Haridwar Land Scam, 3 Officials Under Probe : उत्तराखंड के हरिद्वार जमीन घोटाले में राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। जांच के दायरे में आए अधिकारियों में तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह शामिल हैं। गृह विभाग ने जांच अधिकारियों की नियुक्ति करते हुए आदेश जारी कर दिए हैं।
एसडीएम अजयवीर पर निलंबन के बाद जांच तेज
आपको बता दें, प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर निलंबित एसडीएम अजयवीर सिंह के खिलाफ उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। इस मामले की जांच अपर सचिव डॉ. आनंद श्रीवास्तव (IAS) को सौंपी गई है, जिन्हें एक माह के भीतर रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। अजयवीर सिंह ने पहले ही आरोपपत्र के जवाब में सभी आरोपों से इनकार किया था।
डीएम और नगर आयुक्त की जांच संभालेंगे IAS सचिन कुर्वे
वहीं, तत्कालीन डीएम कर्मेन्द्र सिंह और नगर आयुक्त वरुण चौधरी के खिलाफ विभागीय जांच का जिम्मा सचिव सचिन कुर्वे (IAS) को दिया गया है। वे पूरे प्रकरण की समीक्षा कर शासन को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।
क्या है घोटाले की जड़?
यह मामला हरिद्वार नगर निगम द्वारा ग्राम सराय क्षेत्र में 2.3070 हेक्टेयर भूमि की खरीद से जुड़ा है। निगम ने यह भूमि करीब 54 करोड़ रुपये में खरीदी थी, जबकि यह क्षेत्र कूड़े के ढेर के पास था और अनुपयुक्त माना गया था। जांच में भूमि के वास्तविक मूल्य और खरीद प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।
अब तक की कार्रवाई
सरकार इस मामले में अब तक दो IAS, एक PCS और 12 अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर चुकी है।
मुख्य आरोपों की सूची:
कर्मेन्द्र सिंह (तत्कालीन डीएम): भूमि खरीद की अनुमति में सत्यनिष्ठा संदिग्ध।
वरुण चौधरी (तत्कालीन नगर आयुक्त): बिना नियमानुसार प्रक्रिया अपनाए खरीद प्रस्ताव पारित किया, वित्तीय अनियमितताओं में भूमिका।
अजयवीर सिंह (तत्कालीन SDM): खरीद प्रक्रिया के दौरान लैंड यूज में बदलाव कर भूमि की कीमत तीन गुना तक बढ़ाई।
