बॉन्ड डॉक्टर की सेवा को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश, लंबे समय से नदारत डॉक्टरों की सेवाएं होगी समाप्त | Bond Doctors Service Update

Bond Doctors Service Update

उत्तराखंड (Bond Doctors Service Update) के बॉन्ड व्यवस्था के तहत पहाड़ों पर तैनात डॉक्टर के लंबे समय से नदारद होने पर स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने अस्पतालों से नदारद 50 से ज्यादा डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने को लेकर निर्देश जारी किए हैं। वर्तमान समय में 450 बॉन्ड डॉक्टर पहाड़ों पर तैनात हैं। लेकिन कई बॉन्ड डॉक्टर लंबे समय से अपनी ड्यूटी पर तैनात नहीं जा रहे हैं, जिससे मरीजों को इलाज करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पहले भी हो चुकी कार्यवाही। Bond Doctors Service Update राज्य में बॉन्ड डॉक्टरों की तैनाती पर न होने को लेकर पहले भी सरकार के द्वारा कार्यवाही की जा चुकी है।स्वास्थ्य महानिदेशक की ओर से नोटिस जारी करने के बाद डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। सेवाएं समाप्त करने की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि अस्पतालों से नदारद बॉन्ड डॉक्टर (Bond Doctors Service Update) के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। जो डॉक्टर लंबे समय से अपनी ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं उनकी सेवाएं समाप्त करने के निर्देश अधिकारी को दे दिए गए हैं। साथ ही उन डॉक्टरों की जगह पर नए डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। यह भी पढ़े | महंगाई भत्ते पर लगी मंजूरी, सरकारी कर्मचारियों को हर महीने इतना होगा फायदा

दून में बढ़ता स्वाइन फ्लू का प्रकोप, H1 N1 के दो नए मरीजों की हुई पुष्टि | H1N1 Two Positive Cases In Dehradun

H1N1 Two Positive Cases In Dehradun

उत्तराखंड (H1N1 Two Positive Cases In Dehradun) में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राजधानी दून में के दून अस्पताल में h1n1 के दो बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं। इन बच्चों को आइसोलेट कर इलाज किया जा रहा है। इन मरीजों में इनफ्लुएंजा ए के सब टाइप की भी जांच की जा रही है, जो स्वाइन फ्लू को प्रेजेंट करता है। देहरादून के दून अस्पताल के बाल रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर मेजर डॉक्टर गौरव मुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों बच्चों की इन्फ्लूएंजा ए की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी, जिसके बाद दोनों बच्चों को इन्फ्लूएंजा ए के सब टाइप की जांच की गई। जिसमें दोनों बच्चों में h1n1 सब टाइप पॉजिटिव आया है, जो स्वाइन फ्लू को प्रेजेंट करता है। इन्फ्लूएंजा ए के पॉजिटिव मरीजों में सब टाइप की जांच की जाती है ताकि मरीज को पहचान कर इनफ्लुएंजा ए को फैलने से बचाया जा सके। आपको बता दें कि इन्फ्लूएंजा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जानवरों से नहीं होता इनफ्लुएंजा ए। H1N1 Two Positive Cases In Dehradun जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर की रावत ने जानकारी दी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने h1n1 संक्रमण को सीजनल इन्फ्लूएंजा की श्रेणी में रखा है। यह संक्रमण किसी पशु या किसी जानवर से किसी इंसान में नहीं फैलता, बल्कि यह मनुष्य से मनुष्य में होने वाला संक्रमण है। यह संक्रमण खांसी जुकाम जैसे रोगों की तरह फैलता है। इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। सामान्य सावधानियां बरतने से इससे बचा जा सकता है। इन बातों का रखे खास खयाल | H1N1 Two Positive Cases In Dehradun खुले में ना थूक के खांसते–छीकते समय मुंह पर कपड़ा या रुमाल जरूर रखें भीड़–भाड़ वाली जगह पर जाने से बच्चे गर्म कपड़े पहने सामान्य सर्दी जुकाम जैसे लक्षण होने पर घर पर आराम करें मास्क अवश्य पहनें डॉक्टर की सलाह पर ही दवाई ले हाथ, मुंह और शरीर की सफाई का ध्यान रखें। यह भी पढ़े | त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की यूपी के सीएम और संत समाज से मुलाकात, राम प्रतिष्ठा समारोह के लिए दी बधाई |

2024 के अंत तक TB मूक्त उत्तराखंड का रखा लक्ष्य, स्वास्थ्य विभाग की नई पहल | TB Awareness Program 2024 Uttarakhand

TB Awareness Program 2024

राज्य सरकार (TB Awareness Program 2024) के द्वारा उत्तराखंड को 2024 के अंत तक टीवी मुक्त बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार टीवी मरीजों के लिए अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की द्वारा की जा रही पल के बीच राज्य के हजारों लोग भी इस मुहीम में शामिल हो गए हैं और टीवी रोगियों का सहयोग कर सामुदायिक भूमिका निभा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने निक्षय मित्र की भूमिका निभाते हुए दूसरी बार टीवी मरीजों को गोद लिया है आपको बता दें कि सचिव स्वास्थ्य ने पहले भी टीवी मरीजों को गोद लिया था जो कि अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में चलाया जा रहा टीबी मुक्त भारत अभियान | TB Awareness Program 2024 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाए जा रहे टीवी मुक्त भारत अभियान के राज्य में अभी तक 1014 लोगों ने विषय मित्र बनने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। उत्तराखंड को 2024 तक टीवी मुक्त करने के लक्ष्य को लेकर राज्य सरकार की तरफ से राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर प्रधानमंत्री टीवी मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। निक्षय मित्र बन रहे टीबी मरीजों के लिए मसीहा | TB Awareness Program 2024 निक्षय मित्र वह लोग हैं जो टीवी मरीजों को गोद लेकर टीवी मुक्त अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा निक्षय मित्र रजिस्टर्ड हुए हैं। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के सचिव और राजेश कुमार ने जिला क्षय रोग कार्यालय देहरादून में निक्षय मित्र बनकर क्षय रोगियों को मासिक पोषाहार मुहैया करवाया और साथ ही लोगों से समाज के सभी वर्ग से आगे आकर कार्यक्रम की सफलता में अपना सहयोग देने की अपील की। किस जिले में कितने निक्षय मित्र | TB Awareness Program 2024 यह भी पढ़े | Nagar Nigam में वेतन फर्जीवाड़े की जांच शुरू, कर्मचारियों की अटका वेतन,200 कर्मियों के वेतन का है मामला

Thyroid Awareness Month 2024 : क्या हैं थायराइड, और उसके लक्षण, जाने और दूसरों को भी करें जागरूक |

Thyroid Awareness Month 2024

भारत में लोग थायराइड (Thyroid Awareness Month 2024) बीमारी और उनके कारण होने वाली गंभीर बीमारियों की समस्या के चलते शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करते हैं। थायराइड की समस्या हर वर्ग के व्यक्ति को होती है लेकिन ज्यादातर 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह समस्या पाई जाती है।थायराइड बीमारी और उसके कारण होने वाले रोगों के करण,लक्षणों, विकार के सही इलाज और प्रबंधन के बारे में लोगों को जागरूक करने के लक्ष्य से हर साल कई देशों में जनवरी महीने को “थायराइड जागरूकता माह” के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह आयोजन “थायराइड स्वास्थ्य का पोषण : ज्ञान जांच और कल्याण” थीम पर मनाया जा रहा है क्या होता है थायराइड | Thyroid Awareness Month 2024 थायरॉयड ग्रंथि गर्दन के निचले हिस्से में एक छोटी ग्रंथि होती है। यह चयापचय, ऊर्जा उत्पादन और मनोदशा सहित कई शारीरिक कार्यों के नियमन में सहायता करता है। और थायरॉइड में असामान्यता का पता लगाने के लिए थायरॉइड प्रोफ़ाइल परीक्षण का उपयोग किया गया है। थायरॉयड के प्रकार और लक्षण | Thyroid Awareness Month 2024 थायराइड रोग दो प्रकार के होते हैं हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथाइरॉयडिज़्म ।हाइपोथायरॉइडिज्म के अंतर्गत थायराइड ग्रंथि में हार्मोन का उत्पादन निर्माण में जरूर से ज्यादा कमी होती है तो वही हाइपोथाइरॉएड इस में थायराइड ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन बहुत ज्यादा करती है। हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण | Thyroid Awareness Month 2024 हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण | Thyroid Awareness Month 2024 थायराइड बीमारी का खतरा किस्से है सबसे ज्यादा | Thyroid Awareness Month 2024 थायरॉइड प्रोफ़ाइल परीक्षण क्यों है ज़रूरी और जांच में कितना होगा खर्च | Thyroid Awareness Month 2024 देहरादून में थायराइड की केवल 300 से 500 रुपए में हो जाती है, जिसकी रिपोर्ट आपको 24 घंटे में मिल सकती है। यह भी पढ़े | डोईवाला में किसानों का धरना, गन्ना समर्थन मूल्य 500 करने की रखी मांग |

Super Specialty Doctors : पहाड़ पर तैनात डॉक्टरों के लिए खुशखबरी, सरकार ने लिया यह फैसला | Good News For Super Specialty Doctors

Super Specialty Doctor

शनिवार को सचिवालय (Super Specialty Doctors) में अफसर की बैठक करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए फैकल्टी का वेतनमान दोगुने से ज्यादा करने का फैसला लिया है। डॉ धन सिंह रावत ने उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं को बढ़ाने के निर्देश दिए। डॉ धन सिंह रावत ने बैठक में कहा कि मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, रेडियोलॉजी, न्यूरो सर्जरी और प्लास्टिक और बर्न सर्जरी की फैकल्टी का वेतनमान दोगुना से अधिक करने के निर्देश दिए हैं।चिकित्सा शिक्षा विभाग को इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के भी आदेश दिए गए हैं। राज्य में मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं को बढ़ाने को लेकर इन सेवाओं के लिए वेतनमान भी आकर्षक बनाने का निर्णय लिया गया है। विभाग के द्वारा मेडिकल कॉलेज (Super Specialty Doctors) में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पद के लिए आवेदन की अधिकतम आयु सीमा को भी बढ़ने का निर्णय लिया गया है। आपको बता दें कि राज्य में अभी एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए आवेदन की अधिकतम आयु सीमा 50 साल है, जिसको अब बढ़कर 62 साल किया जा सकता है। लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन की अधिकतम आयु सीमा पहले की तरह ही 45 साल रहेगी। पर्वतीय क्षेत्र में सुपर स्पेशलिटी फैकल्टी का प्रस्तावित वेतन। Super Specialty Doctors पर्वतीय क्षेत्र में सुपर स्पेशलिटी स्पेशलिस्ट प्रोफेसर को 2.4 लाख मिलते हैं जो अब बढ़कर 5 लाख महीना किया जाएगा। एसोसिएट प्रोफेसर का वेतन 1.84 लाख से बढ़कर 4 लख रुपए किया जाएगा। असिस्टेंट प्रोफेसर को 1.42 लाख की जगह अब 3 लाख रुपए मिलेंगे, जबकि सीनियर रेजिडेंट को 90 हजार की जगह 2 लाख दिए जाएंगे। मैदानी क्षेत्रों में सुपर स्पेशलिस्ट फैकल्टी का प्रस्तावित वेतन | Super Specialty Doctors सुपर स्पेशलिस्ट प्रोफेसर को जहां अभी तक 1.43 लाख रुपए मिलते थे तो जिसको बढ़कर अब 4 लाख प्रति महीना किया जाएगा। एसोसिएट प्रोफेसर का वेतन 1.23 लाख से बढ़कर 3 लाख किया जाएगा। असिस्टेंट प्रोफेसर को 95 हजार की जगह ढाई लाख रुपए प्रति महीना मिलें देहरादून एसएसपी पर जानलेवा हमला, आरोपी पर एसपी ट्रैफिक करेंगे जांच।

उत्तराखंड पहुंचा कोरोना का नया वेरिएंट, 2 मामले आने से विभाग अलर्ट |Uttarakhand Health Department On Alert Mode After 2 Corona Patient Found In Dehradun

Uttarakhand Health Department On Alert Mode

राज्य में दो कोरोना मामले (Uttarakhand Health Department On Alert Mode) सामने आने से राज्य का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। दोनों संक्रमित के सैंपलों में कोविड के नए वेरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने में लगभग एक हफ्ते का समय लगेगा। राज्य के सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने राज्य में करना के नए वेरिएंट मिलने के बाद लोगों से अपील की कि कोविड संक्रमण से घबराएं नहीं, केवल सावधानी और सतर्कता बरतें। उन्होंने ने कहा की मैक्स अस्पताल में भर्ती रहे 77 वर्षीय पुरुष और दून मेडिकल कॉलेज में 72 वर्ष की महिला मरीज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। (Uttarakhand Health Department On Alert Mode) कोविड के नए वैरिएंट जेएन.1 की पहचान के लिए दोनों संक्रमित मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की जा रही है। आपको बता दे की मैक्स अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जानकारी के मुताबिक मरीज पहले से ही कई दूसरी बीमारियों से ग्रसित हैं। जिनका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है जबकि दून अस्पताल में भर्ती महिला मरीज का कोविड वार्ड में इलाज चल रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों की टीम महिला के स्वास्थ्य पर नजरें बनाए हैं। कोविड प्रबंधन में किसी भी तरह कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए गए है। सीएम के आदेश पर पूरी तरह तैयार स्वास्थ्य विभाग | Uttarakhand Health Department On Alert Mode स्वास्थ्य सचिव ने बताया, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कोविड प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य विभागhttps://health.uk.gov.in/ पूरी तरह से तैयार है। राज्य के सभी डीएम, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों को अस्पतालों के स्तर पर कोविड के इलाज से संबंधित सभी तैयारियों को लेकर लगातार निर्देश दिए जा रहे है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज के घर पर नियंत्रण और रोकथाम की कार्यवाही करने के लिए भेजी गई हैं। सीएम धामी के द्वारा सभी सीएमओ को कोविड प्रबंधन में किसी भी तरह कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए गए हैं। नए वेरिएंट से निपटने को तैयार राज्य सरकार | Uttarakhand Health Department On Alert Mode कोविड के नए वैरिएंट से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार हैं। कोरोना के मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है। साथ ही कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों की निगरानी की जा रही है। राज्य मेंकोरोना के नए स्वरूप से निपटने के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं और मानव संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत का कहना है की राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कोविड प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। यह भी पढ़े | साल 2024 के पहले दिन हुई हड़ताल, यात्रियों समेत आम जनता को भी झेलना पड़ी परेशानी