उत्तराखंड सरकार (Impact Of UCC) के द्वारा राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। विशेषज्ञ समिति संहिता का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 2 फरवरी को सौंप चुकी है। समिति के ड्राफ्ट के कानूनी रूप लेने के बाद इसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। समिति के द्वारा बनाए गए ड्राफ्ट में महिलाओं के अधिकारों पर खास तवज्जो दी गई है। ड्राफ्ट में लड़कियों के विवाह की आयु बढ़ाने, बहुविवाह पर रोक लगाने, उत्तराखंड में लड़कियों के बराबर हक, सभी धर्म की महिलाओं को गोद लेने का अधिकार और तलाक के लिए समान अधिकार रखते पर जोर दिया गया है।Impact Of UCC
यूसीसी ड्राफ्ट की मुख्य प्रस्तुतियां | Impact Of UCC
- सभी धर्मों में लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष करने की संस्तुति की गई है।
- शादी के लिए पंजीकरण को अनिवार्य करते हुए बिना पंजीकरण के दंपति को सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित रखने पर जोर दिया गया है।
- पति-पत्नी को तलाक में समान अधिकार उपलब्ध कराए जाने, बहुविवाह पर रोक लगाई जाने और एक पत्नी के जीवित रहते पति का दूसरा विवाह अपराध की श्रेणी में लाए जाने की संस्तुति की गई है।
- तलाक को सभी धर्मों में कानूनी रूप से करने पर जोर दिया गया है। लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। Impact Of UCC
- उत्तराधिकार में लड़कियों को समान अधिकार। अभी कुछ धर्मों में लड़कों का हिस्सा अधिक है।
- नौकरी करने वाले बेटे की मृत्यु पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी ।
- पत्नी अगर पुनर्विवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता का भी हिस्सा होगा।
- पत्नी की मृत्यु होने पर यदि उसके माता पिता का कोई सहारा न हो तो उनके भरण पोषण का दायित्व पति पर रहेगा।
- सभी धर्मों की महिलाएं ले सकेंगी बच्चों को गोद। अभी कुछ धर्मों में है मनाही ।
- अनाथ बच्चों के अभिभावक बनने की प्रक्रिया होगी सरल।
- पति-पत्नी के झगड़े में बच्चों की उनके दादा-दादी अथवा नाना-नानी को सौंपी जा सकती है कस्टडी ।
एसएसपी हल्द्वानी ने उठाए सख्त कदम, शिकायतों पर जांच के बाद 3 पुलिसकर्मी निलंबित |