Madhmaheshwar Doli Leave For Abode: रुद्रप्रयाग जनपद के पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया विधिवत रूप से आरंभ हो गई है। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, सोमवार को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर से अपने मूल धाम की ओर प्रस्थान किया। यह डोली विभिन्न पड़ावों से होकर 21 मई को मद्महेश्वर मंदिर पहुंचेगी, जहां कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
विशेष पूजा-अर्चना के साथ शुभारंभ
रविवार को तड़के ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भगवान मद्महेश्वर की विशेष पूजा-अर्चना आरंभ की गई। इस दौरान पुजारी द्वारा भगवान मद्महेश्वर और भगवान ओंकारेश्वर की भोग मूर्तियों को पंचामृत से स्नान कराया गया तथा भव्य महाभिषेक और महाआरती संपन्न की गई। इसके पश्चात भगवान की मूर्तियों को मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया।

इस धार्मिक अवसर पर केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग भी उपस्थित रहे। उन्होंने भगवान शिव की पूजा की छह माह की जिम्मेदारी ओंकारेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी शिव लिंग को सौंपी।
डोली यात्रा का मार्ग और पड़ाव
सोमवार प्रातः मद्महेश्वर भगवान की डोली विधिवत पूजा-अर्चना के पश्चात ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना हुई। यह डोली आज रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर, रांसी पहुंचेगी। 20 मई को डोली गौंडार गांव में विश्राम करेगी और 21 मई को अंतिम पड़ाव मद्महेश्वर मंदिर पहुंचेगी, जहां ग्रीष्मकाल के लिए कपाट खोले जाएंगे।

