Helpline No Issued By Forest Department: उत्तराखंड में गर्मियों के शुरू होते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जो वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बनती हैं। इस वर्ष, वन विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस संबंध में शनिवार को प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विभिन्न पहलुओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) और फॉरेस्ट फायर मोबाइल ऐप के माध्यम से वन्यजीव संघर्ष, वनाग्नि, अवैध शिकार, अतिक्रमण जैसी शिकायतें दर्ज करने की प्रणाली को मजबूत किया गया है।
फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड मोबाइल ऐप और एकीकृत हेल्पलाइन नंबर 1926 के माध्यम से आम लोग भी इन समस्याओं की रिपोर्ट कर सकते हैं। धनंजय मोहन ने बताया कि पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों के अध्ययन में इस वर्ष सबसे कम आग अलर्ट प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा, सरकार ने वनाग्नि नियंत्रण के लिए पीरूल एकत्रीकरण में स्थानीय लोगों को शामिल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जिसके तहत पीरूल की दर को बढ़ाकर 10 रुपए प्रति किलो कर दिया गया है।
इसके साथ ही, वन विभाग ने वन क्षेत्र में आग की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए मौसम पूर्वानुमान केन्द्र स्थापित करने के लिए मौसम विभाग के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत, राज्य के संवेदनशील और अति संवेदनशील वन क्षेत्रों में आग पर काबू पाने के लिए सही समय पर मौसम की जानकारी दी जाएगी, जिससे प्रभावी नियंत्रण संभव हो सके।