एशियाई हाथी (Pavalgarh Conservation ) और रॉयल बंगाल टाइगर के लिए विश्व प्रसिद्ध पवलगढ़ कंजर्वेशन के स्थानीय लोगों द्वारा पवलगढ़ का नाम बदलकर सीताबनी कंजर्वेशन रिजर्व रखने की मांग की जा रही थी, जिसको देखते हुए सरकार ने 22 जनवरी को इसका नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए हैं।
रामनगर में कॉर्बेट की सीमा से लगे पवलगढ़ की पौराणिक मान्यता भी काफी अधिक है। यहां सीता माता का मंदिर है, जहां उनके साथ लव और कुश भी हैं। ऐसे में इसका धार्मिक महत्व और भी ज्यादा हो जाता है। विभागीय सूत्रों की जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मांग को स्वीकृति देते हुए प्रमुख सचिव वन को 22 जनवरी को नाम बदलने का नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दे दिए हैं। Pavalgarh Conservation
आपको बता दें कि 2012 में रामनगर और तराई पश्चिमी वान प्रभाग के कुछ रेंज को मिलाकर इसको बनाया गया था तब से अब तक करीब 5824 हेक्टेयर क्षेत्र में पहले इस रिजर्व में बाघों और हाथियों की अच्छी खासी संख्या हो गई है।
पवलगढ़ का नाम सीताबनी कंजर्वेशन रखने की हो रही थी मांग । Pavalgarh Conservation
पवानगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रामपुर टांगे गांव के राजकीय इंटर कॉलेज पाटकोट के कुछ छात्रों ने सीएम धामी को इस विषय से संबंधित पत्र भेजकर, इसकी धार्मिक मान्यताएं बताते हुए नाम बदलने की मांग की थी। आपको बता दें कि बच्चों ने राम मंदिर उद्घाटन के मौके पर पवानगढ़ का नाम सीताबनी कंजर्वेशन रखने की भी बात कही थी।
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