Fake Medicine Racket Busted In Dehradun : उत्तराखंड में STF ने दवा उद्योग की आड़ में चल रहे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। सेलाकुई में ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली दवाएं बनाने वाले रैकेट के मुख्य सरगना प्रदीप कुमार और उसकी पत्नी श्रुति डावर को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है।
नेटवर्क की परतें खुलीं
आपको बता दें, एसटीएफ की जांच में सामने आया कि प्रदीप और उसकी पत्नी श्रुति पिछले कई सालों से इस धंधे को चला रहे थे। इनके साथ ही नवीन बंसल, संतोष कुमार, हिमाचल की फर्म एवी फायल के मालिक विजय कुमार पाण्डेय, पंचकुला के नोबल फार्मेसी से जुड़े शर्मा समेत पांच दवा फैक्ट्री मालिक, सप्लायर और रैपर प्रिंट कराने वाले कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
बता दें, नकली आउटर बॉक्स, लेबल और क्यूआर कोड तक छपवाकर दवाएं बनाई जाती थीं।
इन दवाओं को पैक करने का काम हिमाचल और हरिद्वार की फैक्ट्रियों में होता था, जबकि तैयार माल राजस्थान और पंजाब तक सप्लाई किया जाता था। गिरोह का जाल उत्तराखंड, यूपी, हरियाणा सहित छह राज्यों तक फैला हुआ था।
मेडिकल स्टोर में भी बेचीं नकली दवाएं
पुलिस के अनुसार प्रदीप ने दून के टर्नर रोड स्थित एक अस्पताल में साझेदारी में मेडिकल स्टोर भी चलाया था। यहां पर भी नकली दवाओं की बिक्री की गई। एसटीएफ की पड़ताल में प्रदीप के बैंक खातों में दो साल में करीब 14 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है। अधिकतर सौदे नकदी में निपटाए जाते थे। फिलहाल खातों और संबंधित कंपनियों की गहन जांच की जा रही है।
पहले भी पकड़ा गया था
जांच के बाद पता चला कि प्रदीप पहले भी कोरोना काल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसके बाद जेल से छूटने के बाद उसने फिर से इस गोरखधंधे को शुरू कर दिया था।

