Uttarakhand Cyber Attack Update: उत्तराखंड में हाल ही में हुए साइबर हमले ने प्रशासन को गंभीर संकट में डाल दिया। चार दिनों तक सरकारी कामकाज ठप रहा, जिससे कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावित हुईं। यह हमला पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) पर हुआ, जो कि अपराध की पहचान और ट्रैकिंग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रणाली है।
अपराधियों ने इस साइबर हमले के जरिए डेटा चुराने के साथ ही फिरौती के रूप में बिटकॉइन की मांग भी की। यह नया पहलू इस हमले की गंभीरता को दर्शाता है, क्योंकि बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने से ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
इस घटना ने सरकारी सुरक्षा ढांचे में खामियों को उजागर किया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। अब सरकारी एजेंसियों को इस तरह के हमलों से निपटने के लिए अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके अलावा, नागरिकों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाना आवश्यक है, ताकि वे संभावित खतरों से बच सकें।
अपराधियों ने मांगी थी फिरौती
उत्तराखंड में पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) पर हुए साइबर हमले ने प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को गंभीर रूप से प्रभावित किया। यह हमला तीन अक्टूबर को हुआ और इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के सभी 160 थानों के कार्य बाधित हो गए, जिससे एफआईआर से लेकर चार्जशीट तक के सभी प्रक्रियाएं रुक गईं।
पुलिस ने इस हमले के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच तेज कर दी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) सहित कई केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अपनी जांच में जुट गई हैं। सूत्रों के अनुसार, अपराधियों ने इस साइबर हमले के बाद बिटकॉइन में फिरौती की मांग की, जो इस हमले को और अधिक चिंताजनक बनाता है।
हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि यह साइबर हमला कहाँ से हुआ। आईटीडीए इस हमले के प्रभाव से अभी तक उबर नहीं पाया है और कई महत्वपूर्ण वेबसाइटों को सुरक्षित नेटवर्क पर संचालित किया जा रहा है। अब तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह हमला देश के भीतर से था या किसी विदेशी स्रोत से।
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