Leopard Attack In Champawat: प्रदेश में जंगली जानवरों के हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, और लगातार जानवर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हाल के दिनों में हुए हमलों में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उदाहरण के लिए, पिछले गुरुवार को गुलदार के हमले में दो बच्चों की मौत हो गई थी, और शुक्रवार को एक अन्य बच्चे पर भी गुलदार ने हमला किया।
शुक्रवार देर शाम करीब आठ बजे, एक तीन साल का बच्चा, आरव, अपने घर में जा रहा था जब गुलदार ने उसे उठा लिया। बच्चे की चीखें सुनकर परिजन तुरंत उसके पीछे दौड़े, और ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे। गुलदार बच्चे को लगभग 200 मीटर दूर खेत में छोड़कर भाग गया।
आरव के परिजनों ने उसे तत्काल लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय ले जाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय चंपावत रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के सिर और चेहरे पर गंभीर घाव हैं, लेकिन उसकी हालत फिलहाल स्थिर है।
इस घटना के समय बच्चे की मां आंगन में बर्तन धो रही थी। उसकी बुआ ने बताया कि जब आरव सीढ़ियों से घर के अंदर जा रहा था, तब गुलदार ने अचानक उस पर हमला किया। इस घटना से पूरे गांव में भय और आक्रोश फैल गया है।
ग्रामीणों का विरोध
राईकोट के ग्राम प्रधान प्रदीप कुवर ने कहा कि घर के पास गुलदार का हमला बेहद गंभीर है। उन्होंने वन विभाग को इस घटना की सूचना दे दी है और प्रशासन से गुलदार को पकड़ने की मांग की है। गांव के लोगों में डर का माहौल है, और वे सुरक्षित रहने के लिए उपायों की तलाश कर रहे हैं।
जंगली जानवरों के हमले की यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर मुद्दा है। इससे न केवल मानव जीवन पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना भी बढ़ रही है। प्रशासन और वन विभाग को इस स्थिति को गंभीरता से लेना होगा और ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों को भी सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
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