हरिद्वार घटना का राष्ट्रीय खेलों पर असर, महिला कोच हुई अनिवार्य…

Women Coach Mandatory In National Games : उत्तराखंड ओलंपिक संघ ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

खिलाड़ियों की सुरक्षा

उत्तराखंड ओलंपिक संघ ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा, निजता और कल्याण को प्राथमिकता देते हुए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं । साथ ही स्टाफ की नियुक्ति पर भी जोर दिया गया है। संघ का उद्देश्य महिला खिलाड़ियों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण तैयार करना है। हर प्रशिक्षण शिविर और खेल आयोजन में कम से कम एक योग्य और अनुभवी महिला कोच का होना अनिवार्य है। 


हरिद्वार में खिलाड़ी के साथ हुई घटना के बाद संघ ने स्पष्ट किया कि महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। सभी खेल संघों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इन दिशा–निर्देशों का करना होगा पालन

  1. महिला कोच की अनिवार्यता – सभी प्रशिक्षण शिविरों और खेल आयोजनों में कम से कम एक योग्य और अनुभवी महिला कोच का होना अनिवार्य है।
  2. सुरक्षित आवास व्यवस्था – महिला खिलाड़ियों के लिए ऐसी आवासीय सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं, जो उनकी सुरक्षा और निजता का पूरा ध्यान रखें। साथ ही आवास स्थलों पर पर्याप्त महिला सहायक स्टाफ की तैनाती की जाए।
  3. सम्मानजनक आचरण को बढ़ावा – महिला खिलाड़ियों के प्रति सम्मानजनक और संवेदनशील व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से संवेदीकरण और जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएं।
  4. गोपनीय शिकायत निवारण तंत्र – महिला खिलाड़ियों की समस्याओं का तुरंत समाधान करने के लिए एक गोपनीय और समर्पित शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया जाए।
  5. कानूनी प्रावधानों का पालन – महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए सभी संबंधित कानूनों और संगठनात्मक नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
  6. महिला खिलाड़ियों की गरिमा और सुरक्षा पर जोर – सभी खेल संघ यह सुनिश्चित करें कि महिला खिलाड़ियों के लिए एक सुरक्षित, आदरपूर्ण और सहयोगात्मक वातावरण उपलब्ध हो।
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यह दिशा-निर्देश महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा, निजता और कल्याण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। उत्तराखंड ओलंपिक संघ ने इनका सख्ती से पालन करने पर जोर दिया है।

डॉ. डीके सिंह, महासचिव, उत्तराखंड ओलंपिक संघ, ने कहा: “राष्ट्रीय खेल देश और उत्तराखंड के सम्मान का प्रतीक हैं। महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा, निजता और कल्याण को सुनिश्चित करना और खेलों में सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है।”

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