करीब 9 डेंगू के मरीज पाए गए हैं। यह भी पढ़ें आयोग द्वारा समूह–ग के 4,855 पदों पर भर्ती का कैलेंडर जारी, देखें कैलेंडर…..

Max Vehicle Accident: रुद्रप्रयाग जिले में हुआ 1 बड़ा सड़क हादसा, 15 फीट गहरी खाई में जा गिरी गाड़ी, 7 लोग……..

Max Vehicle Accident

उत्तराखंड में हुआ एक बड़ा सड़क हादसा। मैक्स वाहन के अनियंत्रित होने (Max Vehicle Accident) से वह करीब 15 फीट नीचे गहरी खाई में जाकर गिर गई। 15 फीट गहरी खाई में जा गिरा वाहन (Max Vehicle Accident) आपको बता दे उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के बांसवाड़ा में एक बहुत ही बड़ा सड़क हादसा हो गया। हादसे का शिकार एक मैक्स वाहन था, जो अनियंत्रित होने के बाद करीब 15 फीट नीचे गहरी खाई में जाकर गिर गई। सभी घायलों को रेस्क्यू टीम द्वारा बचाए जाने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चालक के साथ 7 अन्य लोग सवार थे। घायलों को अस्पताल में किया भर्ती (Max Vehicle Accident) जानकारी के अनुसार आज रुद्रप्रयाग जिले के बांसवाड़ा में एक मैक्स वाहन सवारियां ले जाते हुए अचानक अनियंत्रित हो गया। इसके बाद वह करीब 15 फीट गहरी खाई में जा गिरा जिसमें चालक के साथ 7 अन्य लोग सवार थे। आपको बता दे हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची इसके बाद सभी लोगों को खाई से निकाला गया। मिली जानकारी के अनुसार वाहन में 7 लोग सवार थे जिन्हें बड़ी मशक्कत के बाद खाई से निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल में भेजा गया। आपको बता दे अगस्तमुनि के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी हादसे के शिकार लोगों को भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टर ने उनकी हालत सामान्य बताई है। फिलहाल प्रशासन द्वारा खाई में गिरे वाहन को बाहर निकलने का प्रयास किया जा रहा है। (Max Vehicle Accident) यह भी पढ़ें बद्रीनाथ धाम की ऊंची चोटियों पर देखी गई पहली बर्फबारी, जल्द बढ़ेगी ठंड, भारी बारिश का अलर्ट जारी……

Recruitment in Medical Colleges: सोशल वर्कर और ट्यूटर की जल्द होगी नर्सिंग कॉलेज में भर्ती, विभाग द्वारा तैयारी पूरी, 31 रिक्त पदों…..

Recruitment in Medical Colleges

उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज में जल्द ही (Recruitment in Medical Colleges) मेडिकल सोशल वर्कर और ट्यूटर के रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। रिक्त पदों के लिए चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। रिक्त पदों पर जल्द होगी भर्ती (Recruitment in Medical Colleges) उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज में मेडिकल सोशल वर्कर और ट्यूटर के रिक्त पदों पर जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तावित इस भर्ती के लिए उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई हैं।साथ ही भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी जिसके माध्यम से योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आएगा सुधार (Recruitment in Medical Colleges) आपको बता दे राज्य के प्रमुख मेडिकल कॉलेज जैसे कि दून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा में मेडिकल सोशल वर्कर के अभी तक 7 पद खाली हैं। तो वहीं दूसरी ओर नर्सिंग कॉलेज में ट्यूटर के लगभग 31 पद रिक्त हैं। ऐसे में ट्यूटर पदों की कमी के कारण नर्सिंग छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि इन सभी खाली पदों को जल्द भरने के लिए चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। इससे नर्सिंग और मेडिकल छात्रों को पढ़ाई में हो रही बाधाओं को दूर करने में मदद मिलेगी, साथ ही स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आवश्यक सुधार भी हो सकेगा। (Recruitment in Medical Colleges) यह भी पढ़ें सीएम धामी की मंत्रिमंडल बैठक टली, आज पहुंचेंगे दिल्ली, कल जम्मू में चुनाव प्रचार……

UJVNL Update: UJVNL द्वारा उत्तराखंड में बनाया गया बिजली उत्पादन का बड़ा रिकॉर्ड, सभी कर्मचारी बधाई के पात्र, 2.6 करोड़ यूनिट…….

UJVNL Update

उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा एक बार फिर राज्य (UJVNL Update) में बिजली उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है। सभी अधिकारी और कर्मचारी हैं बधाई के पात्र। 2.6 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन (UJVNL Update) उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) ने प्रदेश में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एक और रिकॉर्ड कायम किया है। 8 सितंबर को निगम ने 2.6 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया, जो यूजेवीएनएल की स्थापना के बाद से एक दिन में सबसे अधिक बिजली उत्पादन है। प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दिन कुल 2.6071 करोड़ यूनिट विद्युत का उत्पादन हुआ। इससे पहले अगस्त माह में भी तीन बार यूजेवीएनएल ने अपने एक दिन के सर्वाधिक विद्युत उत्पादन का रिकॉर्ड तोड़ा था। ठोस रणनीति का परिणाम (UJVNL Update) आपको बतादें 13 अगस्त को 2.59788 करोड़ यूनिट, 18 अगस्त को 2.5992 करोड़ यूनिट और 25 अगस्त को 2.6015 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया था। डॉ. सिंघल ने कहा कि विद्युत उत्पादन में यह वृद्धि निगम प्रबंधन द्वारा परियोजनाओं और विद्युत गृहों के सफल परिचालन के लिए बनाई गई ठोस रणनीति का परिणाम है। इस रणनीति को सफलतापूर्वक धरातल पर लागू करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को उन्होंने बधाई दी। यह सफलता राज्य में ऊर्जा सुरक्षा और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। (UJVNL Update) यह भी पढ़ें आज सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र से मिले 4 शव, 3 घायल अस्पताल में भर्ती….

DM Inspect Coronation Hospital: एक्शन में नवनियुक्त डीएम, कोरोनेशन अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, अस्पताल प्रबंधन में मचा…..

DM Inspect Coronation Hospital

DM Inspect Coronation Hospital: अपना पद संभालते ही देहरादून के डीएम सविन बंसल एक्शन में आ गए हैं। 6 सितंबर, शुक्रवार सुबह 9:30 बजे नवनियुक्त डीएम सविन बंसल अपनी निजी वाहन से जिला चिकित्सालय कोरोनेशन अचानक जा पहुंचे, जहां उन्होंने आम नागरिक की तरह लाइन में लगकर अपना ओपीडी पर्चा बनवाया और ओपीडी की व्यवस्थाओं को परखा। कोरोनेशन अस्पताल का किया औचक निरीक्षण | DM Inspect Coronation Hospital ओपीडी व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए डीएम सविन बंसल ने अस्पताल में लोगों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली, जैसे ही अस्पताल प्रबंधन को डीएम सविन बंसल के अस्पताल में होने की जानकारी मिली सभी अधिकारी अमन–फानन में अस्पताल पहुंचे। अपने निरीक्षण में डीएम ने सफाई व्यवस्थाओं में हुई लापरवाही पर नाराजगी जताई। और मानक के अनुसार अस्पताल में सफाई व्यवस्था बनाए रखने और साफ पानी मुहैया कराने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके तीमारदारों को किसी भी तरह की असुविधा न हो इस बात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। एक्शन में नवनियुक्त डीएम | DM Inspect Coronation Hospital डीएम सविन बंसल ने जिला अस्पताल के सीएमएस को निर्देश देते हुए कहा कि अस्पताल में दवाई के काउंटर बढ़ाए जाए और ओपीडी में मरीज के डिस्प्ले साइन इस व्यवस्थित रूप से रखे जाएं। आपको बता दें कि अस्पताल में उपलब्ध सभी व्यवस्थाओं और सुविधाओं का डीएम सविन बंसल ने एक-एक कर निरीक्षण किया, इसके बाद उन्होंने सभी वार्डों में जाकर भर्ती मरीजों से उनका हाल-चाल और अस्पताल को लेकर फीडबैक जाना। अस्पताल प्रबंधन को किया निर्देशित | DM Inspect Coronation Hospital डीएम ने सभी मरीजों को अस्पताल में डॉक्टर के मौजूदगी और दवा दिए जाने की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने वहां मौजूद सभी स्टाफ की भी समस्याएं जानी। डीएम ने सीएमएस को अस्पताल व्यवस्थाओं को लगातार मॉनिटरिंग करते हुए उनमें सुधार के जाने को लेकर निर्देशित किया। साथ ही आशा हेल्पलाइन डेस्क पर नियमित रूप से कर्मियों की उपस्थिति बनाए रखने को लेकर भी निर्देश दिए। DM Inspect Coronation Hospital यह भी पढ़े | साइबर ठगों के हौसले बुलंद, डीएम का बनाया फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट, और फिर……. हल्द्वानी की डीएम और एसएसपी ने बुलाई संयुक्त प्रेस वार्ता, उपद्रवियों के खिलाफ दर्ज 3 एफआईआर | DM Vandana Singh On Haldwani riots

Early Morning Mobile Usage: सुबह उठते ही मोबाइल फोन चलाना है शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक, आदतें बदलने से…..

Early Morning Mobile Usage

आजकल की बदलती दुनिया में अक्सर लोग सुबह उठते ही अपना (Early Morning Mobile Usage) फोन चलाने लगते हैं जो की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। जानिए इससे जुड़े साइड इफेक्ट्स और समाधान। जानिए इसके साइड इफेक्ट्स (Early Morning Mobile Usage) आज की डिजिटल दुनिया में मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। जैसे ही हम सुबह उठते हैं, अक्सर हमारी पहली आदत होती है कि हम अपना मोबाइल फोन चेक करते हैं—चाहे वह सोशल मीडिया हो, ईमेल हो या फिर कोई और नोटिफिकेशन। यह आदत सामान्य सी लग सकती है, लेकिन यह हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। 1. आंखों पर दबाव सुबह उठते ही मोबाइल फोन की स्क्रीन पर ध्यान केंद्रित करने से आंखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे आंखों में जलन, थकान और धुंधलापन हो सकता है, जिसे डिजिटल आई स्ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है। 2. नींद के पैटर्न में गड़बड़ी सुबह उठते ही फोन चेक करने से हमारा दिमाग तुरंत सक्रिय हो जाता है, जिससे रिलैक्सेशन की स्थिति समाप्त हो जाती है। इससे नींद के प्राकृतिक पैटर्न में गड़बड़ी हो सकती है, जिससे रात को नींद न आने की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही, यह आदत आपकी रात की नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे आप दिनभर थकान महसूस कर सकते हैं। 3. मानसिक तनाव और चिंता (Early Morning Mobile Usage) सुबह उठते ही फोन चेक करने से अक्सर हम अनावश्यक तनाव और चिंता का शिकार हो जाते हैं। जैसे-जैसे हम सोशल मीडिया या समाचार देखते हैं, हमें तुरंत बहुत सारी सूचनाएं मिलती हैं, जो हमारे मस्तिष्क को ओवरलोड कर देती हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और आपके दिन की शुरुआत तनावपूर्ण बना सकता है। 4. बैड पॉश्चर सुबह उठते ही बिस्तर पर लेटे-लेटे फोन चेक करना आपकी शारीरिक मुद्रा (Posture) पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। गर्दन और पीठ पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे टेक्स्ट नेक और पीठ दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 5. उत्पादकता में कमी फोन चेक करने से आपका ध्यान अन्य जरूरी कार्यों से भटक सकता है। इससे आपकी सुबह की रूटीन प्रभावित होती है, जैसे कि योग, व्यायाम, या मेडिटेशन जैसी स्वस्थ आदतें। इसका परिणाम यह हो सकता है कि आपका दिन अनियोजित और कम उत्पादक हो जाता है। (Early Morning Mobile Usage) उठते ही फोन ना चलाने का समाधान (Early Morning Mobile Usage सुबह उठते ही मोबाइल फोन से दूरी बनाना एक स्वस्थ आदत हो सकती है। आप अपने दिन की शुरुआत योग, मेडिटेशन, या कोई किताब पढ़कर कर सकते हैं। यह आपको मानसिक शांति देगा और दिनभर के लिए ऊर्जा और सकारात्मकता से भर देगा। अगर मोबाइल चेक करना जरूरी है, तो इसे नाश्ते के बाद या अपनी सुबह की रूटीन के बाद करें। इस छोटी सी आदत को बदलकर आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में बड़ा सुधार ला सकते हैं। इसलिए, कोशिश करें कि सुबह का समय खुद के लिए समर्पित करें, न कि आपके मोबाइल फोन के लिए। (Early Morning Mobile Usage) यह भी पढ़ें Rare Mosquito-Borne Illness, Symptoms And Prevention……

Commotion At Doon Hospital: दून अस्पताल की तीसरी मंजिल पर चढ़ा युवक, लोगों में मचा हड़कंप, 2 घंटे तक चला ड्रामा……

Commotion At Doon Hospital

आज देहरादून के दून अस्पताल की तीसरी मंजिल पर एक युवक ने (Commotion At Doon Hospital) चढ़कर किया तमाशा। तीसरी मंजिल से कूद कर जान देने की दी धमकी। अस्पताल की तीसरी मंजिल पर चढ़ा युवक (Commotion At Doon Hospital) आपको बता दे आज देहरादून के सबसे बड़े अस्पताल दून अस्पताल में बड़ा तमाशा हुआ। एक युवक द्वारा अस्पताल की भाव के भवन की तीसरी मंजिल पर चढ़कर जान देने की धमकी दी गई। अस्पताल में मौजूद लोगों में युवक को इस तरह भवन पर चढ़ा देख हड़कंप मच गया। लोगों द्वारा तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचित किया गया। यह था तमाशे का कारण (Commotion At Doon Hospital) यह मामला एक मोबाइल चोरी का बताया जा रहा है। युवक द्वारा बताया गया कि अस्पताल में किसी ने उसका मोबाइल चोरी कर लिया था जिसकी सूचना पुलिस को देने पर उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस वजह से उसने यह तमाशा किया।युवक द्वारा आरोप लगाया गया कि पुलिस द्वारा चोर को नहीं पकड़ा गया, जिसकी वजह से वह तब तक भवन से नीचे नहीं उतरेगा जब तक उसका मोबाइल नहीं मिल जाता। अस्पताल प्रशासन और पुलिस टीम को सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे और लगभग 2 घंटे बाद युवक को पुलिस द्वारा पकड़ कर नीचे उतारा गया। यह भी पढ़ें देर रात 2 बहनों को परेशान करते युवक किए गए गिरफ्तार, मनचलों का बढ़ता हौसला……

Monkeypox Alert In Uttarakhand: उत्तराखंड पहुंचा मंकी पॉक्स का खतरा, स्वास्थ्य विभाग में जारी किया अलर्ट

Monkeypox Alert In Uttarakhand

Monkeypox Alert In Uttarakhand: कई देशों में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। दुनिया के अलग-अलग देश में इसके मामले कई मामले सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने भारत में भी इसके संक्रमण की आशंका जताते हुए देश को अलर्ट रहने को कहा है जिसको देखते हुए भारतीय स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग में जारी किया अलर्ट | Monkeypox Alert In Uttarakhand आपको बता दें कि 16 अगस्त को पड़ोसी देश भारत में मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आया था, जिसके बाद भारत में भी इसे लेकर ऐतिहासिक भारती जा रही है। साथ ही उत्तराखंड के स्वास्थ्य महक में के द्वारा भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। गनीमत की बात यह है कि अभी तक उत्तराखंड में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राज्य के सभी सीएमओ को निगरानी और इतिहास में रखने के निर्देश दिए हैं। फैलने वाली बीमारी है मंकी पॉक्स | Monkeypox Alert In Uttarakhand मंकीपॉक्स एक जूनोटिक्स बीमारी है, यानी ऐसी बीमारी जो की जो जानवरों से लोगों के बीच फैलती हैं। आपको बता दे की मंकीपॉक्स एक संक्रमित व्यक्ति में सामान्यता: बुखार, चकत्ते और लिम्फ नोड्स में सूजन के रूप में पाई जाती है। इससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में लाल–लाल चकत्ते हो जाते हैं। इसके लक्षण दो से चार हफ्तों में खुद ही ठीक हो जाते हैं। मंकीपॉक्स एक पहले वाली बीमारी है जो कि पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में फैल सकती है। Monkeypox Alert In Uttarakhand यह भी पढ़े | क्या है मंकीपॉक्स वायरस, जानिए इसके लक्षण और बचने के उपाय……  अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस, अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत…….