3 Years of CM Dhami: उत्तराखंड में सीएम धामी के पूरे हुए 3 साल, जनता के हित के लिए रहा समर्पित

3 Years of CM Dhami

मुख्यमंत्री धामी ने आज किए अपने कार्यकाल के 3 साल पूरे। इस बीच (3 Years of CM Dhami) राज्य के लोगों के हित में लिए गए कई फैसले। उत्तराखंड में लगातार 3 साल का रहा कार्यकाल (3 Years of CM Dhami) आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। आपको बता दे इन तीन सालों में मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के लोगों के हित के लिए कई अहम फैसले लिए। राज्य में UCC जैसे कानून बनाकर उत्तराखंड राज्य का और यहां के लोगों का उद्धार किया है। जानिए कौनसे नए कानून लागू किए गए (3 Years of CM Dhami) आपको बतादें उत्तराखंड राज्य में UCC के साथ ही सीएम धामी ने अपने 3 साल के कार्यकाल में जबरन धर्मांतरण पर रोक और दंगा रोधी कानून, महिलाओं को 30% शैक्षिक आरक्षण और नई शिक्षा नीति को लागू किया। साथ ही नारी सशक्तिकरण योजना को भी लागू किया गया। मानस खंड कॉरिडोर और प्रदेश में रोपवे कनेक्टिविटी को भी हरी झंडी सीएम धामी ने दी। धामी सरकार के अंतर्गत पीआरडी जवानों का मानदेय भी बढ़ाया गया। 3 Years of CM Dhami यह भी पढ़ें पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं से अभद्रता पर दिखाई जाएगी सख्ती, दर्ज किया जाएगा मुकदमा

New Criminal Law: 1 जुलाई से देशभर में लागू किए जाएंगे 3 नए आपराधिक कानून, अब किसी भी थाने में दर्ज कर सकेंगे FIR

New Criminal Law

देश में 30 जून की आधी रात के बाद आईपीसी के तहत अंग्रेजों द्वारा (New Criminal Law) बनाए गए कानून खत्म किए जाएंगे। तीन नए आपराधिक कानून किए जाएंगे लागू। अब पीड़ित ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे रिपोर्ट (New Criminal Law) आपको बता दे 1 जुलाई से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू किए जाएंगे। इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 लागू किए जाएंगे। नए कानून की मदद से अब घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए पीड़ितों को थाने जाने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन रिपोर्ट की मदद से किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी और मुजरिम की गिरफ्तारी होने के बाद इसकी सूचना भी देनी जरूरी होगी। नई तकनीक पर दिया गया है जोर (New Criminal Law) जानकारी के अनुसार इन नए आपराधिक कानून में जांच ट्रायल और अदालत की कार्यवाहियों में तकनीक के इस्तेमाल पर खास जोर दिया गया है। जिस वजह से एनसीआरबी ने मौजूदा क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) एप्लीकेशन में 23 फंक्शनल मॉडिफिकेशन किए गए हैं। जिससे नए सिस्टम में भी आसानी से कंप्यूटर से एफआईआर दर्ज होने के साथ सीसीटीएनएस संबंधित अन्य और कार्य करने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी। लंबे समय से चल रही थी कानून लागू करने की तैयारी (New Criminal Law) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने 25 दिसंबर 2023 में ही इन तीनों नए आपराधिक कानून की अधिसूचना के तुरंत बाद सभी पुलिसकर्मियों, जेल, अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों के साथ फॉरेंसिक कर्मियों को जागरूक करने के लिए यह कार्य शुरू कर दिया था। आपको बता दें कि एनसीआरबी ने नए कानून को लागू करने में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की मदद करने के लिए 36 सपोर्ट टीम और कॉल सेंटर भी बनाए हैं। जिसकी मदद से किसी भी राज्य को अगर इन नए कानून को लागू करने से संबंधित किसी भी तरह की तकनीकी परेशानी हो तो उसे तुरंत दूर किया जा सकेगा। अधिकारियों को दिया गया है प्रशिक्षण (New Criminal Law) राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के द्वारा वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की सुविधा के लिए ई साक्ष्य, न्यायश्रुति और ई– समन नाम के तीन नए ऐप बनाए गए हैं। इन कानून को समझने के लिए लगभग 250 वेबिनार और सेमिनार आयोजित किए गए जिनमें 40 हजार 317 अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी गई।इसी के साथ ब्यूरो के मार्गदर्शन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 5,84,174 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया। यूजीसी द्वारा शिक्षकों और छात्रों को भी इससे अवगत कराने के लिए 1,200 यूनिवर्सिटी, 40 हजार कॉलेज और अखिल भारतीय तकनीकी परिषद ने लगभग 9,000 संस्थानो को उनके बारे में जागरूक किया गया। New Criminal Law यह भी पढ़ें उत्तराखंड के नैनीताल जिले में वायु प्रदूषण बना चिंता का विषय, 10 से 15 फीसदी अधिक पाया गया प्रदूषण