Fake Medical Certificate Case: दून अस्पताल में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का मामला सामने आया है, जिसमें एआरटी यूनिट में तैनात एक चिकित्सक और एक वार्ड बॉय शामिल हैं।
फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वालों पर एक्शन
देहरादून के दून अस्पताल में एंटीरेट्रोवाइरल उपचार इकाई (एआरटी) के एक चिकित्सक और वार्ड बॉय द्वारा फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने की घटना सामने आई है। आपको बता दें कि मामले का पता तब चला जब एक मरीज ने अस्पताल में अपना मेडिकल सर्टिफिकेट अस्वीकार किए जाने की जानकारी दी। इसके बाद जांच की गई, और यह पाया गया कि सर्टिफिकेट डॉक्टर द्वारा गलत तरीके से जारी किया गया था।
जानकारी के अनुसार व्यक्ति को जहां मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करना था वहां के अधिकारियों ने वह मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी पाया इसके बाद जांच में पता चला कि वह मेडिकल सर्टिफिकेट पैसे देकर बनवाया गया था जिसके चलते मेडिकल सर्टिफिकेट को स्वीकार करने से अधिकारियों ने मना कर दिया। इस मामले के खुलासे के बाद अस्पताल ने दोनों फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वालों को तुरंत एआरटी सेंटर से हटा दिया है।
सही सर्टिफिकेट प्रक्रिया
दून अस्पताल में मेडिकल सर्टिफिकेट केवल सीनियर डॉक्टर द्वारा जारी किया जाता है। सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए मरीज को पहले पर्चा बनवाना होता है, फिर डॉक्टर से जांच करवानी होती है। जांच के बाद ही सही सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
आगे की जांच
डॉ. गीता जैन, प्राचार्य, दून मेडिकल कॉलेज ने बताया कि फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट मामले में चिकित्सक और वार्ड बॉय को एआरटी सेंटर से हटा दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही एआरटी सेंटर में नए चिकित्सक की तैनाती की जाएगी।