Kedarnath Dham Kapat 2025 Closed today: गुरुवार सुबह भाई दूज के पावन अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होते ही केदारघाटी “हर हर महादेव” और “जय बाबा केदार” के जयकारों से गूंज उठी। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी धाम पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन किए और प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की।
आपको बता दें, कपाट बंद होने से पहले मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था। इसके साथ ही बुधवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया था। आज सुबह चार बजे से विशेष पूजा-अर्चना शुरू हुई, जिसके बाद चल विग्रह डोली को बाहर निकालकर मंदिर की परिक्रमा कराई गई। मंत्रोच्चार और भक्तों के जयकारों के बीच सुबह 8:30 बजे कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए।
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी डोली जयघोषों के साथ रामपुर के लिए रवाना हुई, जहां आज रात्रि विश्राम रहेगा। अब अगले छह महीनों तक भगवान केदार की पूजा-अर्चना उनके शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी के साथ बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, विजय कप्रवाण, केदारसभा अध्यक्ष पंडित राजकुमार तिवारी, मंत्री पंडित अंकित प्रसाद सेमवाल और अन्य धार्मिक अधिकारी मौजूद रहे। बता दें, इस साल केदारनाथ यात्रा के दौरान 17.39 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। अंतिम दिनों में भी हजारों श्रद्धालु धाम पहुंचे।
