UCC Registration Fine Details: उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गया है, जिससे उत्तराखंड स्वतंत्र भारत में ऐसा कानून लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। यूसीसी के तहत विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क और दंड की दरें निर्धारित कर दी गई हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की स्वीकृति के बाद, गृह विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की।
गृह सचिव शैलेश बगौली द्वारा जारी आदेश में इन दरों को विस्तार से बताया गया है। नए नियमों के तहत, यदि विवाह या तलाक का पंजीकरण 90 दिनों के भीतर नहीं कराया जाता है, तो 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
विवाह पंजीकरण से जुड़े नियम
आपको बता दें, UCC पोर्टल पर विवाह पंजीकरण के लिए 250 रुपये शुल्क और तत्काल पंजीकरण के लिए 2,500 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। तलाक या विवाह अमान्यता की डिक्री पंजीकरण के लिए भी 250 रुपये शुल्क लिया जाएगा और विवाह पंजीकरण नहीं कराने पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े नियम
लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराना अनिवार्य है, जिसके लिए 500 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। निर्धारित समय के बाद सूचना अपडेट कराने पर 1,000 रुपये जुर्माना लगेगा और लिव-इन संबंध समाप्त करने के लिए 500 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। लिव-इन संबंध एक महीने से अधिक होने पर पंजीकरण न कराने पर तीन महीने की जेल या 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
साथ ही, मकान मालिक को किराया समझौता करना अनिवार्य होगा, अन्यथा 20,000 रुपये तक अर्थदंड लगाया जाएगा।
झूठी शिकायत और सूचना छिपाने पर दंड
पंजीकरण न कराने, गलत सूचना देने या जानकारी छिपाने पर दंड का प्रावधान किया गया है। पहली बार झूठी शिकायत पर चेतावनी दी जाएगी। दूसरी बार 5,000 रुपये जुर्माना और तीसरी बार झूठी शिकायत पर 10,000 रुपये तक का दंड लगेगा।
उत्तराधिकार पंजीकरण के नियम
उत्तराधिकार पंजीकरण के लिए 250 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है।साथ ही नवजात बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र 7 दिनों के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इस नए कानून के तहत विवाह, तलाक, लिव-इन संबंध और उत्तराधिकार से जुड़े मामलों को सुव्यवस्थित करने का प्रयास किया गया है।
सीएम धामी ने किया पंजीकरण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद UCC पोर्टल पर अपना विवाह पंजीकरण कराया और इसे यूजर-फ्रेंडली बताया, ताकि सभी नागरिक आसानी से अपनी शादी का प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकें।