Survey Of Alaknanda and Pindar River: हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा क्षेत्र में भारी हिमस्खलन हुआ, जिससे कई श्रमिक प्रभावित हुए। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने अलकनंदा और पिंडर नदियों में संभावित रुकावटों का पता लगाने के लिए निरीक्षण कराने का फैसला किया है। जिससे भविष्य में बाढ़ जैसी आपदाओं से बचा जा सके।
कौन करेगा सर्वेक्षण ?
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान (GSI), वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (IIRS) के निदेशकों को पत्र लिखकर सर्वेक्षण कार्य शुरू करने का अनुरोध किया है। इसके अतिरिक्त, लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) और सिंचाई विभाग भी इस सर्वेक्षण में सहयोग करेंगे।
कैसे किया जाएगा?
आपको बता दें, सरकार नदियों में रुकावटों की जांच तीन तरह से करेगी। पहला सैटेलाइट इमेजिंग जिसमें हाई-रिज़ोल्यूशन उपग्रह चित्रों की मदद से नदी में बने रुकावटों की पहचान की जाएगी। दूसरा फील्ड सर्वे जिसमें वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीम खुद स्थल पर जाकर निरीक्षण करेगी, और तीसरा हवाई सर्वेक्षण जिसके तहत हेलिकॉप्टर की मदद से ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बाधाओं का आकलन किया जाएगा। हेलिकॉप्टर की व्यवस्था आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से होगी
समय रहते सुरक्षा
सरकार को मिली जानकारी के अनुसार, माणा (चमोली) में हिमस्खलन की वजह से अलकनंदा और पिंडर नदियों के बहाव में रुकावटें बनने की आशंका है। अगर नदी का पानी रुकता है, तो बाढ़ और अन्य आपदाओं का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, सरकार इन नदियों में संभावित रुकावटों की जांच कर रही है । ताकि समय रहते सुरक्षा के उपाय किए जा सकें।
आपदा प्रबंधन सचिव ने सभी संस्थानों को जल्द से जल्द सर्वेक्षण पूरा करने का निर्देश दिया है। इस कार्य में उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र भी सहयोग करेगा।

