Varunavrat Parvat Uttarkashi: वरुणावत पर्वत के ट्रीटमेंट में देरी देगी खतरे को बढ़ावा, मानवीय हस्तक्षेप बनी 1 बड़ी दिक्कत…….

Varunavrat Parvat Uttarkashi

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के वरुणावत पर्वत पर (Varunavrat Parvat Uttarkashi) दोबारा भूस्खलन सक्रिय हो गया है। पर्वत के ट्रीटमेंट को जल्द से जल्द शुरू करने की जरूरत। पर्वत को जल्द से जल्द ट्रीटमेंट की जरूरत (Varunavrat Parvat Uttarkashi) आपको बता दे उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मशहूर वरुणावत पर्वत एक भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र है। यहां कई पर्यटक भी घूमने आते हैं, मगर आजकल इस पर्वत पर भूस्खलन दोबारा सक्रिय हो गया है। सरकार द्वारा इस पर्वत के ट्रीटमेंट में देरी करना खतरे को निमंत्रण देना जैसा होगा।जानकारी के अनुसार वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन की वजह मानवीय हस्तक्षेप मानी जा रही है। आपको बता दे पहाड़ों पर लगातार खुदाई का काम चल रहा है जिसकी वजह से लोग अब पहाड़ी के ऊपर की तरफ बढ़ते जा रहे हैं, इससे पहाड़ी का बोझ भी बढ़ रहा है जिसकी वजह से भूस्खलन हुआ है। जानिए पर्वत पर भूस्खलन का बड़ा कारण (Varunavrat Parvat Uttarkashi) साल 2003 में वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन आया था जिसके बाद पर्वत के ट्रीटमेंट कार्य की अगुवाई करने वाले भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा किया गया था। वैज्ञानिकों द्वारा 21 साल बाद वरुणावत पर्वत पर दोबारा भूस्खलन होने की चिंता जताई गई है। उनके द्वारा बताया गया कि पहाड़ पर सभी दिक्कतों की बड़ी वजह मानवीय हस्तक्षेप है। आपको बता दे लोगों द्वारा पहाड़ की तलहटी में पहले से ही घरों का निर्माण किया गया है, जिसके बाद अब वह सभी पहाड़ की ऊपर की तरफ बढ़ते जा रहे हैं। जिस कारण उनके सीवर और घरों का पानी निकालने की उचित व्यवस्था नहीं है। घरों से निकला पानी पहाड़ की तलहटी में जाता है जिससे पहाड़ पर बोझ बढ़ाने के साथ बरसात में नया भूस्खलन जोन खुला है। हाल ही में हुए भूस्खलन से यह पता चलता है कि छोटा भूस्खलन होने से जॉन सक्रिय हो गया है। छोटे भूस्खलन को नजर अंदाज करने के बजाय इसका जल्द से जल्द ट्रीटमेंट होना चाहिए जिससे कि कोई नया भूस्खलन उत्पन्न ना हो। साथ ही लोगों के लिए जानना जरूरी है कि अब पहाड़ी की तरफ कोई निर्माण न किया जाए और उस जोन को खाली ही रखा जाए। वैज्ञानिकों द्वारा कहा गया है कि इस समस्या को सरकार द्वारा गंभीरता से लेने की जरूरत है। Varunavrat Parvat Uttarkashi यह भी पढ़े उत्तराखंड के युवाओं के लिए खुशी की लहर, 11 विभागों में 4,400 पदों पर शुरू होने जा रही भर्ती,15 सितंबर से……

Animal Medical Care: उत्तराखंड में पशुओं के उपचार पर जोर, मोबाईल वैटनरी यूनिट (1962) शाम 6:00 के बाद भी उपलब्ध

Animal Medical Care

पशुपालन मंत्री द्वारा अधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश। राज्य में शाम 6:00 के बाद (Animal Medical Care) भी अब पशुओं को मिलेगा उपचार। शाम 6:00 के बाद भी मिलेगा पशुओं का उपचार (Animal Medical Care) उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने पशुओं के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब शाम 6:00 के बाद भी पशुओं को आकस्मिक उपचार मिल पाएगा। पशुपालन मंत्री निरीक्षण पर गए जिसके दौरान उन्होंने मोबाइल वैटनरी सेवा की सभी जानकारी ली।जानकारी के अनुसार पशुपालकों की समस्याओं का निपटारा न करने वाले अधिकारियों को अब चेतावनी नोटिस भी जारी किया जाएगा। पशुपालन मंत्री ने ली लोगों से मोबाइल वैटनरी यूनिट की जानकारी (Animal Medical Care) आपको बता दे पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा मोथरोवाला स्थित मोबाइल वैटनरी यूनिट (1962) के कॉल सेंटर और प्रशासनिक भवन का निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार इस निरीक्षण के दौरान विभागीय मंत्री ने पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, अल्मोड़ा और नैनीताल के अलग– अलग पशुपालकों से मोबाइल वैटनरी सेवा के बारे में जानकारी ली।जानकारी लेने के दौरान एक पशुपालक ने बताया कि उनके घर का रास्ता बंद होने के कारण (1962) चिकित्सा टीम वहां नहीं पहुंच सकी थी। वहीं दूसरी ओर अन्य पशुपालक के घर रात के समय आपातकालीन सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। यह बात जानकर पशुपालन मंत्री द्वारा पशुओं के इलाज के लिए टीम भेजने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा टीम रहेगी रात में भी उपलब्द (Animal Medical Care) पशुपालन विभाग के द्वारा बताया गया कि अगर कॉल सेंटर को शाम 6:00 बजे के बाद भी किसी पशु के घायल होने की जानकारी प्राप्त होती है तो वे उसे आकस्मिक सेवा देने के लिए तैयार रहें और चिकित्सा टीम को मौके पर भेजकर पशु का उपचार किया जाएगा। Animal Medical Care इस नंबर पर करें कॉल :1962 यह भी पढ़ें 29 जुलाई को मनाया जा रहा विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस, बाघ दिवस एक महत्वपूर्ण कदम…….

Shop Collapse Near Kedarnath Route: दुकान टूटने से 7 लोग घायल, अवैध दुकानों पर की जाएगी सख्त कार्यवाही

Shop Collapse Near Kedarnath Route

सोमवार देर रात केदारनाथ पैदल मार्ग के पास एक कच्ची दुकान (Shop Collapse Near Kedarnath Route) अचानक टूट गई, जिसमें सात लोग घायल हो गए। घायलों में चार बच्चे भी शामिल हैं। सभी घायलों को मिला तुरंत उपचार (Shop Collapse Near Kedarnath Route) केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी व भीमबाली के बीच मीठापानी के पास एक कच्ची दुकान सोमवार देर रात अचानक टूट गई। जिसके कारण मलबा गिरने से दुकान में बैठे सात तीर्थ यात्री घायल हो गए। घायलों में मध्य प्रदेश के दो परिवार के छह व्यक्ति शामिल हैं, जिनमें चार बच्चे भी हैं। और एक घायल व्यक्ति हरियाणा का बताया जा रहा है। सभी घायलों को देर रात उपचार के लिए गौरीकुंड चिकित्सालय पहुंचाया गया, जबकि दो गंभीर रूप से घायल लोगों को श्रीनगर बेस चिकित्सालय रेफर किया गया। सोनीपत निवासी ने दी कंट्रोल रूम को सूचना (Shop Collapse Near Kedarnath Route) आपको बता दें कि इस घटना की सूचना केदारनाथ यात्रा करने पहुंचे सोनीपत निवासी समीर ने आपदा कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और डीडीआरफ की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को तुरंत उपचार के लिए भेजा गया। घायलों को ज्यादा गहरी चोट नहीं आई है, मगर दो यात्री गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें एंबुलेंस द्वारा हायर सेंटर भेजा गया। हटाई जाएंगी अवैध दुकानें (Shop Collapse Near Kedarnath Route) जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी द्वारा बताया गया की पैदल मार्ग पर तीन दर्जन से ज्यादा दुकान दुर्घटना प्रभावित क्षेत्र में बनाई गई है। इन सभी को हटाने के लिए आज से अभियान चलाया जाएगा। अवैध रूप से बनी इन दुकानों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। Shop Collapse Near Kedarnath Route यह भी पढ़ें उत्तराखंड में तापमान 40 के पार होने से बढ़ रही ऊर्जा निगम की दिक्कतें, विद्युत उपकरणों पर बढ़ा लोड, कई क्षेत्रों में बिजली गुल