8 फरवरी (Haldwani Violence New Update) को हल्द्वानी में हुए अतिक्रमण हटाने के दौरान हिंसा मामले ने नया मोड़ लिया है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा में आरोपीत साफिया मलिक की एडीजे हल्द्वानी से जमानत प्रार्थना पत्र पर खारिज होने से संबंधित आदेशों में हाई कोर्ट में झूठा शपथ पत्र दाखिल करने का मामला सामने आया है।
आरोपित साथिया मलिक के द्वारा कोर्ट में 90 वर्षीय गैस राजस्थान जो की दैनिक दिनचर्या में असमर्थ था और जिसकी मौत हो चुकी है उसके नाम से शपथ पत्र दर्शन किया था जिसकी जानकारी अब सामने आई है।
एफआइआर गलत तथ्यों के आधार पर दर्ज | Haldwani Violence New Update
साफिया का कहना था कि उसके विरुद्ध एफआइआर गलत तथ्यों के आधार पर दर्ज की गई है। जिस पर उसने हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है। जिसमें बताया कि उसके पिता हनीफ खान ने लीज होल्डर नवी खान से 1994 में एक प्रापर्टी लीज में प्राप्त की।
उत्तराधिकार के माध्यम से यह संपत्ति उसे प्राप्त हुई। सरकारी भूमि को बेचने के संबंध में कोई झूठा शपथ पत्र या प्रार्थना पत्र न तैयार किया न ही झूठे दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट को गुमराह किया। लीज भूमि यासीन को प्राप्त हुई थी। इसके बाद अख्तरी बेगम व नवी राजा खान को अंतरित हुई। उसके बाद हनीफ खान को मौखिक या हिबा सौदे पर प्राप्त हुई। Haldwani Violence New Update
हनीफ की मृत्यु के बाद उसको मिली। इस मामले में सरकारी अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि कंपनी बाग या कालांतर में मलिक का बगीचा में अवैध रूप से अतिक्रमण किया जा रहा था। अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही थी। यह भी बताया कि 1993 से ही अतिक्रमण रोकने को लेकर नगरपालिका की ओर से नगर मजिस्ट्रेट हल्द्वानी को भेजे गए थे। जिस समय साफिया मलिक की ओर से मौखिक हिबा अख्तरी व नवी रजा खान ने अब्दुल हनीफ खान के हक में कर दिया। Haldwani Violence New Update
जबकि वास्तव में एक ओर नवी रजा खान की मृत्यु 1988 में हो गई और अख्तरी बेगम बिस्तर से उठने में असमर्थ थी। जिस संपत्ति के संबंध में हिबा किया गया, उस पर अख्तरी बेगम व नवी रजा खान का मालिकाना हक नहीं था। लीज कंपनी बाग की थी जो 1976 में समाप्त हो गई थी।
शपथपत्र ने खोली झूठ की पोल | Haldwani Violence New Update
एडीजे कोर्ट के आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि साफिया मलिक ने इसी साल हाई कोर्ट में जो याचिका दायर की। उसमें नवी रजा खान के भाई गौस रजा खान, जिसके बयान बेदखली वाद में दस अक्टूबर 1991 में उसने एक शपथ पत्र दिया है कि अख्तरी बेगम व नवी रजा खान ने अब्दुल हनीफ खान को संपत्ति उपहार में दे दी।
साथ में देखरेख करने की बात भी कही जबकि आज की तिथि में गौस रजा खान की मृत्यु हो चुकी है। केस डायरी में दर्ज बयानों ने खुली पोल पुलिस की केस डायरी के अवलोकन से पता चला कि गौस रजा खान अत्यधिक बीमार था और बिस्तर से उठने में असमर्थ था। उसकी आयु 90 वर्ष थी। Haldwani Violence New Update
जब गौस से पूछताछ की गई तो उसकी पत्नी ने स्पष्ट किया कि कोई शपथ पत्र नहीं दिया गया और उनके घर कोई अधिवक्ता या नोटरी अधिकारी नहीं आया। यह भी कहा कि कंपनी बाग की जिस भूमि पर अब्दुल मलिक व साफिया मलिक ने प्रथमदृष्टया अनाधिकृत रूप से कब्जा कर लिया, उसमें अवैध प्लाटिंग करते हुए स्वयं व बैमाने के रूप में स्टांप पेपर के आधार पर विक्रय कर दिया। जिस भवन को मदरसा व अन्य भवन जिसे नमाज स्थल बताया जा रहा है, वह मात्र बेसमेंट है। उस पर भूतल या प्रथम तल उपलब्ध नहीं है। Haldwani Violence New Update
आठ फरवरी को जब अनधिकृत कब्जे को हटाने के लिए पुलिस, नगर निगम व प्रशासन की टीम पहुंची तो साफिया मलिक व उसके पति अब्दुल मलिक ने क्षेत्र में अन्य लोगों को भड़काया और परिणाम यह हुआ कि बनभूलपुरा क्षेत्र में हिंसा हुई। थाना बनभूलपुरा को आग से क्षति पहुंची।
दंगा नियंत्रण करने को गोली मारने के आदेश करने पड़े। कोर्ट ने कहा कि साफिया मलिक या उसके परिवार के किसी सदस्य को कानून व्यवस्था या आम जनता की सुरक्षा को दांव पर लगाने या उन्हें जोखिम में डालने की अनुमति किसी भी प्रकार से नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सरकारी पक्ष की दलीलों के आधार पर जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। Haldwani Violence New Update
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