Bageshwar Chalk Mining Update: बागेश्वर जिले के कई गांव खड़िया खनन की वजह से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। जिसकी वजह से नैनीताल हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले में खड़िया खनन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने खड़िया खनन पर लगाई रोक
बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के कई गांव खड़िया खनन की वजह से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। जिसकी वजह से नैनीताल हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले में खड़िया खनन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। इन गांवों में खनन के कारण पहाड़ियां दरकने लगी हैं, जिससे घरों, मंदिरों, खेतों और सड़कों में गहरी दरारें आ चुकी हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेकर यह कार्रवाई की। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार खननकर्ताओं ने नियमों का उल्लंघन करते हुए वन भूमि और सरकारी जमीन पर खनन किया। इस अवैध खनन के चलते पहाड़ियों में दरारें आई हैं, जो भूस्खलन के बड़े खतरे को जन्म दे रही हैं।
ग्रामीणों की समस्याएं और मांगें
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनकी समस्याओं को प्रशासन अनदेखा कर रहा है। कई ग्रामीण, जो साधन संपन्न थे वो हल्द्वानी जैसे स्थानों पर विस्थापित हो चुके हैं, लेकिन गरीब परिवार अब भी जोखिम में हैं। वे सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास की मांग कर रहे हैं क्योंकि खनन से उनके घरों, मंदिरों और खेती की जमीन को गंभीर नुकसान हुआ है। खनन के चलते उनकी कृषि भूमि नष्ट हो रही है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
न्यायालय की कार्रवाई
हाईकोर्ट ने खनन निदेशक और उद्योग सचिव को 9 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। साथ ही, डीएफओ बागेश्वर, राज्य स्तरीय पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण और जिला खनन अधिकारी को पक्षकार बनाकर जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। न्यायालय के द्वारा सख्ती से भविष्य में इस प्रकार के खतरनाक खनन को रोकने में मदद मिलेगी।