अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग लाने जा रहा है मोबाइल ऐप की सुविधा, अभ्यर्थियों का होगा लाभ….

UKPSC Mobile App

UKPSC Mobile App: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सुविधा के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित किया जा रहा है। इस ऐप के माध्यम से अभ्यर्थी अपने मोबाइल पर ही नए भर्ती के विज्ञापन, मोबाइल, एडमिट कार्ड डाउनलोडिंग जैसे कि लाभ का लाभ उठाएं। मोबाइल के बढ़ते उपयोग को देखते हुए लिया निर्णय आपको बता दे आने वाले समय में, आयोग की सभी भर्तियों के आवेदन, एडमिट कार्ड डाउनलोड और अन्य खेलों का कार्य इस ऐप के माध्यम से संभव होगा। अब तक सभी नोटिफिकेशन आयोग की वेबसाइट पर जारी किए गए थे, जहां ऑनलाइन आवेदन, एडमिट कार्ड और उत्तर की भी उपलब्धता थी। लेकिन मोबाइल के बढ़ते उपयोग को देखते हुए आयोग ने यह निर्णय लिया कि एक मोबाइल एप बनाया जाए, जिससे बार-बार वेबसाइट पर जाने की जरूरत न हो। इस ऐप के माध्यम से न केवल नई भर्ती का विज्ञापन देखा जा सकता है बल्कि अंसार की को चुनौती दी जा सकती है। सुरक्षा मानकों का करना होगा पालन आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत की जानकारी के अनुसार, इस आवेदन के विकास के लिए निविदा जारी की जा रही है। ऐप तैयार करने वाली संस्था को सभी सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा। आयोग का उद्देश्य यह है कि आदिवासियों को भर्तियों की जानकारी और सरलता से उपलब्ध कराया जाए, ताकि कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी छूट न जाए और उन्हें भर्तियों की अधिसूचना प्राकृतिक रूप से मिलती रहे। यह भी पढ़ें 20 अक्टूबर तक करनी होगी राष्ट्रीय खेल की सभी तैयारी पूरी, तेजी से हो रहा कार्य…..

उत्तराखंड के सभी 15 वर्षीय निरक्षर अब होंगे साक्षर, सीखेंगे जीवन से जुड़े कौशल……

Uttarakhand Literacy

Uttarakhand Literacy: अब उत्तराखंड राज्य में 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा। डिजिटल साक्षरता के साथ कानूनी जागरूकता और जीवन से जुड़े कौशल भी सिखाए जाएंगे। कई कौशलों के प्रति होगी जागरूकता आपको बता दे एससीईआरटी की निदेशक द्वारा कहा गया है कि राज्य में अब 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा। उनके द्वारा यह बात एससीईआरटी सभागार में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान कही गई।जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य 15 वर्ष से ज्यादा उम्र के ऐसे लोगों को आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान संग जीवन से जुड़े कौशलों जैसे– वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य देखभाल और कानूनी जागरूकता के प्रति जागरूक करना है। प्रवेशिका के साथ मार्गदर्शिका भी तैयार की गई साथ ही अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि कार्यक्रम के तहत राज्य में उल्लास नाम से सामग्री का विकास किया जाना है। इस कार्यक्रम के अनुसार निरक्षरों को संख्या और अंक संबंधी ज्ञान के साथ-साथ जीवन कौशल पर आधारित जानकारी दी जानी है। आपको बता दें राज्य संबंधवायक अधिकारी द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर एनसीईआरटी नई दिल्ली में साक्षरता से संबंधित राष्ट्रीय साक्षरता का गठन किया गया है।अब राज्य स्तर पर एससीईआरटी उत्तराखंड में राज्य साक्षरता का एक कॉलम बनाया गया है। इसके लिए प्रवेशिका 4 खंडों में तैयार की गई है, जिसमें कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए मार्गदर्शिका भी तैयार की गई है। यह भी पढ़ें 3 दिन के अंदर 2 निरीक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, विजिलेंस की टीम की जारी कार्यवाही

राज्य की धीमी गति के चलते 52 चयनित महिला अभ्यर्थियों को अब तक नहीं मिली नियुक्ति…..

Teacher Recruitment Update: राज्य में आजकल 2,906 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। जाति प्रमाण पत्र की स्थिति साफ होने के बाद ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। 52 शिक्षिकाओं की रुकी हुई है नियुक्ति उत्तराखंड राज्य के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में आजकल सहायक अध्यापकों के पद पर चयनित 52 शिक्षिकाओं की नियुक्ति जाति प्रमाण पत्र के कारण रुकी हुई है। आपको बता दे यह सभी चयनित शिक्षिकाएं अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा की बताई जा रही हैं। इन सभी की शादी उत्तराखंड में हुई है।जानकारी के अनुसार आजकल उत्तराखंड राज्य में 2,906 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसके चलते प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय द्वारा इन शिक्षिकाओं को आरक्षण का लाभ देना चाहिए या नहीं इस पर कई दिन से शासन को कोई निर्देश नहीं दिया गया है। अधिकारियों द्वारा दी गई जरूरी जानकारी आपको बता दे इसी विचार विमर्श की वजह से इन शिक्षिकाओं की नियुक्ति अभी रोकी गई है। इस मामले पर जाति प्रमाण पत्र की स्थिति साफ होने के बाद ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति और जनजाति की चयनित अभ्यर्थियों को जिन सभी का विवाह उत्तराखंड में हुआ है आरक्षण का लाभ देना चाहिए या नहीं इस पर तय किया जाना अभी बाकी है। यह भी पढ़ें राज्य के 4 गांव को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार, सीएम धामी ने दी बधाई

धामी सरकार की दिव्यांग छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं में नई पहल

UK Board New Policies Handicap Student: शैक्षणिक सत्र 2025-26 से दिव्यांग छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है। अगले साल से, दिव्यांग छात्र बिना किसी सहारे के अपनी बोर्ड परीक्षाएं देंगे। यह कदम उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग कर सकेंगे। छात्रों की तैयारी और तकनीकी समर्थन नौवीं और 11वीं के दिव्यांग छात्रों ने अपनी अर्धवार्षिक परीक्षा कंप्यूटर पर देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए, राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) ने विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से, छात्र प्रश्नपत्र कंप्यूटर पर पढ़ सकते हैं और इसका उत्तर दे सकते हैं। संस्थान के प्राचार्य अमित शर्मा ने कहा कि उनका उद्देश्य दिव्यांग छात्रों को आईटी क्षेत्र में करियर बनाने के लिए तैयार करना है। प्रश्नपत्र का अपलोडिंग: परीक्षा के एक दिन पहले, छात्रों के कंप्यूटर में प्रश्नपत्र अपलोड किए जाएंगे। इस पहल के तहत, कुल 52 दिव्यांग छात्रों को पूरी तरह से तैयार किया गया है। इससे उन्हें सामान्य छात्रों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सीबीएसई की अनुमति: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दिव्यांग छात्रों के लिए कंप्यूटर या लैपटॉप का उपयोग करने की अनुमति दी है। पिछले छह सालों से यह सुविधा उपलब्ध है, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण दिव्यांग छात्र आमतौर पर ऑफलाइन परीक्षा देते थे। अब, विकसित सॉफ्टवेयर की मदद से ये समस्याएं भी समाप्त हो जाएंगी। लैपटॉप की मांग: हाल ही में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एनआईईपीवीडी का दौरा किया, जहां संस्थान ने दिव्यांग छात्रों के लिए 45 लैपटॉप की मांग की। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए आश्वासन दिया कि जल्द ही छात्रों को लैपटॉप उपलब्ध कराए जाएंगे। यह पहल दिव्यांग छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर प्रदान करेगी, जिससे वे अपनी प्रतिभा और क्षमताओं को सही दिशा में आगे बढ़ा सकेंगे। तकनीकी सहायता के साथ, ये छात्र आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम बढ़ा रहे हैं, जो उनकी सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। यह भी पढ़े | तीसरे साल भी बेटियों ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन, बोर्ड परीक्षाओं के सभी रिकॉर्ड करे ध्वस्त छात्रों का इंतजार हुआ खत्म, UK बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट हुआ घोषित, हाईस्कूल में 89.14 और इंटर में 82.63 प्रतिशत रहा परिणाम, यहां करें चेक

राज्य में फिर बढ़ा शिक्षा विभाग में अटैचमेंट का बवाल, शिक्षा मंत्री ने रिपोर्ट की तलब

Attachment Conflict In education Department

Attachment Conflict In education Department: उत्तराखंड शिक्षा विभाग में अटैचमेंट के मुद्दे पर एक बार फिर विवाद उठ खड़ा हुआ है। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस मामले में शिक्षकों की रिपोर्ट तलब की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभाग इस समस्या को गंभीरता से ले रहा है। अटैचमेंट का मामला शिक्षा विभाग में शिक्षकों के अटैचमेंट का मुद्दा उस समय तूल पकड़ता है जब शिक्षकों द्वारा पहाड़ों या दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देने की दावों की सच्चाई सामने आती है। हाल के दिनों में शिक्षकों द्वारा अटैचमेंट लेने की प्रवृत्ति ने विभाग की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। अभिषेक भट्ट का कदम अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने इस स्थिति को और गंभीरता से लेते हुए, अपने दो महीने के अटैचमेंट को समाप्त करने की मांग की। उन्होंने शिक्षा महानिदेशक से मिलकर सभी शिक्षकों के अटैचमेंट को छात्रहित में निरस्त करने की अपील की। इस कदम ने विभाग में हलचल मचा दी है। अटैचमेंट के आंकड़े विभाग में अटैचमेंट से जुड़े आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं: हड़कंप का माहौल अटैचमेंट के विवाद के चलते उन शिक्षकों और कर्मचारियों में भी चिंता है जो अपने मूल स्थान से अटैचमेंट पर सेवाएं दे रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक लीलाधर व्यास ने कहा है कि सभी अटैचमेंट मामलों का रिव्यू किया जा रहा है। विभाग इस विश्लेषण के बाद उचित निर्देश जारी करेगा। यह स्थिति न केवल शिक्षा विभाग के भीतर अंतर्विरोध को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि शिक्षकों के मूल स्थान पर रहने की नीतियों में सुधार की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री और विभाग के अधिकारियों के प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि इस मुद्दे का समाधान जल्दी निकाला जाएगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहे। यह भी पढ़े | शिक्षकों ने किया सचिवालय का कूच, मांगों को नजर अंदाज करने का लगाया आरोप, शिक्षक और पुलिस की हुई…

स्कूलों के पास तंबाकू पदार्थ बेचना पड़ा भारी, 13 दुकानदारों का चालान…….

Anti Tobacco Campaign

Anti Tobacco Campaign: उत्तराखंड पुलिस के द्वारा गोपेश्वर में तंबाकू नियंत्रण को लेकर कार्यवाही की गई। गुरुवार सुबह थाना गोपेश्वर के द्वारा तंबाकू नियंत्रण की कार्यवाही के दौरान स्कूलों के 100 मीटर की परिधि के अंदर तंबाकू, गुटका, बीड़ी, सिगरेट बेचने वाले करीब 13 लोगों का चालान किया गया। 13 लोगों का किया गया चालान आपको बतान दें की राज्य को नशा मुक्त करने की मुहिम को जारी रखते हुए गोपेश्वर नगर में चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान गोपेश्वर द्वारा स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसके दौरान स्कूलों के 100 मीटर के परिधि के अंदर नशीले पदार्थ बेचने वाले 13 लोगों को कोटपा (Cigarettes And Other Tobacco Products Act) के तहत चालान किया गया। नियमों का किया गया उलंघन कोटपा अधिनियम के अंतर्गत स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध होता है। इसके साथ ही दुकानों पर चेतावनी बोर्ड लगाना भी आवश्यक होता है। इस अधिनियम का उद्देश्य बच्चों को तंबाकू उत्पादों और नशीली पदार्थ से दूर रखना है। अभियान के दौरान पुलिस के द्वारा सभी दुकानदारों को चेतावनी जारी की गई, चेतावनी के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू, गुटखा, बीड़ी और सिगरेट बेचने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही सभी दुकानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह भी पढ़ें चमोली के नवोदय विद्यालय में हुआ शॉर्ट सर्किट, लगी भीषण आग, सभी बच्चे और कर्मी सुरक्षित

चमोली के नवोदय विद्यालय में हुआ शॉर्ट सर्किट, लगी भीषण आग, सभी बच्चे और कर्मी सुरक्षित

Short Circuit in Navodaya Vidyalaya

Short Circuit in Navodaya Vidyalaya: चमोली जिले के नवोदय विद्यालय में टला एक बड़ा हादसा। देर रात शॉर्ट सर्किट होने से लगी आग जिससे हादसा बड़ा हो सकता था, गनीमत से सभी बच्चे सुरक्षित हैं। सभी बच्चों की जान बाल– बाल बची आपको बता दें कल देर रात चमोली जिले के नवोदय विद्यालय, गैरसैंण में शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई। इस हादसे के दौरान सभी बच्चे सोए हुए थे और आग बच्चों के कमरे तक नहीं पहुंची थी, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। जानकारी के अनुसार सभी बच्चे और अध्यापक सुरक्षित हैं। हादसे की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस के साथ प्रशासन मौके पर पहुंची और घटना का जायजा लिया। आग पर पाया गया काबू जानकारी के अनुसार नवोदय विद्यालय की एक बिल्डिंग के हॉल में टीन और फाइबर लगा हुआ है जो की 4 भाग में बंटा हुआ है। इसमें से तीसरे भाग में सभी बच्चे सोए हुए थे और चौथे भाग में बच्चों की रजाई गद्दे बिस्तर और खेलने का सामान रखा हुआ था। आपको बता दें की स्टोर में रखे हुए सभी सामान पर आग लग गई जिससे वहां रखा सभी सामान जलकर खाक हो गया।अच्छी बात यह रही कि किसी भी बच्चे या विद्यालय के कर्मचारी और अध्यापक को इसमें कोई हानि नहीं पहुंची है। हादसे के दौरान सभी बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया जिसके बाद प्रशासन द्वारा आग पर काबू भी पा लिया गया है। यह भी पढ़ें राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखकर जारी किया गया अलर्ट, ऋषिकेश में 1 डेंगू मरीज की मौत

Survey of Schools: उत्तराखंड राज्य के लगभग 16 हजार स्कूलों में किया जाएगा सर्वे, जानिए इसकी वजह…….

Survey of Schools

उत्तराखंड में पलायन आयोग द्वारा शिक्षा में सुधार करने के लिए (Survey of Schools) राज्य भर में सरकारी स्कूलों का सर्वे शुरू कर दिया गया है। शिक्षा को लेकर सभी का लिया जाएगा फीडबैक। सभी सरकारी स्कूल में होगा सर्वे (Survey of Schools) आपको बता दे उत्तराखंड सरकार द्वारा पहली बार पलायन आयोग को स्कूलों का सर्वे करने की जिम्मेदारी दी गई है। सर्वे में लगभग 16 हजार से भी ज्यादा सरकारी, प्राथमिक जूनियर और माध्यमिक स्कूल शामिल किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार सभी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती, छात्र-छात्राओं की संख्या, आधारभूत ढांचा और बुनियादी सुविधाओं पर सर्वे रिपोर्ट तैयार की जानी है।इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा पलायन आयोग को सभी स्कूलों का सर्वे करने की जिम्मेदारी सौंप गई है। जानिए सर्वे करने की वजह (Survey of Schools) आयोग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह सर्वे बहुत ही महत्वपूर्ण है जिससे स्कूल में छात्रों की संख्या पता लगाई जा सकती है। देखा गया है कि कई स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है तो वहीं दूसरी ओर कई ऐसे भी स्कूल हैं जहां छात्रों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।यह देखने के बाद सरकार द्वारा सभी जिलों में जाकर डाटा इकट्ठा किया जाएगा जिसके लिए अभिभावकों और शिक्षकों से जानकारी ली जाएगी। यह कदम राज्य की शिक्षा में सुधार लाने के लिए उठाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार यह रिपोर्ट नवंबर के महीने तक राज्य सरकार को सौंपी जानी है। (Survey of Schools) यह भी पढ़ें मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के हुए 100 दिन पूरे, पूर्व सैनिक सहित जनजातीय समाज के विकास पर जोर…

Sahitya Bhushan Award: साहित्यकारों को किया जाएगा पुरस्कृत, हिंदी दिवस पर घोषणा, 5 लाख रुपए…….

Sahitya Bhushan Award

उत्तराखंड में भाषा मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा की गई बड़ी घोषणा। सरकार (Sahitya Bhushan Award) द्वारा साहित्यकारों को साहित्य भूषण पुरस्कार दिया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपए होगी इनाम की धनराशि। साहित्यकारों के लिए बड़ी घोषणा (Sahitya Bhushan Award) आपको बता दे आज हिंदी दिवस के मौके पर उत्तराखंड भाषा संस्थान की तरफ से आयोजित समारोह में भाषा मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा साहित्यकारों के लिए की गई एक बड़ी घोषणा। हिंदी भाषा को बढ़ाने के लिए उठाया गया यह कदम।जानकारी के अनुसार मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा कहा गया कि उत्तराखंड सरकार साहित्यकारों को साहित्य भूषण पुरस्कार देगी जिसमें 5 लाख रुपए पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री धामी ने किया शुभारंभ (Sahitya Bhushan Award) इस कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड राज भवन संस्थान द्वारा आईआरडीटीए सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने भी कुछ शब्द कहे– “सरकार द्वारा भाषा के उत्थान और तरक्की के लिए कई काम किए गए हैं। उत्तराखंड राज्य में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई भी अब हिंदी में हो रही है।” इसी के साथ मुख्यमंत्री धामी ने भाषा संस्थान की पुस्तक उत्तराखंड की लोक कथाएं का विमोचन भी किया। साथ ही उन्होंने कविता लेखन में श्रेष्ठ रहे सभी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। (Sahitya Bhushan Award) यह भी पढ़ें हिंदी दिवस के कुछ खास महत्त्व और प्रसिद्ध उद्धरण…….

Hindi Diwas 2024: हिंदी दिवस के कुछ खास महत्त्व और प्रसिद्ध उद्धरण…….

Hindi Diwas 2024

हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत की (Hindi Diwas 2024) राजभाषा हिंदी को सम्मान देने और उसकी प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए समर्पित है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था, इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। जानिए हिंदी दिवस का महत्व (Hindi Diwas 2024) हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रति लोगों को जागरूक करना और उसे राष्ट्रभाषा के रूप में सम्मानित करना है। हिंदी हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, और इसका प्रचार-प्रसार करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो हिंदी भाषा की पढ़ाई और इसके विकास के लिए योगदान दे रहे हैं। हिंदी दिवस के माध्यम से सरकार और सामाजिक संस्थान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जैसे कि निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, और साहित्यिक आयोजन। हिंदी दिवस के कुछ प्रसिद्ध उद्धरण (Hindi Diwas 2024) हिंदी दिवस न केवल हमारी भाषा के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह हमें अपनी भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण का भी अवसर प्रदान करता है। इसे मनाना हमारी जड़ों से जुड़े रहने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। (Hindi Diwas 2024) यह भी पढ़ें मूसलाधार बारिश मचा रही तबाही, 5 राज्य मार्ग बंद, जानिए प्रशासन से खास बातचीत…..