Water Level Decreased in Uttarakhand Causing Power Shortage: प्रदेश में इस बार कम बारिश और बर्फबारी के कारण अप्रैल माह की शुरुआत होते ही नदियों का जलस्तर गिरने लगा है। इसका सीधा असर यूजेवीएनएल (उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड) के बिजली उत्पादन पर पड़ा है। मार्च महीने में जहां आमतौर पर बिजली उत्पादन 1 से 1.5 करोड़ यूनिट के आसपास रहता था, वहीं अब अप्रैल की शुरुआत में यह घटकर केवल 75 लाख यूनिट तक पहुंच गया है।
जलस्तर गिरने से बिजली उत्पादन में कमी
नदियों का जलस्तर गिरने से बिजली उत्पादन में आई इस कमी के कारण राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर देखा जा रहा है। वर्तमान में बिजली की मांग 4.2 करोड़ यूनिट से ऊपर पहुंच चुकी है, जबकि उपलब्ध बिजली की मात्रा केवल 3.4 करोड़ यूनिट तक ही सीमित है, जो केंद्रीय कोटे और यूजेवीएनएल से मिलकर प्राप्त हो रही है। बाकी की बिजली यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) को बाजार से खरीदनी पड़ रही है।
बढ़ते तापमान से होगी बिजली किल्लत
विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में बर्फ पिघलने से नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे बिजली उत्पादन में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, गर्मियों के बढ़ते तापमान के साथ बिजली की मांग और आपूर्ति की स्थिति और भी कठिन हो सकती है, जिससे बिजली की किल्लत बढ़ने की संभावना है।
राज्य में इस समय बिजली आपूर्ति की स्थिति पर नजर बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि गर्मियों में अधिक समस्याओं का सामना न करना पड़े।

