उत्तराखंड (Forest Fire Effects On School’s) में लगातार जंगलों की आग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं जिस के कारण स्कूल और कॉलेजों को भी खतरा बना हुआ है कई सरकारी स्कूल नदी किनारे और जंगलों के नजदीक स्थित है जिससे आग भड़क कर इन स्कूलों तक भी पहुंच सकती है।
जिसको लेकर वन संरक्षक के अपर प्रमुख निशांत वर्मा ने बताया कि जंगल की आबादी क्षेत्र और स्कूल, कॉलेज के पास न पहुंचे इसको लेकर विशेष सतर्कता बढ़ती जा रही है यदि कहीं से इस तरह की घटना की सूचना मिलती है तो वन विभाग की टीम के साथ ही फायर सर्विस को बुलाकर इस पर नियंत्रण पाया जाएगा पहले पूर्व में राज के इंटर कॉलेज देवाल में जंगल की आज स्कूल के कब तक पहुंचाने की सूचना मिली थी।
एहतियातन गठित किया गया इको क्लब | Forest Fire Effects On School’s
स्कूल कॉलेज में आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए वन विभाग के द्वारा एक क्लब गठित किया गया था जिसमें वन दरोगा चंद्रशेखर त्रिपाठी दिनेश जोशी रवि नैनवाल वन बीट अधिकारी किशोर चंद्र और तीन फायर वॉटर शामिल थे। आपको बता दें जौरासी वन क्षेत्र के मनीला दक्षिणी बीट के तहत जगतुवाखाला गांव से डिग्री कॉलेज मनीला के पास आरक्षित वन क्षेत्र में आग पहुंचने से पहले ही वन विभाग की टीम ने उस पर काबू पा लिया था। Forest Fire Effects On School’s
11वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्राओं को मिलेगा प्रशिक्षण | Forest Fire Effects On School’s
इको क्लब के बारे में जानकारी देते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह विश्व ने बताया कि विद्यालयों के पास सूखी पत्तियां गिरी होने के कारण विद्यालयों को खतरा बना हुआ है। हर विद्यालय में इको क्लब गठित किया गया है। 11वीं और 12वीं कक्षाओं के एनसीसी और एनएसएस छात्र-छात्राओं की मदद से इन पत्तियों को हटाना जाना हटाया जाना चाहिए तो वही वन विभाग को इन छात्र-छात्राओं को वन अग्नि की रोकथाम के लिए प्रशिक्षण भी देना चाहिए। Forest Fire Effects On School’s
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