उत्तराखंड में स्थित चारों धामों में से एक केदारनाथ धाम (Politics On Kedarnath Temple Issue) की तर्ज पर दिल्ली और तेलंगाना में बना रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर उत्तराखंड में राजनीति तेज हो गई है। उत्तराखंड में कांग्रेस के द्वारा केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा बचाओ यात्रा शुरू हो चुकी है और बीजेपी सरकार आगामी सेशन से हिंदू संस्कृति को पढ़ने के लिए ऐलान कर चुकी है।
केदारनाथ मुद्दे पर राज्य में जारी राजनीति | Politics On Kedarnath Temple Issue
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम मुद्दे के बाद अब धामों की कॉपीराइट को लेकर धामी सरकार ने सख्त कानून बनाने का निर्णय लिया है। तो वहीं कांग्रेस ने केदारनाथ प्रतिष्ठा बचाओ पैदल यात्रा शुरू की है, जिसमें कांग्रेस के नेता हरिद्वार से लेकर केदारनाथ धाम तक पैदल यात्रा करेंगे।
राज्य में पढ़ाई जाएगी हिन्दू संस्कृति | Politics On Kedarnath Temple Issue
केदारनाथ प्रतिष्ठा बचाओ पैदल यात्रा को लेकर कांग्रेस का कहना है कि केदारनाथ बचाव यात्रा के दौरान वह अपनी सभी जनसभा में भाजपा सरकार की पोल खोलने का काम करेगी। जबकि भाजपा सरकार ने कांग्रेस से आगे निकलते हुए एक और मास्टर स्ट्रोक खेलने का काम किया है। धामी सरकार ने कैबिनेट में आगामी स्टेशन से दून विश्वविद्यालय में कल्चरल ऑफ हिंदू स्टडीज पढ़ने का निर्णय लिया है।
केदरानाथ धाम के नाम पर कांग्रेस कर रही सियासत | Politics On Kedarnath Temple Issue
भाजपा कांग्रेस पर केदारनाथ धाम के नाम पर सियासत करने का आरोप लगा रही है। धामी सरकार ने कैबिनेट में जो निर्णय लिया है वह सही है ताकि युवा पीढ़ी को पता चल सके की सनातन धर्म में या हिंदू धर्म में किस प्रकार से संस्कार होते हैं । भाजपा का मानना है कि कांग्रेस भले ही केदारनाथ धाम के नाम पर यात्रा निकाल रही हो लेकिन उन्हें अपना पश्चाताप करना है इसलिए वो इस यात्रा के बहाने वही करती हुई नजर आ रही है। Politics On Kedarnath Temple Issue