Monkeypox Alert In Uttarakhand: उत्तराखंड पहुंचा मंकी पॉक्स का खतरा, स्वास्थ्य विभाग में जारी किया अलर्ट

Monkeypox Alert In Uttarakhand

Monkeypox Alert In Uttarakhand: कई देशों में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। दुनिया के अलग-अलग देश में इसके मामले कई मामले सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने भारत में भी इसके संक्रमण की आशंका जताते हुए देश को अलर्ट रहने को कहा है जिसको देखते हुए भारतीय स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग में जारी किया अलर्ट | Monkeypox Alert In Uttarakhand आपको बता दें कि 16 अगस्त को पड़ोसी देश भारत में मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आया था, जिसके बाद भारत में भी इसे लेकर ऐतिहासिक भारती जा रही है। साथ ही उत्तराखंड के स्वास्थ्य महक में के द्वारा भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। गनीमत की बात यह है कि अभी तक उत्तराखंड में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राज्य के सभी सीएमओ को निगरानी और इतिहास में रखने के निर्देश दिए हैं। फैलने वाली बीमारी है मंकी पॉक्स | Monkeypox Alert In Uttarakhand मंकीपॉक्स एक जूनोटिक्स बीमारी है, यानी ऐसी बीमारी जो की जो जानवरों से लोगों के बीच फैलती हैं। आपको बता दे की मंकीपॉक्स एक संक्रमित व्यक्ति में सामान्यता: बुखार, चकत्ते और लिम्फ नोड्स में सूजन के रूप में पाई जाती है। इससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में लाल–लाल चकत्ते हो जाते हैं। इसके लक्षण दो से चार हफ्तों में खुद ही ठीक हो जाते हैं। मंकीपॉक्स एक पहले वाली बीमारी है जो कि पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में फैल सकती है। Monkeypox Alert In Uttarakhand यह भी पढ़े | क्या है मंकीपॉक्स वायरस, जानिए इसके लक्षण और बचने के उपाय……  अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस, अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत…….

Sudden Alcohol Quit Affects On Body: अचानक शराब छोड़ने के शरीर पर प्रभाव: क्या हैं इसके फायदे और खतरे?

Sudden Alcohol Quit Affects On Body

Sudden Alcohol Quit Affects On Body: शराब का सेवन बहुत से लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। लेकिन, जब कोई व्यक्ति अचानक शराब का सेवन बंद करता है, तो उसके शरीर और मस्तिष्क पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि अचानक शराब छोड़ने से शरीर में क्या बदलाव होते हैं, इसके फायदे और संभावित जोखिम क्या हैं, और इस प्रक्रिया को कैसे सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। 1. शराब छोड़ने के तुरंत बाद शरीर में होने वाले बदलाव | Sudden Alcohol Quit Affects On Body अचानक शराब छोड़ने पर शरीर में कई तरह के फिजिकल और मानसिक बदलाव होते हैं। इनमें शामिल हैं: 2. लंबे समय में शराब छोड़ने के फायदे | Sudden Alcohol Quit Affects On Body हालांकि शुरुआती समय में शरीर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन लंबे समय में शराब छोड़ने के कई फायदे होते हैं: 3. संभावित खतरे और सावधानियां | Sudden Alcohol Quit Affects On Body अचानक शराब छोड़ने से कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय से शराब का सेवन कर रहे हैं: 4. शराब छोड़ने के लिए रणनीतियां | Sudden Alcohol Quit Affects On Body अचानक शराब छोड़ने की बजाय, इसे धीरे-धीरे कम करने की सलाह दी जाती है: अचानक शराब छोड़ने के शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं, लेकिन यदि इसे सही तरीके से और स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह के साथ किया जाए, तो यह एक स्वस्थ और सकारात्मक कदम साबित हो सकता है। शराब छोड़ने के फायदे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी दिखाई देते हैं। इसलिए, यदि आप शराब छोड़ने का निर्णय लेते हैं, तो इसे सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए। यह भी पढ़े | कच्ची शराब बेच रही महिला हुई गिरफ्तार, पुलिस ने 20 लीटर कच्ची शराब की जब्त Reducing Alcohol Intake for Better Health

Kumaon Commissioner Raid: जल सुविधा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में की गई छापेमारी, चिकित्सकों की अनुपस्थिति ने चढ़ाया कमिश्नर का पारा…….

Kumaon Commissioner Raid

आज कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत द्वारा हल्द्वानी के कई क्षेत्रों में (Kumaon Commissioner Raid) निरीक्षण किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी किया गया निरीक्षण। जल जीवन मिशन के कार्यों का लिया जायज़ा (Kumaon Commissioner Raid) आज कुमाऊँ मंडल के कमिश्नर दीपक रावत ने हल्द्वानी से हैड़ाखान मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही वे ओखलढूंगा में भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में छापेमारी के लिए पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया।आपको बता दें कमिश्नर दीपक रावत द्वारा जल जीवन मिशन के तहत अगले महीने तक ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की सुविधा सुचारु करने के निर्देश दिए गए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी किया निरीक्षण (Kumaon Commissioner Raid) पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बाद कुमाऊं कमिश्नर ओखलढूंगा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। जानकारी के अनुसार यहां छापेमारी के दौरान देखा गया कि डॉक्टर महीने में केवल दो दिन ही उपस्थित होते हैं। बाकी पूरे महीने डॉक्टर गायब रहते हैं और डॉक्टर की उपस्थिति वार्ड बॉय द्वारा लगाई जाती है।यह सब देखने के बाद कुमाऊं कमिश्नर हैरान रह गए और उनका पारा चढ़ गया। इसके बाद उन्होंने तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ कई अन्य अधिकारियों को अपने कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया। Kumaon Commissioner Raid यह भी पढ़ें मुख्यमंत्री धामी ने गैरसैंण में अपनी माता के नाम से लगाया देवदार का पौधा, करीब 4,000 फलदार पौधे भी लगाए गए

NEET PG 2024 Result Out: जारी हुआ नीट पीजी परीक्षा का परिणाम, यहां चेक करें रिजल्ट

NEET PG 2024 Result Out

NEET PG 2024 Result Out: नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज ने नीट पीजी 2024 का परिणाम घोषित कर दिया है। पीजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी natboard.edu.in पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। बोर्ड के द्वारा 23 अगस्त 2024 को नीत यूजी 2024 का परिणाम घोषित किया गया। परिणाम के साथ ही अलग-अलग श्रेणियां के लिए कट ऑफ भी जारी किया गया है। जारी हुआ नीट पीजी परक्षा का परिणाम | NEET PG 2024 Result Out इस साल नीट पीजी 2024 की परीक्षा 11 अगस्त को आयोजित कराई गई थी जिसमें लगभग 2,28,540 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। बोर्ड के द्वारा 23 अगस्त 2024 को नीत यूजी 2024 का परिणाम घोषित किया गया। परिणाम के साथ ही अलग-अलग श्रेणियां के लिए कट ऑफ भी जारी किया गया है। आपको बता दे कि इस वर्ष नीट यूजी परीक्षा में धांधली का मामला सामने आया था, जिसमें लंबे समय तक सुनवाई होने के बाद अभ्यर्थियों को न्याय मिला। यहां देखे परिणाम | NEET PG 2024 Result Out natboard.edu.in यह भी पढ़े | NEET के बाद NET परीक्षा में सामने आई गड़बड़ी, परीक्षा होने के 1 दिन बाद हुई रद्द, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने लिया बड़ा फैसला 67 छात्रों ने किया पहली रैंक से मेडिकल परीक्षा टॉप, समय से 10 दिन पहले घोषित किया रिजल्ट

List Of Banned 156 Drugs: पैरासिटामोल समेत 156 दवाइयों पर भारत में लगा प्रतिबंध, यहां देखें पूरी लिस्ट

List Of Banned 156 Drugs

List Of Banned 156 Drugs: भारत की केंद्र सरकार ने इंसानों के लिए खतरा बन रही कुछ दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया है। केंद्र सरकार के द्वारा फिक्स्ड डोज कांबिनेशन (एफडीसी) की लगभग 156 दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया है I जिन एफडीसी पर रोक लगाई गई है उनमें एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, दर्द, बुखार, सर्दी मल्टीविटामिन समेत कई दवाइयां शामिल है। 2 या उससे ज्यादा एक्टिव फॉर्मेलिटी कल इंग्रिडिएंट्स को एक निश्चित मात्रा में मिलाकर बनाए जाने वाली दवाएं एफडीसी कहलाती हैं। सरकार के द्वारा प्रतिबंध की गई दवाइयां में पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टाॅरिन और कैफीन के कांबिनेशन शामिल है। ट्रामाडोल एक ओपिओइड बेस्ड पेन किलर है। इंडियन फार्मास्यूटिकल एलायंस ने भी सरकार के द्वारा दवाइयां पर प्रबंध किए जाने के फैसले का समर्थन किया है। यहां देखें पूरी लिस्ट | List Of Banned 156 Drugs यह भी पढ़े | जनवरी 2024 से नैनीताल में नशे की हुई बढ़ोतरी, युवक हो रहे चरस और स्मैक के आदि नशामुक्त देहरादून, नशे के खिलाफ महापंचायत शुरू, जौनसार बावर के लोग हुए शामिल | Anti Drugs Campaign In Dehradun International Day Against Drug Abuse : विश्व मादक पदार्थ निषेध दिवस 2024, नशे के खिलाफ वैश्विक मुहिम

Health Coach Tips: जानिए फ्रिज में कौनसे 4 खाद्य पदार्थों को रखने से वे ‘जहर’ बन सकते हैं………

Health Coach Tips

स्वास्थ्य पर भोजन को लंबे समय तक फ्रिज में रखने के प्रभाव (Health Coach Tips) फ्रिज का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में भोजन को सुरक्षित रखने के लिए (Health Coach Tips) एक सामान्य प्रक्रिया बन चुका है। फ्रिज में भोजन को स्टोर करके हम उसमें ताजगी बनाए रख सकते हैं और खाने की बर्बादी से बचा सकते हैं। हालांकि, अगर भोजन को लंबे समय तक फ्रिज में रखा जाए तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जानिए हेल्थ कोच की सलाह (Health Coach Tips) हेल्थ कोच डॉक्टर डिंपल जांगड़ा ने हाल ही में एक स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए फ्रिज में रखे जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में चेतावनी दी है। उनके अनुसार, कुछ खाद्य पदार्थ जब फ्रिज में रखे जाते हैं, तो वे विषाक्त हो सकते हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन से खाद्य पदार्थ हैं जो फ्रिज में रखने से ‘जहर’ बन सकते हैं: छिले हुए लहसुन (Health Coach Tips)डॉक्टर जांगड़ा का कहना है कि छिला हुआ लहसुन फ्रिज में रखने से जल्दी फफूंद लग जाता है। यह फफूंद कैंसरकारक हो सकता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। छिले हुए लहसुन को लंबे समय तक फ्रिज में रखने से उसका रासायनिक संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे यह विषाक्त हो सकता है। कटे हुए प्याजकटे हुए प्याज को फ्रिज में रखने से उसमें बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं और भोजन को जल्दी खराब कर सकते हैं। कटे हुए प्याज में बैक्टीरियल संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए इन्हें जल्दी से जल्दी इस्तेमाल करना चाहिए। अदरक (Health Coach Tips)अदरक को लंबे समय तक फ्रिज में रखने से उसकी ताजगी और पोषक तत्वों में कमी आ सकती है। इसके अलावा, फ्रिज में रखने पर अदरक पर फफूंद लगने का खतरा भी रहता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। पके हुए चावलपके हुए चावल को फ्रिज में रखने से उसमें बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, खासकर बैसिलस सेरेस नामक बैक्टीरिया। यह बैक्टीरिया चावल के ठंडा होने पर एक्टिव हो जाते हैं और विषाक्त पदार्थ बना सकते हैं, जो खाद्य विषाक्तता का कारण बन सकते हैं। खाने को खाएं समय के भीतर (Health Coach Tips) डॉक्टर जांगड़ा की सलाह है कि इन खाद्य पदार्थों को फ्रिज में रखने के बजाय, इन्हें ताजे और जल्दी से जल्दी उपयोग में लाना चाहिए। इससे न केवल स्वाद बनाए रखने में मदद मिलेगी बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी कम होंगे। भोजन को फ्रिज में स्टोर करना निश्चित रूप से एक उपयोगी प्रक्रिया है, लेकिन इसे लंबे समय तक फ्रिज में रखने से बचना चाहिए। ताजा भोजन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होता है। जितना हो सके, भोजन को ताजा ही खाएं और अगर फ्रिज में स्टोर करना जरूरी हो, तो उसे उचित समय के भीतर ही उपयोग कर लें। यह आदत हमें स्वस्थ और सुरक्षित रखने में मदद करेगी। Health Coach Tips यह भी पढ़ें जानिए रोज की जिंदगी में मखाने खाने के फायदे, पोशक तत्वों से है भरपूर….

1st Dengue Case In Dehradun: देहरादून में मिला डेंगू का पहला मरीज, चिकनगुनिया और मलेरिया ने भी दी दस्तक, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग

1st Dengue Case In Dehradun

1st Dengue Case In Dehradun: उत्तराखंड में मानसून के बीच राजधानी देहरादून में डेंगू ने दस्तक दे दी है। आपको बता दें कि देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू का पहला पॉजिटिव मरीज सामने आया है। इसके साथ ही चिकनगुनिया के दो मरीज और दो मलेरिया के संदिग्ध मरीज भी दून अस्पताल में भर्ती हैं। अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग | 1st Dengue Case In Dehradun देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज से सामने आए डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले की जानकारी मिलने के बाद से ही राज्य का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों से सतर्क रहने और लापरवाही नहीं बरतने की अपील की जा रही है। आपको बता दें कि कैंट विधानसभा के गोविंदगढ़ निवासी युवक की डेंगू एलिसा रिपोर्ट पॉजीटिव आई है जिसके बाद से ही मरीज का दून अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा डेंगू और चिकनगुनिया से बचने के कुछ तरीके बताए गए हैं। साथी लोगों से लापरवाही नहीं किए जाने की अपील की जा रही है। डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव कैसे करें ? 1st Dengue Case In Dehradun यह भी पढ़े | राजधानी में बढ़ता डेंगू का प्रकोप, 1 दिन में 55 जगह डेंगू के लार्वा मिलने से हड़कंप, जनता से सतर्कता बरतने की अपील जानें क्या है ब्रेक बोने फीवर के लक्षण और बचाव, मानसून आते ही फैलने की आशंका

Surprising Case From Jolly Grant Hospital: जौलीग्रांट अस्पताल से सामने आया हैरतअंगेज मामला, 7 महीने के बच्चे के पेट में मिला भ्रूण

Surprising Case From Jolly Grant Hospital

Surprising Case From Jolly Grant Hospital: देहरादून के हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस घटना में, एक सात महीने के बच्चे के पेट में एक मानव भ्रूण पाया गया, जिससे न केवल उसके माता-पिता बल्कि डॉक्टर भी चौंक गए। बच्चे का पेट असामान्य रूप से बढ़ रहा था, जिससे परिजन चिंतित हो गए और उन्होंने उसे तुरंत अस्पताल में दिखाने का फैसला किया। जांच में पता चला कि बच्चे के पेट में एक अविकसित भ्रूण मौजूद था। डॉ. संतोष सिंह, जो इस मामले को देख रहे थे, ने बताया कि इस स्थिति का पता गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड से लगाया जा सकता है, लेकिन कई बार यह जन्म के बाद ही पता चलता है। डॉ. सिंह ने बच्चे के पेट का सफल ऑपरेशन कर भ्रूण को हटा दिया, और ऑपरेशन के चार दिन बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट गया। 7 महीने के बच्चे के पेट में मिला भ्रूण | Surprising Case From Jolly Grant Hospital यह स्थिति इतनी दुर्लभ थी कि इसे समझने और निदान करने में विशेष सावधानी बरतनी पड़ी। इस स्थिति को ‘फीटस-इन-फीटू’ कहा जाता है, जहां एक भ्रूण दूसरे भ्रूण के भीतर परजीवी की तरह विकसित हो जाता है। यह चिकित्सा विज्ञान में एक असामान्य और दुर्लभ घटना है, जिसे अधिकतर मामलों में गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड से नहीं पहचाना जा सकता, और इसका पता जन्म के बाद ही चलता है। हिमालयन अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने इस जटिल स्थिति को समझा और बच्चे के पेट में मौजूद भ्रूण को निकालने के लिए ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। ऑपरेशन बेहद सफल रहा, और चार दिनों के भीतर बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। डॉक्टरों के इस प्रयास ने बच्चे को एक नया जीवन दिया, और अब वह अपने घर पर सुरक्षित और स्वस्थ है। Surprising Case From Jolly Grant Hospital यह घटना चिकित्सा जगत में एक अद्वितीय और असामान्य केस के रूप में दर्ज की जा रही है, जो न केवल डॉक्टरों के कौशल का प्रमाण है, बल्कि चिकित्सा विज्ञान की जटिलताओं और संभावनाओं को भी उजागर करती है। पांच लाख में से एक गर्भावस्था में होने की संभावना | Surprising Case From Jolly Grant Hospital डॉ. संतोष कुमार के अनुसार, ‘फीटस-इन-फीटू’ जैसी स्थिति अत्यंत दुर्लभ होती है, और इसका सामना लगभग पांच लाख में से किसी एक गर्भावस्था में ही हो सकता है। यह समस्या आमतौर पर तब सामने आती है जब एक से दो वर्ष की आयु तक बच्चे के पेट में असामान्य वृद्धि देखी जाती है। Surprising Case From Jolly Grant Hospital यह भी पढ़े |  सीएम धामी और सिंधिया ने किया दून एयरपोर्ट फेस -2 टर्मिनल का शुभारंभ, 10 गुना बढ़ेगी यात्री क्षमता | उत्तराखंड शासन एस्कॉर्ट गाड़ी से हुआ हादसा, 4 लोग घायल, तेज़ रफ्तार बनी कारण 2018 में शुरू हुई चुनावी बॉन्ड पर कोर्ट ने लगाई रोक, बताया असंवैधानिक |

Monkeypox Alert: क्या है मंकीपॉक्स वायरस, जानिए इसके लक्षण और बचने के उपाय……

Monkeypox Alert

मंकीपॉक्स क्या है? (Monkeypox Alert) मंकीपॉक्स एक वायरस जनित संक्रामक रोग है जो ज्यादातर अफ्रीका (Monkeypox Alert) के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। यह रोग “पॉक्सविरिडे” परिवार के वायरस द्वारा उत्पन्न होता है, जो चिकनपॉक्स और चेचक जैसे रोगों से संबंधित होता है। इसका नाम “मंकीपॉक्स” इसलिए पड़ा क्योंकि पहली बार इस वायरस की पहचान 1958 में बंदरों में की गई थी। मंकीपॉक्स के लक्षण (Monkeypox Alert) मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के बाद 7 से 14 दिनों के अंदर दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं: बुखार: उच्च तापमान जो सामान्य बुखार से ज्यादा होता है।राश: शरीर पर लाल और फफोले वाले दाने जो धीरे-धीरे गहरे हो जाते हैं।मांसपेशियों में दर्द: शरीर में दर्द और कमजोरी।गर्दन में सूजन: लिम्फ नोड्स में सूजन।थकान: सामान्य से ज्यादा थकावट और कमजोरी। कैसे फैल सकता है मंकीपॉक्स? (Monkeypox Alert) मंकीपॉक्स का प्रसार संक्रमित जानवरों से मानव में या फिर संक्रमित व्यक्तियों से दूसरे व्यक्तियों में हो सकता है। यह रोग इन तरीकों से फैल सकता है: सीधे संपर्क से: संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के संपर्क में आने से।संक्रमित जानवरों से: विशेषकर उन जानवरों से जो बीमारी के वाहक होते हैं।संक्रमित वस्तुओं से: जैसे कि बिस्तर, तौलिया आदि जो संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए हों। मंकीपॉक्स का उपचार और रोकथाम (Monkeypox Alert) मंकीपॉक्स का कोई खास इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा देखभाल की जाती है। चिकित्सक बुखार और दर्द को कम करने के लिए दवाइयाँ देते हैं। अगर रोग गंभीर हो, तो खास देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। रोकथाम के उपायों में शामिल हैं: स्वच्छता का ध्यान रखना: व्यक्तिगत स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखना।संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहना: अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो उचित सावधानी बरतें।वैकसीन: चेचक की वैक्सीन से कुछ हद तक सुरक्षा मिल सकती है, मगर मंकीपॉक्स के लिए विशेष वैक्सीन की उपलब्धता अभी सीमित है। मंकीपॉक्स एक गंभीर लेकिन नियंत्रित किया जाने वाला रोग है। इसकी पहचान और उपचार समय पर किया जाए तो रोगियों को पूरे तरीके से ठीक किया जा सकता है। स्वच्छता और जागरूकता इस रोग के प्रसार को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर आप मंकीपॉक्स के लक्षण अनुभव करते हैं या संदेह है, तो तुरंत डाक्टर को सूचित करें । Monkeypox Alert यह भी पढ़ें अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस, अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत…….

Doctor’s Protest in India: कोलकाता डॉक्टर रेप हत्या मामले में 17 अगस्त को देशभर में होगा विरोध प्रदर्शन, कई सेवाएं रहेंगी बाधित…..

Doctor's Protest in India

17 अगस्त को पूरे देशभर में डॉक्टरों द्वारा किया जाएगा (Doctor’s Protest in India) विरोध प्रदर्शन। डॉक्टरों की कई सेवाएं रहेंगी बाधित सिर्फ जरूरी सेवाएं होंगी उपलब्ध। देशभर में डॉक्टरों द्वारा होगा विरोध प्रदर्शन (Doctor’s Protest in India) कोलकाता में डॉक्टर के रेप हत्या मामले में पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है। महिला सुरक्षा को लेकर सभी लोगों में आक्रोश भरा हुआ है। कोलकाता डॉक्टर हत्याकांड मामले में सभी लोग जल्द से जल्द आरोपी को सजा की मांग कर रहे हैं। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की यह एक शर्मनाक और दुखद घटना है।आक्रोशित डॉक्टर और नर्स लगातार इस मामले पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके चलते 17 अगस्त को पूरे देश भर में डॉक्टर्स की कई सेवाएं बाधित रहेंगी। सिर्फ जरूरी सेवाएं ही होंगी उपलब्ध (Doctor’s Protest in India) आपको बता दे कोलकाता की डॉक्टर के रेप और हत्या को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने देश भर में आगामी शनिवार सुबह 6:00 बजे से रविवार सुबह 6:00 बजे तक डॉक्टर की सेवाएं बाधित करने की बात कही है। 17 अगस्त को सेवाएं बाधित होने के बीच सिर्फ जरूरी सेवाएं ही चालू रहेंगी, जिसमें रूटीन ओपीडी बंद रहेगी और वैकल्पिक सर्जरी नहीं की जाएगी। देश में 30 % महिला डॉक्टर हैं और 60% नर्स महिला हैं। सभी डॉक्टर और नर्स दिन रात की कड़ी मेहनत करते हैं, जिसके बाद किसी महिला डॉक्टर के साथ ऐसी घटना होना बहुत ही शर्मनाक बात है। देश के सभी डॉक्टर और नर्स एकजुट होकर इस बात का कड़ा विरोध कर रहे हैं। Doctor’s Protest in India यह भी पढ़ें अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस, अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत…….