Kedarnath Ropeway: केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर सामने आई है। केदारनाथ रोपवे परियोजना का निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 से शुरू होने जा रहा है। इस परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया 19 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी, इसके बाद डिजाइन और बाकी जरूरी तैयारियां भी जल्द ही पूरी की जाएंगी, ताकि निर्माण समय पर शुरू हो सके।
पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ रोपवे निर्माण को 5 मार्च 2025 में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद निर्माण से जुड़ी बाकी तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ पहुंचकर 21 अक्तूबर 2022 को इस रोपवे का शिलान्यास किया था। इस रोपवे को तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बनाया जा रहा है, ताकि वे आसानी, सुरक्षा और कम समय में केदारनाथ धाम तक पहुंच सकें।
दो चरणों में होगा निर्माण
केदारनाथ रोपवे की कुल लंबाई लगभग 13 किलोमीटर होगी जो 22 टॉवरों के सहारे बनाया जाएगा। इसे दो चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ (9.7 किमी) और दूसरे चरण में सोनप्रयाग से गौरीकुंड (3.3 किमी) तक रोपवे बनाया जाएगा। इस परियोजना में कुल 5 स्टेशन होंगे। सोनप्रयाग, गौरीकुंड, चिरबासा, लिनचोली, और केदारनाथ। जिसमें चिरबासा और लिनचोली तकनीकी स्टेशन होंगे, जो आपातकाल में इस्तेमाल किए जाएंगे।
आपको बता दें, अभी इस यात्रा में 8 से 9 घंटे तक का समय लगता है, लेकिन रोपवे बनने के बाद यह सफर सिर्फ 30-36 मिनट में पूरा हो जाएगा। साथ ही, शुरुआत में हर घंटे 1,800 यात्री इससे यात्रा कर सकेंगे। जिससे अधिक लोग कम समय में आसानी से केदारनाथ पहुंच सकेंगे।
निर्माण की जिम्मेदारी
भारतीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस परियोजना की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) को सौंपी है। पिछले दो सालों में अलग-अलग एजेंसियों ने प्रशासन और वन विभाग के साथ मिलकर हवाई और भूमिगत सर्वेक्षण सहित जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं।