भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले चार हफ्तों में प्रभावशाली वृद्धि देखी गई है, जो विदेशी मुद्रा में $616 मिलियन और ₹1.37 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। भंडार में वृद्धि का श्रेय विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में वृद्धि, स्थिरता प्रदान करने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने को दिया जाता है। यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत और स्थिरता को दर्शाती है, जो इसे व्यवसायों और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण बनाती है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है, जो पिछले सप्ताह के स्तर को पार कर 615.97 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। भंडार में इस वृद्धि को विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक रुझान का संकेत है।
विदेशी मुद्रा बाजार में, डॉलर-पाउंड विनिमय दर में मुंबई में महत्वपूर्ण उछाल देखा गया, जो भारतीय मुद्रा पर वैश्विक कारकों के प्रभाव का संकेत देता है। इस घटनाक्रम ने लंदन के एक छात्र अतुल का ध्यान आकर्षित किया, जिसका दिल समाचार पढ़कर धड़क उठा।
हालाँकि, सभी ख़बरें हर किसी के लिए ख़ुशी नहीं लातीं। रियलिटी शो ‘ढोलकी चा तलावर’ ने अपने दर्शकों को निराश किया क्योंकि शुभम बोराडे को विजेता घोषित किया गया। शो के नतीजे ने कई प्रशंसकों को और अधिक उत्साह और शायद एक अलग विजेता चाहने पर मजबूर कर दिया।
मनोरंजन के मोर्चे पर, दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही हैं। ‘फुकरे 3’ और ‘द वैक्सीन्स वॉर’ अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और सिनेमाघरों में भीड़ खींच रहे हैं। ‘द वैक्सीन्स वॉर’ महज दो दिनों में ‘इतने’ करोड़ का आंकड़ा पार करते हुए शानदार कमाई करने में कामयाब रही है।
जबकि हालिया खबरें भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालती हैं, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन भंडारों में समय के साथ उतार-चढ़ाव देखा गया है। अक्टूबर 2021 में, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, लेकिन विभिन्न कारकों के कारण अक्टूबर 2022 में इसमें गिरावट आई।
हालाँकि, पिछले चार हफ्तों में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। दरअसल, सिर्फ एक महीने में भंडार 1.37 लाख करोड़ डॉलर बढ़कर कुल 606.859 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इस लगातार वृद्धि ने भंडार को चार महीने के उच्चतम स्तर पर ला दिया है।
केंद्रीय बैंक भारतीय रुपये के मूल्य को मजबूत करने के लिए भंडार का उपयोग कर रहा है। 8 दिसंबर तक, विदेशी मुद्रा भंडार 606.859 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में योगदान दे रहा है।
भंडार में यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत और स्थिरता को दर्शाती है, जो व्यवसायों और निवेशकों के लिए आवश्यक है। यह देश की आर्थिक वृद्धि और विकास के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।