उत्तराखंड में बीते कुछ दिन से (Uttarakhand Forest Fire) जंगलों में लगी आग चारों ओर प्रदूषण फैला रही है। वनाग्नि की घटनाओं के बढ़ने से ब्लैक कार्बन की मात्रा बढ़ रही है।
ब्लैक कार्बन बना चिंता का विषय (Uttarakhand Forest Fire)
जानकारी के अनुसार पिछले 10 दिनों में पहाड़ के वातावरण में कार्बन की मात्रा में 8 गुना तक की बढ़ोतरी हुई है। पहले दो माइक्रोग्राम तक कार्बन मिलता था, मगर सोमवार को कार्बन मात्रा 16 माइक्रोग्राम तक पहुंच गई। शोधकर्ताओं द्वारा हवा में ब्लैक कार्बन और अन्य प्रदूषित तत्व की मात्रा प्रतिदिन मापी जा रही है। जिससे यह पर्यावरण के लिए चिंता का विषय बन गया है। आग के धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है। शोध से पता चला है कि सोमवार को बायोमास जलने से पैदा हुए कार्बन की मात्रा 100% तक थी। इसका मतलब जो भी ब्लैक कार्बन हवा में मिला वह जंगलों की आग की वजह से था।
यात्रा के वाहनों से और बढ़ेगा प्रदूषण (Uttarakhand Forest Fire)
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के चलते वाहनों के बढ़ने से ब्लैक कार्बन और बढ़ेगा। आपको बता दें कि मंगलवार को जो ब्लैक कार्बन पाया गया था उसमें बायोमास 50 था। इससे यह पता चलता है कि जंगलों की आग से 50 ब्लैक कार्बन मिला जबकि, बाकी कार्बन वाहनों के धुएं से आया होगा। ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र में वाहनों के बढ़ने से ब्लैक कार्बन की मात्रा भी बढ़ सकती है। आजकल वनाग्नि के कारण ऋषिकेश और काशीपुर के तापमान में भी बढ़ोतरी देखी गई है। Uttarakhand Forest Fire