उत्तराखंड के नैनीताल में कल से नंदा- सुनंदा महोत्सव की शुरुआत (Nanda Sunanada Mahotsav 2024) हुई। यह महोत्सव 8 सितंबर से 15 सितंबर, 2024 तक मनाया जाएगा। नंदा– सुनंदा महोत्सव को मानते हुए यह 122वां साल है।
जानिए नंदा– सुनंदा महोत्सव के बारे में (Nanda Sunanada Mahotsav 2024)
नंदा– सुनंदा महोत्सव उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़ा है। यह महोत्सव मां नंदा और सुनंदा की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस महोत्सव के दौरान मां नंदा– सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण केले के पेड़ों से किया जाता है। रविवार के दिन मां नंदा– सुनंदा महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ किया गया। आज स्कूल के बच्चों द्वारा महोत्सव के लिए झांकी निकाली गई। महोत्सव की धूमधाम से चारों ओर लोग काफी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दे इस महोत्सव में विभिन्न पूजा और समारोह आयोजित किए जाएंगे।
जानिए महोत्सव से जुड़ी कुछ बातें (Nanda Sunanada Mahotsav 2024)
नंदा सुनंदा महोत्सव के दौरान मां नंदा सुनंदा की मूर्तियां के लिए केले के पेड़ों का चयन किया जाता है। केले के पेड़ों से मूर्तियां बनाने की प्रक्रिया काफी रोचक होती है। केले के बाग में जाकर पूजा की जाती है। साथ ही अभिमंत्रित अक्षत (चावलों) को कदली वृक्षों की ओर उछाला जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान जो पेड़ हिलता है उसे ही मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा के लिए चुना जाता है। यह एक काफी रोचक बात है।
आपको बता दे नंदा देवी महोत्सव के दौरान मां नंदा सुनंदा की पंच आरती की जाती है। इस आरती में ढोल और घंटियों की मधुर ध्वनि सुनाई देती है। जानकारी के अनुसार इस आरती के बाद भक्तों को मां के दर्शन करने का मौका मिलता है साथ ही प्रसाद भी वितरित किया जाता है। महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के प्रदर्शन भी होते हैं जिसमें छोटे बच्चे और युवा भी भाग लेने आते हैं। सभी लोग इस उत्सव को धूमधाम से मनाते हैं। (Nanda Sunanada Mahotsav 2024)
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