Cracks in Houses in Almora: अल्मोड़ा जिले के ल्वेटा गांव में जोशीमठ (गढ़वाल) जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां कई मकानों में दरारें आ गई हैं। पिछले एक महीने में 4 मकान दरारों के कारण गिर चुके हैं, जबकि लगभग 35 मकान बेहद जर्जर हालत में हैं। इन दरारों की वजह से गांव के करीब 350 लोग अनहोनी की आशंका के चलते घबराए हुए हैं। कई लोग अपनी जान की सुरक्षा के लिए टेंट में रह रहे हैं, जबकि कुछ ग्रामीणों ने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले ली है।
करीब 35 मकान बेहद जर्जर हालत में
आपको बतादें, 15 मकानों में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं, जबकि भैंसियाछाना ब्लॉक स्थित ल्वेटा के ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को डीएम आलोक कुमार पांडेय से मुलाकात की और गांव की गंभीर स्थिति से उन्हें अवगत कराया। ग्रामीणों ने बताया कि 2010 में भी गांव के कई मकानों में दरारें आई थीं, जिससे 6 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे। उस समय प्रशासन ने प्रभावित तीन परिवारों को 1.20-1.20 लाख रुपये मुआवजा दिया था। अब, 2025 में फिर से 35 मकानों में दरारें आ गई हैं और गांव की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है।
इसके अलावा, गांव की पानी की आपूर्ति लाइन भी उखड़ गई है, जिससे ग्रामीणों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों के लिए गंभीर संकट
ग्रामीणों का कहना है कि भूस्खलन से प्रभावित यह क्षेत्र सुरक्षित भूमि होने के बावजूद, उनके पास नया मकान बनाने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है। आपको बतादें, 2010 में आपदा प्रबंधन की टीम ने गांव का दौरा किया था और तब यह बताया गया था कि यह क्षेत्र भूस्खलन की चपेट में है। हालांकि, अब भी उन्हें कहीं और मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध है, लेकिन निर्माण के लिए पैसे की कमी है।
इस स्थिति ने ग्रामीणों के लिए एक गंभीर संकट पैदा कर दिया है और वे उम्मीद करते हैं कि प्रशासन जल्द ही उनकी मदद करेगा और इस समस्या का समाधान निकालेगा।