Transport Strike Halts Garhwal : गढ़वाल मंडल में आज सुबह यानि बुधवार को परिवहन महासंघ के आह्वान पर ट्रांसपोर्टरों ने चक्का जाम कर दिया। टैक्स में राहत और अन्य मांगों को लेकर किए गए इस आंदोलन का असर देहरादून से लेकर टिहरी तक देखने को मिला।
आपको बता दें, इस चक्का जाम में सड़कों पर बसें, टैक्सियां और ट्रक न चलने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऋषिकेश में प्रमुख यूनियनों का समर्थन
ऋषिकेश में कर्णभूमी टैक्सी यूनियन और जय माँ जिलासू चंडीका टैक्सी यूनियन ने आंदोलन को पूर्ण समर्थन दिया। वहीं, यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि चारधाम यात्रा के दौरान कारोबार प्रभावित होने से चालक-परिचालकों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने मांग की कि ऋषिकेश आरटीओ कार्यालय में बंद पड़ा फिटनेस सेंटर जल्द शुरू किया जाए और व्यावसायिक वाहनों पर दो साल की टैक्स छूट दी जाए।
नई टिहरी में सार्वजनिक परिवहन ठप
वहीं, नई टिहरी में हड़ताल का व्यापक असर रहा। शहर के बस अड्डे और टैक्सी स्टैंड खाली पड़े रहे। सुबह से किसी भी जीप, टैक्सी या बस का संचालन नहीं हुआ। साथ ही, यूनियन के सदस्य निजी वाहनों को भी रोकते नजर आए।
बैठक में बना चक्का जाम का फैसला
टिहरी गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन (टीजीएमओ) के कार्यालय में बुधवार को ट्रक, डंपर, ई-रिक्शा, बस और ऑटो यूनियनों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी यूनियनों ने एकमत से चक्का जाम का निर्णय लिया।
टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने बताया कि बीते दिनों देहरादून में हुई बैठक के दौरान परिवहन सचिव ने ट्रांसपोर्टरों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई ठोस निर्णय न लिए जाने के कारण ट्रांसपोर्टरों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।
बैठक के दौरान प्रशासन की ओर से एआरटीओ (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया और एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत भी मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की 10 सूत्रीय मांगों में से अधिकांश पर मुख्यालय स्तर पर सहमति बन चुकी है। हालांकि, ट्रांसपोर्टर इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक उनकी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं होते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रमुख मांगें
- व्यावसायिक वाहनों पर दो वर्ष की टैक्स छूट
- टैक्स में हर साल 5% वृद्धि समाप्त हो
- ऋषिकेश आरटीओ फिटनेस सेंटर चालू किया जाए
- ट्रकों की भार क्षमता समस्या का समाधान
- आपदा में अधिग्रहित वाहनों का किराया बढ़ाया जाए
