Good News For Pregnant Women: उत्तराखंड में सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए नई निशुल्क सुविधा की शुरुआत की है। अब पर्वतीय क्षेत्रों की साधन विहीन गर्भवतियों को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही CHO एनीमिया पीढ़ित छात्राओं के उपचार और उनके स्वास्थ की निगरानी करेगा ।
सरकार की नई पहल
उत्तराखंड सरकार ने नई पहल की है। सरकार ने गर्भवती महिलाओं को बड़ी खुशखबरी दी है। जिसके तहत महिलाओं के लिए नई सेवा लागू की है। सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए निशुल्क “खुशियों की सवारी” सेवा की शुरुआत की है। इस सुविधा के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के लिए सरकारी अस्पताल तक आने-जाने की सुविधा मुफ्त में मिलेगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वास्थ्य विभाग को इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जो गर्भवती महिलाएं पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहीं हैं, जहां परिवहन की सुविधाएं सीमित हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिल सके।
एनीमिया मेगा अभियान
बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें एनीमिया मेगा अभियान पर चर्चा हुई। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) द्वारा तैयार कार्य योजना को महिला कल्याण एवं बाल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सही तरीके से लागू किया जाए।
एनीमिया की गंभीर स्थिति
उत्तराखंड में 15 से 49 वर्ष की 46.4% गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 50.4% है। इस समस्या को दूर करने के लिए सभी गर्भवतियों की प्रारंभिक चरण में ही एनीमिया जांच अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं।
छात्राओं के हीमोग्लोबिन स्तर की निगरानी
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि स्कूलों में छात्राओं के हीमोग्लोबिन स्तर की नियमित जांच की जाए और छात्राओं की हर माह जांच रिपोर्ट उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज की जाएगी। क्लास टीचरों को यह जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) इस प्रक्रिया में सहायता करेंगे और एनीमिया से ग्रस्त छात्राओं के उपचार और निगरानी की जिम्मेदारी CHO को दी गई है और बताया कि छात्राओं के हीमोग्लोबिन रिपोर्ट कार्ड की जानकारी उनके अभिभावकों को भी दी जाएगी।
टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान पर जोर
बैठक में टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य को जल्द से जल्द टीबी मुक्त बनाने के लिए गंभीरता से कार्य करें। इस महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव स्वाति भदौरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।