अतिक्रमण हटाने के बदले नियम, सरकार ने जारी की नई SOP…

New SOP For Encroachment Removal : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया अब और भी सख्त और पारदर्शी हो गई है। शहरी विकास विभाग ने इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) लागू कर दिया है।

आपको बता दें, SOP लागू होने के बाद किसी भी अतिक्रमण को हटाने या ध्वस्तीकरण करने से पहले नियमों का पालन करना होगा।

नोटिस और सुनवाई अनिवार्य

नई SOP के तहत किसी भी संपत्ति पर ध्वस्तीकरण से पहले नोटिस देना, सुनवाई करना और प्रक्रिया को पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा। अतिक्रमण हटाने से पहले संबंधित व्यक्ति को 15 दिन का नोटिस देना होगा। नोटिस को डाक से भेजने के साथ संपत्ति पर चस्पा करना और जिलाधिकारी कार्यालय को जानकारी देना अनिवार्य होगा। आदेश पारित होने के बाद कब्जाधारक को 15 दिन का समय खुद अतिक्रमण हटाने का दिया जाएगा।

अधिकारी की जवाबदेही तय

इसके साथ ही, ध्वस्तीकरण आदेश पारित होने पर कारण स्पष्ट करना जरूरी होगा। वहीं, कार्रवाई से पहले विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाएगी, जिस पर दो पंचों के हस्ताक्षर होंगे। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करानी होगी। यदि ध्वस्तीकरण गलत पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

इसके अलावा तीन माह के भीतर एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जाएगा जिसमें नोटिस से लेकर कार्रवाई तक की पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी। साथ ही, जिलाधिकारी स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।

कहां लागू नहीं होंगे नियम

बता दें, यह व्यवस्था केवल निजी संपत्तियों पर लागू होगी। जबकि सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन और नदी किनारे जैसे सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण हटाने में यह SOP लागू नहीं होगी।

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