आज 22 मार्च (1st Online Election Enrollment) को त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा ऑनलाइन विकल्प चुनकर नामांकन किया गया। पूरे देश भर में डिजिटल इंडिया को और आगे बढ़ाते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नामांकन के जरिए इसकी शुरुआत की।
आमतौर पर देखा जाता था कि कार्यकर्ता रोड शो करते हुए नामांकन प्रक्रिया के लिए जाया करते थे, जिसकी वजह से यातायात और जनता को कठिनाई का सामना करना पड़ता था। मगर आज नामांकन करने के लिए जाते हुए ना ही कोई शोर शराबा, ना शक्ति प्रदर्शन और ना ही यातायात जाम करते हुए रोड शो किया गया। बल्कि हरिद्वार में भाजपा सरकार के चुनाव कार्यालय में बैठकर ऑनलाइन विकल्प से नामांकन कराकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को एक बड़ा उदाहरण पेश किया।
क्यों चुना ऑनलाइन विकल्प (1st Online Election Enrollment)
पिछले कई समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के नारे पर गौर करते हुए और ऑनलाइन विकल्प चुनते हुए वह इस अभियान के ‘ब्रांड एंबेसडर’ साबित हुए। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऑनलाइन विकल्प चुनने के लिए काफी आग्रह किया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से डिजिटल क्रांति आ गई है नामांकन के लिए यह विकल्प उन्होंने डिजिटल इंडिया के निर्णय से प्रभावित होकर ही चुना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया की बढ़ोतरी पूरे देश में दिखाई दे रही है। इसकी वजह से हर क्षेत्र में आसानी हो गई है, जिससे समय और धन दोनों की बचत हो रही है। यही एक वजह है जिसकी वजह से उन्होंने ऑनलाइन नामांकन करना बेहतर समझा।
आपको बता दें कि इस साल पहली बार लोकसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्याशियों को नामांकन का ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध कराया गया है। इसमें उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से सिर्फ हरिद्वार और टिहरी में ही यह सुविधा प्रत्याशियों को उपलब्ध कराई गई है। 1st Online Election Enrollment