उत्तराखंड की राजधानी (Leopard terror In Dehradun) देहरादून में लगातार गुलदार का आतंक बढ़ता जा रहा है। देहरादून के पॉश इलाके में आए दिन गुलजार की धमक देखने को मिल रही है। जिसको देखते हुए वन विभाग भी अलर्ट हो गया है। वन विभाग ने 40 कैमरे गुलदार पर नजर रखने के लिए लगाए हैं तो वहीं 40 कर्मचारी बंदूकों से लैस होकर गश्त कर रही है।
नए साल से पहले 27 दिसंबर को देहरादून में गुलदार ने एक बच्चे को निवाला बना लिया था, तब वह बच्चा अपने आंगन में खेल रहा था। अब उसे ठीक उसे घटना के 13 दिन बाद एक बार फिर से राजपुर क्षेत्र में गुलदार एक बच्चे पर हमला किया। इस हमले में यह बच्चा पूरी तरह से घायल हो गया है। गनीमत रही कि बच्चे के दोस्त मौके पर मौजूद थे बच्चों ने गुलदार के हमला करने पर शोर मचा दिया जिस कारण गुलदार मौके से भाग गया। आपको बता दें कि इन घटनाओं के कारण वन विभाग के साथ पुलिस भी गुलदार के तलाश में जुड़ गई है।
मयूर विहार में दिखी गुलदार की तस्वीर। Leopard terror In Dehradun
देहरादून के मयूर विहार में गुलदार की तस्वीरें देखने के बाद मसूरी डीएफओ वैभव कुमार से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पूरा वन महकमा इन घटनाओं से चिंतित है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार इन घटनाओं का संज्ञान ले रहे हैं।साथ ही उन्होंने बताया कि इन दोनों घटनाओं के बाद दो अलग-अलग टीम में गठित की गई है। जिनमें 12-12 लोग शामिल है। Leopard terror In Dehradun इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में लगभग 40 कैमरे गुलदार को tap करने के लिए लगाए गए हैं। इसके साथ ही छह अलग-अलग जगह पर पिंजरे भी लगाए गए हैं।
गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की मिली परमिशन। Leopard terror In Dehradun
मसूरी के डीएफओ वैभव कुमार ने बताया कि दो डॉक्टर सुबह और दो डॉक्टर शाम को तैनात किए गए हैं। शासन की तरफ से विशेष परिस्थितियों में गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के आदेश दिए गए हैं। इसकी जिसके लिए बाकायदा एक्सपर्ट्स की तैनाती की गई है। वन विभाग के साथ-साथ पुलिस की टीम में भी सुबह-शाम गश्त कर रही है।Leopard terror In Dehradun रायपुर और राजपुर थाना क्षेत्र में बढ़ा दिए गए हैं। डीएफओ ने कहा कि पहली नजर में हमले का स्टाइल और क्षेत्र यही बताता है कि यह घटना एक ही गुलदार ने की है, जिसको देखते हुए गुलदार के मूवमेंट और उसके क्षेत्र को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है।