Public Transport Fare : उत्तराखंड में फिर टला 2023 से लंबित किराया बढ़ाने का फैसला, लोकसभा चुनाव के बाद लिया जा सकता है बड़ा फैसला |

साल 2023 (Public Transport Fare) में परिवहन निगम ने सदा को किराया बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था, जिसको अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है। राज्य में व्यवसाय वाहनों का यात्री किराया बढ़ाने पर निर्णय अब लोकसभा चुनाव के बाद ही किया जाएगा पहले यह बताया जा रहा था कि इस साल की शुरुआत में यात्री किराए बढ़ाने पर मोहन लग सकती है। यह निर्णय राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में लिया जाना है बैठक की अभी तारीख तय नहीं की गई है और मौजूदा हालातो में चुनाव से पहले बैठक होती थी नजर नहीं आ रही है।

साल 2020 में राज्य परिवहन प्राधिकरण की हुई बैठक में हर साल वाहनों का किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया था लेकिन कोरोना के कारण यह व्यवस्था लागू नहीं रखी जा सकी थी। साल 2022 में आयोजित हुई एसटीए की बैठक में व्यावसायिक वाहनों के किराए में 20% की बढ़ोतरी की गई थी, जिसका एक प्रमुख कारण पेट्रोल और डीजल के साथ ही उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी बताया गया था। Public Transport Fare

2023 में परिवहन निगम भेजा था एसटीए को किराया बढ़ाने का प्रस्ताव | Public Transport Fare

इसके बाद साल 2023 में परिवहन निगम ने एसटीए को किराया बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था जिसके साथ ही अन्य व्यावसायिक वाहन कंपनियों ने भी किराया बढ़ाने की मांग की थी। इसे देखते हुए परिवहन मुख्यालय ने किराया निर्धारण समिति का गठन किया। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी। यह विषय एसटीए की बैठक में भी आया लेकिन एसटीए ने इसमें तय दरों को अनुचित बताते हुए नए सिरे से किराया तय करने के लिए समिति को निर्देश दिए। Public Transport Fare

समिति अपनी दूसरी रिपोर्ट भी परिवहन मुख्यालय को सौंप चुकी है। इसके बाद एसटीए की बैठक नहीं हुई। पहले माना जा रहा था कि जनवरी में एसटीए की बैठक होगी, लेकिन विभिन्न परिस्थितियों के कारण यह बैठक नहीं हुई। अब लोकसभा चुनाव आने वाले हैं। विभाग की प्राथमिकता अब चुनावों को सुचारू रूप से संपन्न कराने की है। ऐसे में अभी एसटीए की बैठक को लेकर कोई तिथि तय नहीं हुई है। Public Transport Fare

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