उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जारी आदेश में भवन कर (Building Tax) की बढ़ोतरी को वापस लेने के आदेश जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए डीएम वंदना को आदेश (Building Tax)
हल्द्वानी जिले में नगर निगम के भवन कर बढ़ाने के समय नगर निगम के अधिकारियों द्वारा निगम की प्रशासक से अनुमति नहीं ली गई थी और साथ ही मानक प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया था। आपको बतादें की मुख्यमंत्री धामी ने डीएम वंदना को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
जिसके चलते डीएम वंदना ने 15 प्रतिशत भवन कर की बढ़ोतरी को वापस लिया है। निर्देशों के अनुसार यह प्रक्रिया एक बार फिर पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी। इस फैसले से 25 हजार लोगों को राहत मिली।
भवन कर में 15% बढ़ोतरी हुई निरस्त (Building Tax)
जानकारी के अनुसार नगर निगम हर 4 साल के बाद भवन कर बढ़ाता है, जिसके लिए निगम पहले समाचार पत्रों में विज्ञापन देता है, जिसके बाद लोगों से उनकी आपत्तियां मांगी जाती हैं। लोगों की आपत्तियों को सुलझाने के बाद संपत्ति कर में भी बढ़ोतरी की जाती है। मगर गुरुवार के दिन जानकारी मिली की नगर निगम द्वारा गुप्त रूप से 15 प्रतिशत भवन कर बढ़ा दिया गया।
पारदर्शी रूप से होगी दोबारा प्रक्रिया (Building Tax)
आपको बतादें यह खबर सामने आते ही मुख्यमंत्री धामी द्वारा डीएम वंदना को इस मामले की जांच के आदेश दिए गए। डीएम को भी इस मामले की जानकारी न देने के कारण भवन कर बढ़ोतरी को निरस्त कर दिया गया है। डीएम वंदना ने जानकारी देते हुए कहा – “ मानक प्रक्रिया का पालन और विधिवत अनुमोदन ना होने के कारण मुख्यमंत्री के निर्देश पर भवन कर की 15% वृद्धि को स्थगित करने का आदेश दिया गया है। भविष्य में पारदर्शी रूप से समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।” Building Tax
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