Cyber Fraud Arrested: उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने झारखंड से एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने एक व्यक्ति से डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 32.31 लाख रुपये की ठगी की थी। यह मामला जीएमएस रोड निवासी सुरेंद्र सिंह से जुड़ा है, जिन्होंने साइबर थाने में तहरीर दी थी।
पुलिस ने आरोपी को अदालत में किया पेश
31 अक्टूबर 2024 को अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और खुद को एक कोरियर कंपनी का कर्मचारी बताया। ठग ने कहा कि उनके पार्सल में नशा पाया गया है और इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच से संपर्क करने के बाद उन्होंने डिजिटल अरेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी। डर के कारण, सुरेंद्र सिंह ने आरोपित के कहने पर 32.31 लाख रुपये की बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी।
साइबर थाना की टीम ने मामले की गहरी जांच की और आरोपित को झारखंड के पलामू जिले स्थित आजाद नगर सूदना, डाल्टनगंज से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपित का नाम दीपक कुमार है। पुलिस ने इस मामले में उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए आरोपित को अदालत में पेश किया।
चेक बाउंस मामला
इसके अतिरिक्त, एक और मामले में अदालत ने एक अन्य आरोपित को दोषी करार दिया। यह मामला ऊषा चौधरी, निवासी बहादराबाद, जिला हरिद्वार से जुड़ा है, जिन्होंने आरोपित मन्नूवीर शर्मा के खिलाफ चेक बाउंस का केस दायर किया था। आरोपित ने 2017 में आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए ऊषा चौधरी के पति से चार लाख रुपये उधार लिए थे। पति की मृत्यु के बाद, जब ऊषा ने आरोपित से रुपये वापस करने को कहा, तो उसने 18 दिसंबर 2017 को चेक दिया, जो बाउंस हो गया।
नोटिस भेजने के बावजूद, आरोपित ने धनराशि नहीं लौटाई, जिसके बाद ऊषा चौधरी ने अदालत का रुख किया। शुक्रवार को तृतीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कपिल कुमार त्यागी की अदालत ने मन्नूवीर शर्मा को दोषी करार देते हुए उसे एक साल की कठोर सजा और 6.70 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
इन दोनों मामलों में पुलिस की तत्परता और अदालत के फैसले से साफ होता है कि साइबर अपराध और धोखाधड़ी के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जा रही है।