लोकसभा चुनाव (Voter ID Card Cancelled ) को देखते हुए उत्तराखंड में मतदाताओं के भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया के तहत उत्तराखंड के सभी जिलों में 1.77 लाख मतदाताओं के पहचान पत्र को निरस्त कर दिया गया है। देहरादून में सबसे ज्यादा 34039 लोगों का नाम मतदाता लिस्ट से हटाया गया है। देहरादून समेत शीर्ष 3 में हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले भी शामिल है 1 साल तक हुए बहुत ही सत्यापन और अन्य प्रक्रिया को पूरा करने के बाद यह है चटनी की प्रक्रिया पुरी की गई है।
मतदाता की मौत, दूसरी जगह शिफ्ट होना और दो अलग-अलग सूची में नाम शामिल होना इसकी प्रमुख वजह है। वहीं, वोटर लिस्ट से हटाए लोगों की पूरी जानकारी राजनैतिक दलों को भी दी गई है। ताकि प्रक्रिया पर किसी तरह के सवाल न उठ सके। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग तेजी से आगे बढ़ रहा है। सर्वे के दौरान नए वोटरों को जोड़ने के साथ यह भी देखा गया कि पूर्व में हुए चुनाव में दर्ज नामों की स्थिति क्या है। Voter ID Card Cancelled
नेनीताल जिले में सूची से हटे नामों की संख्या 16020 है। Voter ID Card Cancelled
मृत्यु प्रमाणपत्र जुटाए, शिफ्टिंग पर नोटिस भेजे एडीएम नेनीताल शिवचरण द्विवेदी का कहना है कि जिन लोगों की मौत हो चुकी है, उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जुटाने के बाद बीएलओ से जांच करवाई गई। शिफ्टिंग मतदाताओं के लिए बीएलओ और प्रधान की उपस्थिति में समिति बनी। इन नामों को ढूंढ एसडीएम के माध्यम से नोटिस भेजे गए। नौ नवंबर 2022 से 21 सितंबर 2023 के बीच हुई सत्यापन की प्रक्रिया के बाद 13 जिलों की मतदाता सूची से 177609 नामों को हटाया गया। व्यक्ति का नाम, विधानसभा मतदाता पहचान पत्र नंबर, बूथ स्थल आदि की जानकारी भी वेबसाइट पर दर्ज की गई है।
किस जिले में कितने मतदाता पहचान पत्र निरस्त । Voter ID Card Cancelled
- हरिद्वार – 25936
- नैनीताल – 16020
- अल्मोड़ा – 12360
- ऊधम सिंह नगर – 22415
- पिथौरागढ़ – 14561
- बागेश्वर – 4673
- चंपावत – 4034
- चमोली – 6506
- उत्तरकाशी – 6489
- रुद्रप्रयाग – 4242
- टिहरी – 8687
- पौड़ी – 17647
- देहरादून – 34039
22 जनवरी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आंकड़े जारी कर बताया था कि राज्य में वोटरों की कुल संख्या 8336780 है। इनमें 129062 युवा ऐसे हैं जो पहली बार वोट देंगे। इनकी उम्र 18 से 19 के बीच है। सिर्फ रुद्रप्रयाग जिले में पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक हैं। वहीं, बागेश्वर, चंपावत में जनवरी तक एक भी ट्रांसजेंडर मतदाता नहीं था। Voter ID Card Cancelled
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