राज्य सरकार अब शिक्षा क्षेत्र (Education Minister On School Heavy Bags) में बड़ा बदलाव करने जा रही है। 2024 में नए सत्र से छात्रों के बस्तों का बोझ कम करने का निर्णय लिया है। जिसको लेकर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने एससीईआरटी उत्तराखंड के अधिकारियों को नई व्यवस्था के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर, शासन को भेजने के निर्देश दिए है। धन सिंह रावत के अनुसार नए वाले नए सत्र से ही नई व्यवस्था लागू किया जाएगा।
शिक्षा महानिदेशालय में विभिन्न बोर्ड के अधिकारियों के साथ भी बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार की ओर से जल्द दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे आदेश की पालन की जिम्मेदारी राज्य के मुख्य शिक्षा अधिकारियों की होगी प्रदेश के अलग-अलग विद्यालय में तैनात संविदा और नियत वेतनमान पर कार्य कर रहे अस्थाई शिक्षकों को भी मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाएगा।
साथ ही धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के सभी विद्यालय में बच्चों के बच्चों का बोझ भी काम कर मांगों के अनुरूप किया जाएगा। इसके लिए एनसीईआरटी उत्तराखंड के अधिकारियों के द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
सभी स्कूलों को जागरूक करने के लिए चलाया जाएगा जागरूकता अभियान | Education Minister On School Heavy Bags
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शासन से दिशा निर्देश जारी होने के बाद आगामी सत्र से ही नई व्यवस्था लागू की जाएगी इससे पहले 26 जनवरी 2024 तक पूरे राज्य में निजी स्कूल संचालकों प्रबंधकों प्रधानाचार्य और अभिभावकों के साथ जिला और राज्य स्तर पर बैठकों का आयोजन कर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
शिक्षा नीति 2020 में भी की गई थी सिफारिश | Education Minister On School Heavy Bags
उत्तराखंड के आईसीएसई, सीबीएसई, उत्तराखंड बोर्ड और भारतीय शिक्षा बोर्ड के तहत कक्षा 1 से 12वीं तक के प्राइवेट स्कूल संचालित किया जा रहे हैं, जिनमें पढ़ने वाले बच्चों के बस्तों का बोझ उनकी क्षमता से कई गुना ज्यादा है। जिसको कम करने के लिए नई शिक्षा नीति 2020 में भी सिफारिश की गई थी, इसके अलावा मद्रास हाई कोर्ट के द्वारा साल 2019 में जारी आदेश क्रम में राज्य सरकार पहले ही बस्तों का बोझ कम करने का आदेश जारी कर चुके हैं जिसका पालन राज्य में नहीं किया जा रहा है।
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