हल्द्वानी केगौलापूर आईएसबीटी (Gaulapur ISBT Construction Case) निर्माण की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बिहार दवाई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की युगल्पित ने हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी की याचिका पर आज सुनवाई की।
सुनवाई के बाद अदालत ने चयनित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। आपको बता दें कि गौलापुर में आईएसबीटी निर्माण का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। दायर की गई याचिका में रविशंकर जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वीकृति आईएसबीटी के नाम पर राजनीति कर रही है। सरकार आईएसबीटी बनाने के लिए अन्यत्र जगह तलाश रही है, जबकि 2008 में वन विभाग की 8 एकड़ जमीन हल्द्वानी के गौलापुरा में चुनी गई थी। इस जमीन को वन और पर्यावरण मंत्रालय की ओर से अनुमति दी गई थी।
2700 पेड़ कटान के बावजूद नहीं बना आईएसबीटी | Gaulapur ISBT Construction Case
सरकार के द्वारा गौलापूर में बस अड्डे के निर्माण के लिए चुनी हुई जमीन से 2700 पेड़ों का कटान भी किया गया, इसके बावजूद भी बस अड्डे का निर्माण नहीं किया जा रहा है। इसके बावजूद सरकार ने गौलापुर के बजाय अब तीनपानी में आईएसबीटी बनाने का निर्णय लिया है।तीनपानी में 110 करोड़ की लागत से सिर्फ सड़क का निर्माण कार्य होने का अनुमान जताया जा रहा है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा की उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने सभी पक्षकारों से यथा स्थिति बनाए रखने को कहा है। साथ ही केंद्र, राज्य, वन विभाग, आरटीओ, डीएफओ, तराई पूर्वी और जिलाधिकारी नैनीताल को नोटिस भी जारी किया है।