उत्तराखंड के गांव में पलायन (Migration in Uttarakhand) तेजी से चल रहा है। पिछले 10 साल में लगभग 17 लाख लोग गांव छोड़कर शहरों में बस गए हैं। जिस कारण शहरों में अब आबादी काफी बढ़ चुकी है। पलायन को गंभीरता से देखते हुए अब शहरों में अवस्थापना विकास के लिए योजना बनाई जा रही है।
उत्तराखंड के कई अलग-अलग पर्वतीय क्षेत्रों से लोग पलायन कर शहरों में बस गए हैं, जिसकी वजह से अब शहर में कई असुविधाएं उत्पन्न हो रही है।
विकास पर फोकस | Migration in Uttarakhand
डेवलपमेंट ऑफ़ स्मार्ट अर्बन क्लस्टर प्रोजेक्ट यूएसयूसीपी तैयार किया जा रहा है। यह परियोजना शहरों में नई बस रही आबादी के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास पर फोकस करेगा। आपको बता दें की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती हुई आबादी की वजह से राज्य में शहरी स्थानीय निकाय, नगर निगम और नगर पालिका आदि की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
रिपोर्ट के अनुसार राज्य में ग्रामीण क्षेत्र से सबसे अधिक पलायन नजदीकी कस्बों और जिला मुख्यालयों में हो रहा है। इसी के साथ आयोग के विश्लेषण के अनुसार ग्राम पंचायत से सबसे ज्यादा 38 प्रतिशत पलायन आसपास के काशन में हुआ जबकि 23 प्रतिशत लोग गांव छोड़कर जिला मुख्यालय के आसपास चले गए हैं। Migration in Uttarakhand
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