Kedar Baba Doli Leaves From Omkareshwar Temple: केदारनाथ भगवान की पंचमुखी भोग मूर्ति सोमवार को परंपरागत चल उत्सव डोली में विराजमान होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से अपने ग्रीष्मकालीन धाम केदारनाथ के लिए रवाना हो गई। यह यात्रा गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में रात्रि विश्राम करते हुए 1 मई को धाम पहुंचेगी। 2 मई को प्रातः 7 बजे शुभ मुहूर्त में भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।
भगवान भैरवनाथ की हुई पूजा अर्चना
इससे पहले रविवार शाम ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ और भगवान ओंकारेश्वर की विशेष शीतकालीन पूजा व आरती संपन्न हुई। इसके बाद भगवान भैरवनाथ, जो क्षेत्रपाल के रूप में पूजे जाते हैं, की भव्य पूजा-अर्चना की गई। धार्मिक परंपराओं के तहत भगवान भैरवनाथ की मूर्ति का गंगाजल, दूध, शहद और तेल से स्नान कराकर, नए वस्त्रों से श्रृंगार किया गया। काली दाल की पकोड़ी और पूरी की माला भेंट स्वरूप अर्पित की गई।

पूजा में वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी और ओमकार शुक्ला द्वारा मंत्रोच्चार किया गया। पुजारियों – बागेश लिंग, शिव शंकर लिंग, गंगाधर लिंग और शिव लिंग – ने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार भगवान भैरवनाथ की एकमुखी से लेकर सातमुखी तक सभी आरतियां उतारीं।
सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर भगवान के दर्शन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। धार्मिक उल्लास और परंपरा के बीच अब श्रद्धालु भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

