Women Will Learn Disaster Skill : उत्तराखंड में अब आपदा प्रबंधन को लेकर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 1557 महिलाओं को ‘आपदा सखी’ के रूप में प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है। जिन्हें आपदा के समय समुदाय स्तर पर नेतृत्व देने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
आपको बता दें, यह पहल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के सहयोग से चलाई जा रही है। राज्य के 13 जिलों से चयनित इन महिलाओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे गांवों में जाकर महिलाओं और बच्चों को आपदा प्रबंधन की जानकारी दे सकें।
सामुदायिक स्तर पर बढ़ेगी तैयारियों की ताकत
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में हर साल अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। ऐसी स्थिति में गांवों में अगर लोग पहले से तैयार हों, तो नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है। इसी सोच के तहत यह योजना शुरू की गई है।
राज्य में 67,000 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों से करीब पांच लाख महिलाएं जुड़ी हैं। इन्हीं समूहों से चुनकर तीन-तीन महिलाओं को ‘आपदा सखी’ की जिम्मेदारी दी जा रही है। इसके लिए 7413 ग्राम संगठन और 519 क्लस्टर संगठनों के सहयोग से चयन किया गया है।
‘आपदा सखी’ निभाएंगी ये खास जिम्मेदारियां:
- आपदा से पहले, दौरान और बाद में सूचनाओं का त्वरित संप्रेषण।
- स्कूलों में बच्चों को आपदा से निपटने के तरीके सिखाना।
- जोखिम का आकलन करना और राहत-बचाव कार्यों में सहयोग देना।
- प्रशासन और ग्रामीणों के बीच संपर्क बनाए रखना।
जिलेवार आंकड़े इस प्रकार हैं:
जिला आपदा सखी
पौड़ी 243
अल्मोड़ा 165
टिहरी 150
चमोली 144
नैनीताल 132
पिथौरागढ़ 123
ऊधमसिंह नगर 111
देहरादून 105
उत्तरकाशी 99
हरिद्वार 96
चंपावत 81
बागेश्वर 57
रुद्रप्रयाग 51

