वर्दी में रील बनाने को लेकर सख्त प्रशासन, इंटरनेट नीति के तहत तय की सोशल मीडिया की मर्यादा | Ban On reels In Uniform

Ban On reels In Uniform

उत्तराखंड पुलिस (Ban On reels In Uniform) मुख्यालय में पुलिसकर्मियों के लिए इंटरनेट सोशल मीडिया नीति तैयार की है पुलिसकर्मियों को अब सोशल मीडिया पर मर्यादा का पालन करना होगा इस नीति के तहत कुल 41 तरह के क्रियाकलापों पर पूर्ण रूप से रोक लगाई गई है किसी भी पुलिसकर्मी को वर्दी सरकारी वाहन या दफ्तर में सोशल मीडिया के लिए रियल या फोटो खींचने की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों में के लिए पांच क्रियाकलापों को शर्ट के साथ छूट देने प्रदान की गई है इस संबंध में कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने बृहस्पतिवार को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए। पुलिस के मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर नीलेश आनंद भरणे ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते कुछ समय से देखने में आ रहा था कि पुलिसकर्मी वर्दी में सोशल मीडिया पर वीडियो प्रसारित कर रहे हैं इसके साथ ही बहुत से प्लेटफार्म पर सरकारी आदेशों को भी हो बहुत प्रसारित किया जा रहा था जिसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय में गहन चर्चा के बाद इंटरनेट मीडिया नीति बनाई गई है जिसमें देश में प्रचलित कई नियमों का भी हवाला दिया गया है। साथ ही ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ओर से निश्चित दिशा निर्देशों को भी इस नीति में शामिल किया गया है नई नीति के अनुसार इंटरनेट मीडिया अकाउंट की सुरक्षा और साइबर सिक्योरिटी के लिए सुझाव भी दिए गए हैं दिए गए दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। साथ ही पुलिसकर्मी या अधिकारी अपने यूट्यूब का भी चैनल का भी संचालन नहीं कर सकेंगे। यदि कोई ऐसा जरूरी भी है तो इसके लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि इस पूरी नीति में हर प्रकार से पुलिसकर्मियों के हित का ध्यान रखा गया है साथी कर्मचारी नियमावली में दिए गए दिशा निर्देशों से भी उन्हें अवगत कराया गया है। ये हैं प्रतिबंधित क्रियाकलाप । Ban On reels In Uniform यह भी पढ़े | ट्रेनों पर पथराव करना पड़ेगा भारी, प्रशासन ने की सख्ती की तैयारी |

Mini Stadium और खेल मैदान बनाने को मिली मंजूरी, शासन ने जारी किया आदेश | Each Gram Panchayat will be having 1 Sport’s Ground

Mini Stadium in Uttarakhand

उत्तराखंड में अब हर ग्राम पंचायत में 1 खेल मैदान बनाया जाएगा और इसके अलावा मिनी खेल स्टेडियम (Mini Stadium) का भी निर्माण किया जाएगा इसके लिए शासन के द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। खेल मैदान राज्य के हर ग्राम पंचायत में खेल मैदान बनाने के लिए सरकार की तरफ से 42 लाख 50 हजार दिए जाएंगे। जिलाधिकारी की संस्तुति के आधार पर भूमि के कथन समतलीकरण धारण एवं रिटेनिंग वॉल के निर्माण के लिए 12.5 लख रुपए की धनराशि तय की गई है तो वही 50 हजार मैदान में खेल मैदान के उपकरणों के लिए दिए जाएंगे। खेल मैदानों में दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद, थ्रो, खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल, पुशअप, चिनअप, ताइक्वांडो, बॉक्सिंग आदि खेलों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन सभी खेलों के प्रशिक्षण के लिए एक खेल प्रशिक्षण भी विभाग की ओर से निर्धारित मानदेय के आधार पर तैनात किए जाएंगे। मैदानों और स्टेडियम के लिए यहां से मिलेगी जमीन | Mini Stadium राज्य में खेल मैदानों के लिए जमीन निजी दानदाताओं, ग्राम समाज, नजूल या राज्य सरकार के अधीन की भूमि आवंटित की जाएगी। यह भूमि युवा कल्याण विभाग के नाम पर रजिस्टर की जाएगी। इस जमीन की रजिस्ट्री संबंध जनपद के जिलाधिकारी के ओर से निशुल्क की जाएगी और निजी दानदाताओं की ओर से दी गई भूमि की रजिस्ट्री पर होने वाला खर्च खेल विभाग उठाएगा। तो वही शासकीय विभाग, प्राधिकरण, राजकीय, शासकीय सहायता प्राप्त संस्थान, विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय की जमीन पर संबंधी संस्था के अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ खेल मैदान का निर्माण प्रस्तावित किया जाएगा। इसके अलावा किसी अन्य प्रकार की जमीन होने पर युवा कल्याण विभाग के नाम ट्रांसफर होने के बाद ही खेल मैदान का निर्माण प्रस्तावित किया जाएगा। इस संबंध में विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित कुमार सिन्हा ने निदेशक युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षा दल को पत्र भी भेज दिया है। मिनी स्टेडियम के लिए 70 लाख | Mini Stadium राज्य सरकार की ओर से Mini Stadium के निर्माण के लिए 70 लख रुपए की धनराशि तय की गई है। जिसमें उपकरणों की खरीद के लिए भी राशि सुनिश्चित की गई है, तो वही मिनी स्टेडियम में विभिन्न खेलों के प्रशिक्षण के लिए कम से कम एक खेल प्रशिक्षक विभाग की ओर से नियुक्त किया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार मिनी स्टेडियम में खेल विशेष के प्रशिक्षण के लिए खेल विभाग की ओर से अस्थाई खेल प्रशिक्षक भी नियुक्त किया जा सकेगा। मिनी स्टेडियम के रखरखाव का मुख्य दायित्व इस स्टेडियम में नियुक्त खेल प्रशिक्षण का ही होगा। हर साल टूट–फुट या खेल उपकरणों के लिए 10 हजार जिला योजना से उपलब्ध कराए जाएंगे। यह भी पढ़े | राम मंदिर के संघर्षरत समर्थकों को बैठक में सम्मानित किया गया

उत्तराखंड कर विभाग की बड़ी कार्यवाही, 16 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर पकड़ी कई करोड़ की टैक्स चोरी | Tax Department Raid In Uttarakhand

Tax Department Raid In Uttarakhand

उत्तराखंड कर विभाग के द्वारा जीएसटी चोरी (Tax Department Raid In Uttarakhand) के चलते सख्त कार्यवाही की जा रही है। विभाग में बृहस्पतिवार को राज्य के 16 व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर 12 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी। कुछ प्रतिष्ठानों ने मौके पर ही एक करोड़ से ज्यादा का टैक्स दिया। Tax Department Raid In Uttarakhand 12 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी आई सामने | Tax Department Raid In Uttarakhand कर विभाग के द्वारा की गई जांच के दौरान सामने आया कि प्रतिष्ठानों के द्वारा उत्तराखंड से बाहर स्थित कर्मों के बिलों की आड़ में बोगस आईटीसी का फायदा लेकर अपनी जीएसटी के देयता को समायोजित किया जा रहा है। फर्मों के द्वारा व्यापार से संबंधित दस्तावेजों को छुपाने के लिए बिल टू शिप मॉड्यूल का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें की टीमों के द्वारा 12 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी सामने आई है। जांच के दौरान ई वे बिल वाहनों की जांच करने पर सामने आया कि ई वे बिल में दर्शाए गए स्थल के मार्ग पर टोल प्लाजा को पार ही नहीं किया जा रहा था। जब फार्मा की बैकवार्ड चैन को खंगाला गया तब टीम को पता चला कि वह प्रतिष्ठान अस्तित्व में है ही नहीं या फिर विभाग द्वारा पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। उसके अलावा कई फर्म ऐसे माल की ट्रेडिंग कर रहे थे जिसने कभी वह माल खरीदा ही नहीं था। फार्म में यह धोखाधड़ी का काम पिछले 4 सालों से हो रहा था। 16 टीमों ने की छापेमारी | Tax Department Raid In Uttarakhand राज्य कर विभाग को जीएसटी चोरी की सूचना मिलने पर मुख्यालय के द्वारा फार्मो पर नजर रखी जा रही थी। गुरुवार को राज्य कर आयुक्त के निर्देशों पर 16 टीमों में 60 अधिकारियों को तैनात कर छापेमारी अभियान चलाया गया। आपको बता दें कि यह छापेमारी देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, हल्द्वानी और रुद्रपुर में की गई। छापेमारी के दौरान टीमों के द्वारा मौके से फार्म के दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल फोन को कब्जे में लिया गया है। आपको बता दें कि कई फॉर्म के द्वारा मौके पर ही एक करोड़ से ज्यादा का जीएसटी भी जमा किया गया। यह भी पढ़े | शरीर के परिवर्तनों को समझना: 30-दिवसीय शराब-मुक्त चुनौती के लाभ |