प्रशासन ने दिखाई भू कानून उल्लंघन पर सख्ती, 50 बीघा जमीन जब्त…

Land Law Violation:  भू-कानून उल्लंघन के मामलों में उत्तराखंड सरकार ने  सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। 50 बीघा जमीन अब तक सरकार ने अपने कब्जे में ले ली है और अन्य मामलों में भी सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है।

कब्जे में 50 बीघा जमीन

भू-कानून उल्लंघन के मामलों में उत्तराखंड सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। शासन स्तर पर सख्त कार्रवाई की मंजूरी मिलने के बाद, जिला स्तर पर भी कार्रवाई में तेज़ी लाई गई है। भू– कानून के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर धारा 167 के तहत अब तक देहरादून में 50 बीघा जमीन सरकार द्वारा अपने कब्जे में ली जा चुकी है और अन्य मामलों में भी सरकार की कार्रवाई जारी है।

भू-कानून उल्लंघन के मुख्य मामले

  1. रुद्रपुर में खरीदी गई जमीन का उल्लंघन
    17 अगस्त, 2004 को रुद्रपुर में 1.6530 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई थी, जिसमें भू-कानून की शर्तों की अनदेखी की गई। इस कारण से यह भूमि भी अब सरकारी कब्जे में है।
  2. नैनीताल जिले में बंजर भूमि का कब्जा
    26 जून, 2006 को 0.555 हेक्टेयर भूमि खेती के उद्देश्य से खरीदी गई थी, लेकिन जब इस पर जांच की गई तो यह बंजर पाई गई। इसे बाद में सरकार के कब्जे में ले लिया गया।
  3. बागेश्वर में भूमि उल्लंघन
    बागेश्वर जिले में 5 अक्टूबर 2006 को 0.040 हेक्टेयर भूमि कालीन, चुटका और मौन पालन के लिए खरीदी गई थी। भू-कानून के उल्लंघन के चलते इस भूमि को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया।
  4. कटारमल में हेल्थ रिजॉर्ट के लिए खरीदी गई भूमि का उल्लंघन
    6 जुलाई 2015 को 0.713 हेक्टेयर भूमि हेल्थ रिजॉर्ट के निर्माण के लिए खरीदी गई थी, लेकिन इस पर अब तक कोई कार्य नहीं हुआ। इस शर्त के उल्लंघन पर भी जमीन सरकार के कब्जे में ली गई।

सरकार अब सख्त भू-कानून को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है, पिछले कुछ महीनों में सरकार ने कई मामलों में भू-कानून की कड़ी निगरानी और पालन की दिशा में कार्य किया है। इसके अंतर्गत, न केवल भूमि खरीदने के मामलों में मानकों की जांच की जा रही है, बल्कि भूमि के उपयोग के तरीकों पर भी सख्त निगरानी रखी जा रही है।
इसके साथ ही, राज्य सरकार आने वाले समय में भू-कानून को और भी सख्त बनाने की योजना बना रही है। इस नए कानून का उद्देश्य राज्य की भूमि को बाहरी व्यक्तियों और अनधिकृत उपयोगकर्ताओं से बचाना है, ताकि राज्य की भूमि स्थानीय लोगों और उनके लाभ के लिए सुरक्षित रहे।

आगे की कार्रवाई

राज्य में अब तक 1495 मामलों में भूमि खरीद की अनुमति दी गई थी, जिनमें से 279 मामलों में उल्लंघन पाया गया है। 243 मामलों में पुलिस रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिला स्तर पर इन मामलों में कार्रवाई को तेज़ किया जा रहा है, और विशेष ध्यान उन मामलों पर दिया जा रहा है जहां एक ही परिवार के कई सदस्य भूमि खरीदने के दोषी पाए गए हैं। इसके अलावा, बाहरी व्यक्तियों द्वारा जमीन खरीदने की भी जांच की जा रही है।

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