Civic Election Date Update: उत्तराखंड हाईकोर्ट में हाल ही में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, जिसमें राज्य में नगर निकाय चुनावों के न कराए जाने के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस मामले को लेकर कई जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें चुनाव न होने पर सवाल उठाए गए थे।
कोर्ट की सुनवाई और सवाल | Civic Election Date Update
उत्तराखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश पपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से यह पूछा कि निकाय चुनाव कराने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। गौरतलब है कि पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कब तक होगी और निकाय चुनाव कब तक संपन्न हो जाएंगे।
सरकार का पक्ष | Civic Election Date Update
राज्य सरकार की तरफ से अपर सचिव शहरी विकास, नितिन मदौरिया ने कोर्ट को बताया कि राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति इसी महीने के अंतिम सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह में कर दी जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि 25 अक्टूबर तक निकाय चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। महाधिवक्ता एस.एन. बाबुलकर ने कोर्ट को जानकारी दी कि लोकसभा चुनावों की वजह से राज्य प्रशासन निकाय चुनावों को तय समय पर नहीं करा सका, क्योंकि पूरा प्रशासन लोकसभा चुनाव कराने में व्यस्त था।
असाधारण परिस्थितियाँ | Civic Election Date Update
सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि लोकसभा चुनावों के बाद जब निकाय चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू की जानी थी, तब राज्य में मानसून की शुरुआत हो गई और प्रशासन का बड़ा हिस्सा आपदा से निपटने में व्यस्त हो गया। इस असाधारण परिस्थिति की वजह से भी निकाय चुनावों को तय समय पर कराना संभव नहीं हो सका। हालांकि, अब राज्य सरकार ने 25 अक्टूबर से पहले निकाय चुनाव कराने की प्रतिबद्धता जताई है।
निकायों का कार्यकाल और चुनाव आयोग की चुनौती | Civic Election Date Update
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में यह तर्क दिया कि संविधान के अनुसार निकायों का कार्यकाल समाप्त होने से छह माह पहले ही राज्य सरकार को परिसीमन, आरक्षण, और अन्य प्रक्रियाओं की जांच कर लेनी चाहिए थी, जो कि नहीं की गई। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा कई नगर निगम और नगर पंचायतों की घोषणा करने से चुनाव आयोग के सामने नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि राज्य सरकार पहले भी दो बार चुनाव कराने का बयान दे चुकी है, लेकिन चुनाव नहीं हुए। अगर इस बार भी चुनाव नहीं होते हैं, तो इसे राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण माना जाएगा।
इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद राज्य सरकार पर निकाय चुनाव कराने का दबाव बढ़ गया है। सरकार ने चुनाव कराने की प्रतिबद्धता जताई है, लेकिन इसके लिए दिए गए समय पर अमल करना अब चुनौतीपूर्ण हो सकता है। चुनाव आयोग और राज्य सरकार को मिलकर निकाय चुनावों को समय पर संपन्न कराने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि इस मुद्दे पर अदालत के आदेशों का पालन हो सके और जनता के अधिकारों की रक्षा की जा सके। Civic Election Date Update
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