उत्तराखंड के सरकारी इंटरमीडिएट स्कूलों में प्रधानाचार्य के 692 पदों के लिए विभागीय भर्ती शुरू होगी, जिसके लिए राज्य लोक सेवा आयोग (UKPSC) की ओर से पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिया गया है। आयोग का कहना है कि पाठ्यक्रम को मंजूरी के लिए शासन के पास भेजा गया है। जिसे मंजूरी मिलते ही भर्ती के लिए आवेदन शुरू हो जाएंगे।
उत्तराखंड के इंटरमीडिएट स्कूलों में प्रधानाचार्य के 1,385 पदों में से 1,024 पद कई सालों से खाली पड़े हैं। जिसके कारण इन स्कूलों में व्यवस्थाएं बनाएं रखने और छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। जिसको देखते हुए अधिकतर स्कूलों में वरिष्ठ प्रवक्ता को प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया है। लेकिन विभाग (UKPSC)की काफी कोशिशें के बाद भी प्रधानाचार्य के पद खाली के खाली पड़े हैं।
कई सालों से इन स्कूलों में खाली पड़े प्रधानाचार्य के पदों को देखते हुए शासन ने इन पदों को विभागीय भर्ती से भरने का फैसला लिया है। शासन की ओर से किए गए निर्णय में कहा गया है कि इन विद्यालय में प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से और बचे हुए पदों को विभागीय भर्ती से भरा जाएगा।
अब विभागीय परीक्षा से बनेंगे प्रधानाचार्य। UKPSC
सरकारी इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद पहले केवल पदोन्नति का पद माना जाता था, तय मानकों को पूरा करने वाले हाई स्कूल के प्रधान अध्यापक पदोन्नति पाकर प्रधानाचार्य बनते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब पद्दोनत्ती के साथ ही विभागीय परीक्षा से इन पदों की भर्ती की जाएगी। राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानाचार्य के पदों को विभागीय भर्ती से भरने के कार्यवाही चल रही है। आयोग ने इसके लिए पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिया है, जिसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है। जल्द ही विभागीय भर्ती शुरू की जाएगी।
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