Anant Chaturdashi 2024: हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार अनंत चतुर्दशी, सीएम धामी ने दी बधाई

(Anant Chaturdashi 2024)

आज पूरे देश में गणेश और विष्णु की उपासना पर अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2024) धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस त्यौहार पर भगवान श्री गणेश और भगवान श्री विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। अनंत चतुर्थी, हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से भगवान गणेश के पूजन के लिए समर्पित है और यह गणेश चतुर्थी के बाद आने वाला दिन होता है सीएम धामी ने दी बधाई (Anant Chaturdashi 2024) अनंत चतुर्दशी के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा “भगवान श्री गणेश और श्री हरि विष्णु की उपासना के पावन पर्व अनंत चतुर्दशी की आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। विघ्नहर्ता श्री गणेश और संसार के पालक भगवान श्री विष्णु का आशीष हम सभी पर बना रहे और समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में सुख समृद्धि का वास हो मेरी ईश्वर से यही कामना है।” अनंत चतुर्दशी का महत्व (Anant Chaturdashi 2024) अनंत चतुर्थी का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत अधिक है। इसे “अनंत चतुर्दशी” या “अनंत चतुर्दशी व्रत” भी कहा जाता है। यह दिन भगवान गणेश के अनंत स्वरूप की पूजा का दिन होता है। इस दिन विशेष रूप से अनंत चौदस व्रत का आयोजन किया जाता है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और दीर्घायु के लिए किया जाता है। पूजा विधि अनंत चतुर्दशी का इतिहास और पौराणिक महत्व (Anant Chaturdashi 2024) अनंत चतुर्दशी का इतिहास बहुत पुराना है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने अनंत नाग को पृथ्वी पर भेजा था। अनंत नाग, जिसे अनंतचरण भी कहते हैं, भगवान विष्णु के कोहनी के नीचे एक अपार काले सांप के रूप में चित्रित किया जाता है। इस दिन इस अनंत नाग की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अनंत चतुर्दशी का समाज में महत्व (Anant Chaturdashi 2024) अनंत चतुर्दशी का त्योहार पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। विशेषकर महाराष्ट्र, गुजरात, और कर्नाटका में यह त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ के लोग इस दिन घर-घर जाकर भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उनके साथ पधारते हैं। अनंत चतुर्दशी न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह समाज में एकता और भक्ति का प्रतीक भी है। इस दिन की गई पूजा और व्रत से न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुख और शांति आती है, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए, चतुर्दशी को एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में मनाएं और इस दिन भगवान गणेश की पूजा करके अपने जीवन को एक नई दिशा दें। (Anant Chaturdashi 2024) यह भी पढ़ें उत्तराखंड राज्य के लगभग 16 हजार स्कूलों में किया जाएगा सर्वे, जानिए इसकी वजह……

Pitra Paksh 2024 Begins: आज से शुरू हो रहा पितृपक्ष, 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा, जानिए तिथि…..

Pitra Paksh 2024 Begins

Pitra Paksh 2024 Begins: आज 17 सितंबर से शुरू होने जा रहा पितृपक्ष। पितृपक्ष हिंदू धर्म में पितरों को प्रसन्न करने वाला पर माना जाता है। श्राद्ध पक्ष में होगा पूर्वजों का सम्मान (Pitra Paksh 2024 Begins) आज पूरे देश भर में पितृपक्ष आरंभ होने जा रहा है। इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। आपको बता दे हिंदू धर्म में पितृपक्ष की बड़ी मान्यता है, जिसमें पितरों को प्रसन्न और संतुष्ट किया जाता है। पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से होती है। इन दिनों उन पूर्वजों के सम्मान में श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु हर महीने की पूर्णिमा के दिन हुई थी।आपकी जानकारी के लिए पितृपक्ष या श्रद्धा हिंदू कैलेंडर में मृतक पूर्वजों के सम्मान के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। पितरों का मिलता है आशीर्वाद (Pitra Paksh 2024 Begins) पितृपक्ष में माना जाता है कि यह ऐसा समय होता है जब पूर्वजों की आत्मा प्रसाद और प्रार्थनाओं के प्रति सबसे अधिक ग्रहणशील होती हैं। आपको बता दे पितरों का श्राद्ध करने से जन्म कुंडली में पाए जाने वाले पितृदोष से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है। श्राद्ध पक्ष पितरों के प्रति अपनी सेवा प्रदान करने का एक अच्छा अवसर होता है। जानिए पितृ पक्ष का महत्व हिंदू धर्म में पितृपक्ष सभी के लिए अपने पूर्वजों को सम्मान देने और परिवार की समृद्धि के लिए पितरों का आशीर्वाद लेने का समय माना जाता है। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान अनुष्ठान करने और प्रसाद चढ़ाने से पूर्वजों की आत्मा को शांति के साथ मुक्ति भी मिल जाती है। श्राद्ध पक्ष में पूजा करने से सभी लोगों को संतुष्टि मिलती है कि उनके पूर्वजों द्वारा सभी वंशजों की खुशी और सफलता के लिए आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है। जानिए पितृ पक्ष 2024 की तिथियां (Pitra Paksh 2024 Begins) 17 सितंबर, मंगलवार- पूर्णिमा श्राद्ध18 सितंबर, बुधवार- प्रतिपदा श्राद्ध19 सितंबर, गुरुवार- द्वितीया श्राद्ध20 सितंबर, शुक्रवार- तृतीया श्राद्ध21 सितंबर, शनिवार- चतुर्थी श्राद्ध, महाभरणी22 सितंबर, रविवार- पंचमी श्राद्ध23 सितंबर, सोमवार- षष्ठी श्राद्ध, सप्तमी श्राद्ध24 सितंबर, मंगलवार- अष्टमी श्राद्ध25 सितंबर, बुधवार- नवमी श्राद्ध, मातृ नवमी26 सितंबर, गुरुवार- दशमी श्राद्ध27 सितंबर, शुक्रवार- एकादशी श्राद्ध29 सितंबर, रविवार- द्वादशी श्राद्ध, मघा श्राद्ध30 सितंबर, सोमवार- त्रयोदशी श्राद्ध1 अक्टूबर, मंगलवार- चतुर्दशी श्राद्ध2 अक्टूबर, बुधवार- अमावस्या श्राद्ध, सर्व पितृ अमावस्या (Pitra Paksh 2024 Begins) यह भी पढ़ें भारी मलबे और बोल्डर से कुमाऊं की सड़कें प्रभावित, अब तक करोड़ों का नुकसान…..